शुक्रवार, नवंबर 22, 2013

कमजोर और दुर्बल है केंद्र सरकार: जोशी

 

शहर में सभा में कहां की वोट से बदल सकती है सूरत और सोच
चीन की सेना भारत की भूमि में घुस आती है और भारत के विदेश मंत्री को यह भारत चीन के मधुर संबंधों में किसी ‘मस्से’ की तरह नजर आती है। आतंकवादी देश में घुस कर भारतीय सिपाहियों की गर्दन काट कर ले जाते हैं और लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पाती। ऐसी सरकार के लिए कमजोर, दुर्बल के बजाए नपुंसक शब्द ज्यादा बेहतर लगता है। ये कहना है भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मानव संसाधन मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी का। वे शहर के कमानिया गेट में गुरुवार को आयोजित एक जनसभा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने जनता से कहा कि जल्द विधानसभा के बाद जल्द ही लोकसभा चुनाव होेने वाले हैं। जनता के वोट सूरतें भी बदल सकते हैं और सोच भी। उन्होंने कहा कि लोगों के वोट ही भविष्य की सूरतें और सोच का निर्धारण करेंगें। श्री जोशी ने कहा  अन्यथा बीमार, कमजोर, अशिक्षित व्यवस्था के चलते देश की सीमाओं पर इसी तरह आक्रमण होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनता का पैसा कहाँ से आता है और कहां जा रहा है इसकी जांच का जिम्मा उन्हीें के पास है। उन्होंने कहा कि जांच करते हुए उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मोबाईल तक में केंद्र सरकार ने 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया, कॉमन वैल्थ में, रेलवे में अफसरों की नियुक्ति में, तेल में और कोयले में भी घोटाला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकान ने जल, थल, नभ हर क्षेत्र में घोटाला किया।
सीबीआई आज्ञाकारी तोता
श्री जोशी ने कहा कि सीबीआई जैसी संस्था सरकार के आज्ञाकारी तोते की तरह काम कर रही है। पहले ये भ्रष्टाचार करने की इजाजत देते हैं और फिर जांच को दबाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट को खत्म करने करने की बात न कहने लगें।
जनतंत्र बना धनतंत्र
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए जनतंत्र, जन तंत्र नहीं बल्कि धन तंत्र बन गया  है, उन्होंने कहा कि जनता का पैसा जनता का है। लेकिन इनका हिसाब ऐसा है कि इनका हाथ जनता की जेब में होता है और इसके बाद पूंजीपति के साथ होता है। श्री जोशी ने कहां की कांग्रेस आंकड़ों का खेल खेल रही है।
पीएम और राहुल पर साधा निशाना
श्री जोशी ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि देश भर की आमदनी तीन गुना बढ़ गई है। उन्होंने जनता से सीधे सवाल पूछा कि क्या आपको ऐसा लगता है। श्री जोशी ने पीएम के उस वक्तव्य को भी आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला हक अल्पसंख्यकों का बताया था। उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि हवाई जहाज से चलने वाले नेता जमीन तो देखते हैं लेकिन जमीन के आदमी का दर्द हवाई जहाज से नहीं दिखाई देता। उन्होंनें कहा कि जनता को जमीनी नेता चाहिए जो उनका दर्द समझे।
कांग्रेस ने किया संस्कृति को नष्ट
उन्होंने कहा कि कांगे्रस ने भारत की संस्कृति का नष्ट किया और सांप्रदायिकता को बढ़ाया। उन्होनें कहा कि कांग्रेस की सरकार ने मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, झारखंड-बिहार, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का ही नहीं आंध्रप्रदेश का भी अकारण विभाजन कर दिया। उन्होंने कहा कि वे भाजपा पर तोड़ने का आरोप लगाते हैं वे तोड़ने की परिभाषा भी जानते हैं।

बुधवार, नवंबर 20, 2013

मौका परस्त है कांग्रेस- मोदी

शहर में सभा के दौरान कहा अंग्रेजों की तरह बांटो और राज करों के सिद्धांत पर काम कर रही कांग्रेस

जो पार्टी बार-बार मौका परस्त होकर बार-बार अपना नाम बदलती है निशान बदलती है उस पर कैसे विश्वास किया जाए। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कभी यह इंडियन नेशनल कांग्रेस हो जाती है कभी इंडिकेट तो कभी सिंडीकेट, उन्होने कहा कि ‘कांग्रेस आई- कांग्रेस गई।’ उन्होंने कहा कि कभी कांग्रेस में ‘आई’ का अर्थ ‘इंदिरा’ हुआ करता था जो वर्तमान में ‘आई’ का मतलब ‘इटली’ है। पहले कांग्रेस का निशान दो बैल की जोड़ी था, बैल थे जो खत्म हो चुके हैं। फिर गाय,बछड़ा का निशान था जो बांग्लादेश चले गए। अब कांग्रेस का निशान हाथ है, उन्होंने कहा कि ये पहले हाथ दिखाते हैं, फिर मिलाते हैं, फिर हाथ चालाकी दिखाकर हाथ आजमाते हैं फिर हाथ की सफाई दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि ये दिखाते एक हाथ हैं और दोनों हाथों से माल बटोरते हैं। इस बार तो कांग्रेस को कोई नारा ही नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा ये नाम बदलते हैं, नेता बदलते हैं, निशान बदलते हैं लेकिन इनकी नीयत नहीं बदलती। इस देश को शिकायत इस बात की है। यह कहना है भाजपा के स्टार प्रचारक वेटिंग इन पीएम एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का। वे शहर में पडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सांसद राकेश सिंह, भाजपा नगर अध्यक्ष विनोद मिश्रा एवं सभी विधानसभाआें के भाजपा प्रत्याशी मौजूद थे। श्री मोदी ने आगे कहा कि वोट बैंक की राजनीति कांग्रेस के ब्लड में हैं। उन्होंने कहा कि अगे्रज जो छोड़ कर गए थे इनके ब्लड में सारा भरा पड़ा है। कांग्रेस अंग्रेजो की तरह ही डिवाईड एंड रूल पॉलिसी पर बांटो और राज करो के सिद्धांत पर काम कर रही है। ये भाई को भाई, जाति को जाति, संप्रदाय को संप्रदाय से लड़ाते हैं। श्री मोदी ने कहा कि हमें हिंदूस्तान को आगे ले जाना है तो एकता भाईचारे से चलना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज को जोड़ने का काम कर रही है।
मैंने सुना है प्रधानमंत्री आए थे
श्री मोदी ने अपनी शैली में जनता से सीधे संवाद करते हुए कहा कि मैंने सुना है प्रधानमंत्री आए थे, और आप लोग उनका देखने भी नहीं गए। उन्होंने लोगों से कहा कि कम से कम उन्हें देखने तो जाना था, उन्हें बोलते हुए देखने का सौभाग्य मिल जाता, आपने मौका गवाँ दिया, फिर ऐसे प्रधानमंत्री आपको देखने नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि शिवराज जब शहर आते हैं तो अब तक किए काम और अधूरे कामों की चर्चा करते हैं प्रधानमंत्री ने यह भी जरूरी नहीं समझा, रेलवे का काम अधूरा पड़ा है, शहर को टूरिजम में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश के पीएम से जो अपेक्षाएं जनता को होती हैं उन्होंने यहां आकर वैसा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विकास से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस और विकास का छत्तीस का आंकड़ा है। कांग्रेस को सिर्फ वोट बैंक की राजनीति आती है। उन्होंने कहा कि शिवराज के शासन काल में महज 10 वर्षों में प्रदेश का टूरिजम देश का 5 फीसदी हुआ जो कभी राजस्थान का हुआ करता था। मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य घोषित करने का कलंक भी शिवराज ने धो दिया। कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में सड़कों पर जितने गड्ढ़े दिए शिवराज को दस साल तो उन्हें भरने में लग गए।
गुजरात से आगे निकलेगा मप्र
उन्होंने कहा कि गुजरात में विकास का कारण मोदी नहीं बल्कि गुजरात की जनता है जिसने तीसरी बार भाजपा को सत्ता में आने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश की जनता भाजपा को मौका देती है तो प्रदेश विकास में गुजरात से भी आगे निकल जाएगा, क्योंकि हम एक दूसरे से इस मामले में प्रतिस्पर्धा करते हैं। जबकि कांग्रेस भ्रष्टाचार, लूट, खसोट की प्रतिस्पर्धा करती है।
सी का मतलब करप्शन
श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के सी का मतलब करप्शन है। पूरी एबीसीडी इनके घोटालों से भरी पड़ी है, ए फॉर आदर्श घोटाला, बी फॉर बोफोर्स, सी फॉर कोल, उन्होंने कहा कि कोल में से हम बिजली बनाते हैं ये पैसा निकालते हैं और स्कूल के बच्चों की तरह फाईल भी गुमा देते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह फाइल खोई है उसी तरह हिन्दुस्तान से कांग्रेस भी खो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वादा खिलाफी के लिए मशहूर हे। रूपया आईसीयू में पड़ा है। अब तो ये दखना होगा कि रूपया गिरता है या दिल्ली की सरकार की आबरू। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से पूछो की तुम्हारे राज में बिजली कहां थी। 50 सालों में 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन हुआ और शिवराज ने 10 सालों में 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन कर दिया।
गणतंत्र नहीं घरतंत्र
उन्होंने कहा कि शहर में डिफेंस की फैक्ट्री होने के बावजूद केंद्र की सरकार आयुधों की यहां निर्माण कराने के बजाए कथित तौर पर कमाई के लिए आयात को बढ़ावा दे रही है। श्री मोदी ने कहा कि जल, थल और नभ किसी क्षेत्र को इन्होंने नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश चलाने में नहीं कारोबार चलाने में विश्वास है। इनके लिए ‘गणतंत्र’ नहीं ‘घरतंत्र’ है जो एक ही घर, परिवार से संचालित होता है। उन्होंने कहा कि हम गणतंत्र को गुणतंत्र के साथ जोड़ना   चाहते हैं। इन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने मैनीफेस्टो में 1 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही लेकिन किसी को रोजगार नहीं दिया। उन्होंने कहा कि झूठे वादे करने वालों को सत्ता में आने का अधिकार नहीं।
फिर बोले ‘शहजादे’
श्री मोदी उद्बोधन दे रहे थे इसी दौरान जनता ने शहजादे का नारा लगाया। उन्होंने भी चुटकी लेते हुए कहा कि इन दिनों शहजादे बड़े सोशल सार्इंटिस्ट बन गए हैं वे कहते है कि गरीबी कुछ नहीं होती यह केवल मन की एक अवस्था, स्टेट आॅफ मार्इंड है। उन्होने कहा कि ठंड, गर्मी, बाढ़, बीमारी के कहर बढ़ने से मरने वाला व्यक्ति गरीब होता है, उन्होंने कहा कि जिन्होंने बचपन में ही सोने की चम्मच से खाना खाया हो वे गरीबी क्या जाने। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के प्लानिंग कमीशन ने गरीबी का मजाक बना कर रख दिया। हमारी कोशिश होती है कि व्यक्ति भले ही गरीबी में पैदा हुआ हो लेकिन गरीबी में न मरे। हम गरीब को दरिद्र नारायण मानकर पूजा करते हैं। हम विकास की राजनीति नहीं राष्ट्रनीति, देश की भलाई करने वाले लोग हैं।
हम पर भी है माँ नर्मदा की कृपा
श्री मोदी ने सिर झुकाकर जनता जनार्दन को नमन करते हुए कहा कि जिस माँ नर्मदा की कृपा आप पर है उसी की कृपा हम पर भी बनी हुई है। श्री मोदी ने कहा कि यदि माँ नर्मदा की कृपा न होती तो गुजरात आज रेगिस्तान होता। यही वजह है कि उन्होंने माँ नर्मदा के प्राकट्य स्थल अमरकंटक में शहडोल की माटी को नमन किया। माँ दुर्गावती की वीर भूमि के साथ उन्होंने शहर को 55 ताल तलैयों  की भूमि कहते हुए प्रणाम करते हुए चुटकी लेते हुए कहा कि 55 ही हैं न वरना इस पर भी अगले दिन चर्चाओं का विषय बने।
स्व. रोहाणी को किया याद
उन्होंने कहा कि पिछली विधानसभा में भी वे शहर आए तब उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी भी थे। उन्होंने कहा कि उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।
वोट से लिखेंगे भाग्य रेखा
श्री मोदी ने कहा कि 25 नवंबर को आप वोट डाल कर मध्यप्रदेश की भाग्य रेखा लिखने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कैसे आगे बढ़ेगा, हिन्दुस्तान की विकास यात्रा में प्रदेश कैसे योगदान देगा, आदिवासी, दलित, गरीब, परिवारजन, गाँव, खेत, खलिहान सभी का ध्यान रख कर मतदान करें। उन्होंने कहा कि वोट देते समय कांग्रेस के कारानामों और बीजेपी प्रयासों को ध्यान में रख कर वोट करें।
वोट बैंक की राजनीति ने किया देश को तबाह
श्री मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने देश को तबाह कर दिया। जो वोट बैंक की राजनीति करते हैं विकास की बात आते ही उन्हें बिच्छू काट जाता है। उन्होंने कहा कि हम कब तक सुनते रहेंगे।
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  हर मोर्चे पर विफल रही काँग्रेस: राजनाथ सिंह

आजादी के बाद सत्ता में आने का मौका कांग्रेस को मिला लेकिन कांग्रेस आजादी के 70 सालों में कांग्रेस के हर प्रयोग विफल रहे। कांग्रेस के शासन काल में आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार ही नहीं बढ़ा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बजार में भी भारत की साख गिरी है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह का वे शहर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने अब्राहम लिंकन के जनता का जनता के लिए जनता द्वारा शासन की बात का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस इस अवधारणा पर भी असफल रही है और सिर्फ एक ही परिवार के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। कांग्रेस की मंशा सारे संसाधनों को झौंक कर सिर्फ सरकार बनाने की होती है। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन आया है अब आयोग को आॅनलाईन वोटिंग प्रारंभ करनी चाहिए।
खत्म हुआ निवेश का माहौल
श्री सिंह ने कहा कि भारत में कोषिय घाटा नियंत्रण से बाहर हो चुका है। आलम ये है विदेशी पूंजी के साथ देश की पूंजी भी बाहर जा रही है। उनहोंने कहा कि देश में पूंजी निवेश का माहौल पूरी तरह खत्म होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व एक विचारधारा है।
नक्सलवाद राष्ट्रीय समस्या
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद कोई राज्य की समस्या नहीं बल्कि राष्ट्रीय समस्या है इसे हल करने के लिए समग्र कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनकर जब रक्षा मंत्री पी चितंबरम ने कहा था कि नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही थी तब उन्हें अच्छा लगा था लेकिन इस बात का भी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने खिलाफत की थी।
केंद्र ने हमेशा किया भेदभाव
श्री सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश हो या छत्तीसगढ़ कोई भी राज्य केंद्र से आर्थिक मदद चाहता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा भेदभाव की राजनीति अपनाई। हाल ही में पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि प्रदेश को 83 हजार करोड़ रुपए दिए। इस बात पर श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में फिगर उनके पास नहीं हैं। उन्होंने आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल पर स्याही फेंके जाने की घटना की भर्त्सना की।
भारत रत्न के योग्य थे अटल
उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं रहती। बस लोगों पर विश्वास है। श्री सिंह ने कहा कि भारत रत्न सचिन तेदुलकर और एक वैज्ञानिक को दिए जाने से उन्हें कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई की छवि न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी है उन्हें भी यह पुरस्कार दिया जा सकता था।
...अरे राम-राम
दिग्विजय सिंह का नाम आते ही श्री सिंह के मुंह से ‘अरे राम-राम’ निकल गया। उन्होंने कहा कि उनका नाम आते ही रुक जाना बेहतर है। ‘खूनी पंजा’ मुद्दे पर उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने किसी व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं की।
तैयार कर रहे विजन डॉक्यूमेंट
रक्षा मामले में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश सचिव के भारत में आने के बाद जब उन्होंने विदेशी दूतावास में हुर्रियत नेताओं से चर्चा की बात कही तो इसका उन्होंने भी विरोध किया। यह सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हिसाब से भी उचित नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा विजन डाक्यूमेंट 2025 तैयार करा रहा है। राय-परामर्श करके विकास किया जाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान सांसद राकेश सिंह, भाजपा नगर अध्यक्ष विनोद मिश्रा, ग्रामीण अध्यक्ष मनीष दुबे सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद थे। इस दौरान शहर के भाजपा प्रत्याशियों से भी उन्होंने परिचय प्राप्त किया।

10 सालों में प्रदेश नहीं भाजपा के मंत्रियों का हुआ विकास: निरूपम


पूर्व विधानसभा के कटरा अधारताल कटरा तिराहे पर हुई आमसभा, सतीश चतुर्वेदी ने भी दिखाए तेवर

                      
भारतीय जनता पार्टी के शिवराज सिंह चौहान जिस विकास की बात करते हैं वह तो प्रदेश में कहीं नजर नहीं आता हाँ यह बात जरूर है कि पिछले 10 साल के भाजपा शासन काल में प्रदेश सरकार के सारे मंत्रियों का विकास जरूर हुआ  है। यह कहना है कांग्रेस के प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र के सांसद संजय निरूपम का। वे यहां अधारताल में कांग्रेस प्रत्याश लखन घनघोरिया के समर्थन में आयोजित  आम सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन काल होते हुए जिस सादगी से विधायक लखन घनघोरिया ने क्षेत्र में कार्य किया और लोकप्रिय हुए उसे कायम रखने के लिए जनता से अपील की कि उनका दोबारा चयन करें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में करोड़ों रुपए की राशि सिर्फ विज्ञापनों में उड़ा दी। पिछले चुनावों में भी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कई वादे किए 24 घंटे गांवों में बिजली देने की बात कहीं लेकिन हालात ये हैं कि गांवों में एक घंटे भी बिजली मुश्किल से मिल पा रही है। कि लाडली और अन्य नामों से बच्चियों के लिए योजना चलाई लेकिन आंकड़े उठाकर देखें पिछले 10 सालों में जिस तरह प्रदेश में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों के अनुपात में जो कमी आई वो पूरे देश में सबसे कम हैं। प्रदेश में 42 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार बन गए। किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी बाद में एक किसान का भी कर्ज माफ नहीं किया। श्री निरूपम ने कहा कि प्रदेश  में इसके   बावजूद भाजपा नागरिकों के आंखों में धूल झौंक रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अनेक सीएम प्रदेश देख चुकी है लेकिन अब तक किसी कांग्रेसी सीएम को अपने घर में नोट गिनने की मशीन नहीं खरीदनी पड़ी। उन्होंने कहा कि सीएम ही नहीं सीएम के साले और भाईयों के कारनामों की तो सीडी भी जारी हो चुकी है। सभा के दौरान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के पर्यवेक्षक सतीश चतुर्वेदी, नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव, आजम खान, टीकाराम कोष्टा सहित अनेक कांग्रेस जन उपस्थित थे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे विवादित
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के पर्यवेक्षक सतीश चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस को उनसे बेहतर कोई समझ नहीं सकता क्योंकि वो उसी क्षेत्र से 25 सालों तक नागपुर के उस क्षेत्र से विधायक चुने गए जो संघ का मुख्यालय कहलाता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘सौगंध राम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे’ उन्होंने कहा कि भाजपा में ऊपर से नीचे तक प्रतिनिधियों में कथनी और करनी में फर्क रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसका पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रिश्वत खोरी में तिहाड़ जेल में बंद है। दूसरा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर इंकम टैक्स का छापा किसी से छिपा नहीं है और तीसरा अध्यक्ष वह है जिसे भ्रष्टाचार की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने कहा जो देश का इतिहास नहीं जानते वे देश का भविष्य निर्माण भी नहीं कर सकते।

सोमवार, नवंबर 18, 2013

लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा रिश्वतखोर लेखापाल

 (लोकायुक्त पुलिस की टीम के साथ आरोपी लेखापाल काली जैकेट में )

पेंशन, ग्रेज्युटी और जीपीएफ के लिए 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया

 एक कर्मचारी से पैंशन, ग्रेज्युटी और जीपीएफ के लिए रिश्वत की मांग कर रहे शहर के जल संसाधन विभाग के बड़े बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा। इस कार्रवाई में विशेष बात ये रही कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कस्तूरबा गांधी महिला छात्रावास के सामने स्थित सिंचाई विभाग के  कार्यालय में जैसे ही लोकायुक्त पुलिस पहुंची वहां इस तरह हड़कंप मच गया कि मुख्य अभियंता सहित सभी अधिकारी, कर्मचारी कार्यालय से भाग खड़े हुए। कार्रवाई के दौरान कार्यालय में हड़कंप के साथ दहशत का माहौल ऐसा था कि लोकायुक्त पुलिस की टीम भी दंग रह गई।
लोकायुक्त पुलिस सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग की गोटेगाँव शाखा अमीन के पद पर प्रार्थी पदस्थ विजय कुमार वर्मा ने लोकायुक्त पुलिस से इस मामले में शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि श्री वर्मा 31 जनवरी को रिटायरमेंट होना है। रिटायरमेंट के बाद पैंशन, ग्रैज्युटी और जीपीएफ आदि फंड्स को नियत करने के नाम पर बड़े बाबू द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत में कहा गया था कि फंड्स क्लियरेंस के नाम पर बड़े बाबू अर्थात कार्यालय में लेखापाल के पद पर पदस्थ आरोपी विजय कुमार शर्मा उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। वाले
12 से 8 पर तय हुआ सौदा
शिकायत कर्ता विजय कुमार वर्मा ने बताया कि पहले आरोपी श्री शर्मा उनसे फंड्स क्लियर करने के नाम पर 12 हजार रुपए मांग रहे थे। काफी गुजारिश के बाद वे 10 हजार रुपए से एक रूपए कम करने तैयार नहीं थे, किसी तरह वे 8 हजार रुपए पर माने। इसी तय शुदा रकम की पहली किश्त 5 हजार रुपए  सोमवार को लेकर श्री वर्मा, लेखापाल के पास पहुंचे थे। लेखापाल कार्यालय में लोकायुक्त की टीम पहले से घेराबंदी जमाए हुए थी। जैसे ही श्री वर्मा ने लेखापाल विजय शर्मा को रकम दी, लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा।
ये थे टीम में शामिल
सोमवार को की गई कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त पुलिस की टीम में डीएसपी सतीश मिश्रा, एन.एस. धु्रवे के साथ निरीक्षक प्रभात शुक्ला, अजय तिवारी, प्रधान आरक्षक अशोक तिवारी एवं आरक्षक राकेश, युनूस एवं नरेंद्र मौजूद थे। 
शिकार बन चुके हैं कई ‘अमीन’
सिंचाई विभाग के सूत्रों की माने तो इस कार्यालय में विजय वर्मा कोई पहले शिकार नहीं हैं, इससे पहले भी कई‘अमीन’ लेखापाल ही नहीं इस कार्यालय में पदस्थ अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों की रिश्वत की डिमांड को पूरा कर चुके हैं। यह बात अलग है कि अब तक किसी ‘अमीन’ या अन्य कर्मचारी ने अपनी आवाज इस तरह बुलंद नहीं की। विभागीय सूत्रों ने बताया कि यही वजह थी कि लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापेमारी की कार्रवाई के दौरान विभाग से सारे अधिकारी-कर्मचारी भाग खड़े हुए।

दूसरी सूची जारी होने पर 123 से आगे बढ़ जाएगा खाली सीटों का आंकड़ा

 मामला फर्जी तरीके से मेडिकल में प्रवेश लेने वाले मुन्नाभाईयों का
एसटीएफ जल्द जारी कर सकती है दूसरी लिस्ट

एसटीएफ द्वारा की गई जांच पड़ताल में नये सिरे से जिन मुन्नाभाईयों के नाम सामने आये हैं उनका पता अभी नहीं चल पाया है लेकिन दूसरी लिस्ट की भनक लगते ही मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि दूसरी लिस्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेजों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। सरकारी, प्राइवेट और डेंटल कॉलेजों की अभी 123 सीटें खाली हैं। मुन्नाभाईयों की दूसरी सूची आने के बाद खाली सीटों की संख्या और बढ़ सकती है।
फर्जीवाड़ा कर जबलपुर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वाले मुन्नाभाईयों के खिलाफ पुलिस ने भले ही एफआईआर दर्ज कर ली है पर मेडिकल प्रशासन ने उन्हें अब तक निलंबित नहीं किया है। उधर यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि जब मुन्नाभाईयों के खिलाफ कार्यवाही की रूपरेखा महीनों पहले बन चुकी थी फिर पुलिस ने उन्हें भागने का मौका क्यों दिया। अब मुन्नाभाईयों की गिरतारी पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाएगी। बताया जाता है कि मेडिकल प्रशासन द्वारा महीनों पूर्व शासन व व्यापम को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया था किंतु एफआईआर दर्ज करने में गढ़ा पुलिस ने हददर्जे की लेटलतीफी की। विश्वसत सूत्र के कहे अनुसार इन मुन्नाभाईयों को बचाने तमाम कोशिशें की गर्इं, जिसको लेकर राजनैतिक दबाव भी प्रभावी रहे लेकिन अंतत: पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। उधर भोपाल सूत्रों ने बताया कि पीएमटी फर्जीवाड़े की दूसरी लिस्ट भी जारी होने वाली है। इस सूची में भी अनेक मुन्नाभाईयों के नाम दर्ज हैं। एसटीएफ द्वारा की गई जांच पड़ताल में नये सिरे से जिन मुन्नाभाईयों के नाम सामने आये हैं उनका पता अभी नहीं चल पाया है लेकिन दूसरी लिस्ट की भनक लगते ही मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि दूसरी लिस्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेजों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। सरकारी, प्राइवेट और डेंटल कॉलेजों की अभी 123 सीटें खाली हैं। मुन्नाभाईयों की दूसरी सूची आने के बाद खाली सीटों की संख्या और बढ़ सकती है। अब खाली सीटों पर एडमिशन की उमीद नहीं है। इससे मेडिकल कॉलेज भी परेशान हैं। अभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 43 सीटें खाली हैं। सरकारी मेडिकल् कॉलेजों में एमबीबीएस की 58 और बीडीएस की 22 सीटें खाली हैं। कुल खाली सीटों की संया 123 है।
करीब 92 संभावित मुन्नाभाई और शामिल
भोपाल सूत्रों ने बताया कि एसटीएफ द्वारा तैयारी की गई मुन्नाभाईयों की दूसरी सूची में करीब 92 नाम शामिल हैं। इन मुन्नाभाईयों में ज्यादातर पैसे खर्च कर पीएमटी की परीक्षा में पास हुए हैं जिनमें से अधिकांश चिकित्सा महाविद्यालयों में अध्ययनरत हैं। जल्द ही एसटीएफ यह सूची व्यापमं को सौंप सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले एसटीएफ ने 345 मुन्नाभाइयों की लिस्ट व्यापम को सौंपी थी। इसके बाद व्यापमं ने इनकी परीक्षा निरस्त कर दी थी। परीक्षा निरस्त होने के बाद मेडिकल कॉलेजों से 84 विद्यार्थियों को बाहरकर दिया गया है।
सप्ताह जारी हो सकती है लिस्ट
भोपाल सूत्रों ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पीएमटी फर्जीवाड़े में शामिल मुन्नाभाइयों की दूसरी सूची भी तैयार कर ली है जो संभवत: इसी सप्ताह जारी हो सकती है। व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने भी सूची मिलते ही की जाने वाली कार्यवाही की रूपरेखा तैयार कर ली है। एसटीएफ ने पीएमटी फर्जीवाड़े में पकड़े गए डॉ. संजीव शिल्पकार और अन्य से पूछताछ के आधार पर दूसरी लिस्ट बनाई है।   



रविवार, नवंबर 17, 2013

26 मुन्नाभाईयों पर प्रकरण दर्ज


सभी मेडिकल कॉलेज के हैं छात्र, धोखाधड़ी के मामले में तलाश शुरू

फर्जी तरीके से नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एडमीशन लेने वाले 26 मुन्नाभाईयों के खिलाफ रविवार को धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया। टीआई गढ़ा श्री बी एस राजपूत ने बताया कि शनिवार को डाक्टर वी.के. गुहा, सह प्राध्यापक मेडिकल कालेज द्वारा डीन मेडिकल कालेज के द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गयी। शिकायत में कहा गया कि पीएमटी प्रवेश परीक्षा 2008-2009 में प्रवेश के लिए चंद्र प्रकाश   सिंह, मनोज कुमार उईके,  कु प्रियका मरावी,  राजेश कुमार आर्मेा,  राकेश कुमार उद्दे, कु0 संध्या परस्ते,  शैलेन्द्र परस्ते, अनिल कुमार मौर्य, कुलदीप पवईया,   शैलष कुमार, विवेक मामोरिया, नागेन्द्र राजपूत,  सुनील मण्डलोई, मुलेन्द्र सिह सैयाम, राजकुमार ध्ुार्वे,  संजीव कुमार यादव, अरविंद कुमार, ज्योतिरादित्य मरावी, अर्जुन सिंह,  नटवर लाल चैहान, सोनाली श्याम, पिंकी निगवाल,  नितेश कुमार सिंह, संदीप कुमार सैयाम, भूरा सिंह पिप्पल, राजकुमार साहू के द्वारा  मूल दस्तावेज में बेईमानी से छल कपट कर कूट रचना कर गलत फोटो लगाकर मेडिकल कालेज जबलपुर मे प्रवेश लिया गया और इस तरह सभी ने धोखाधडी की गयी । शिकायत पर  सभी 26 आरोपियों के विरूद्ध धारा 419,420 भादवि एवं 3/4 परीक्षा अधिनियम 1982 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना मे लिया गया। 

नकारात्मक राजनीति कर रही है भाजपा

 

मनमोहन सिंह ने शहर में ली जनसभा, केंद्र की योजनाओं गुणगान के साथ मोदी का नाम लिए बिना साधा निशाना

देश में भाजपा के शीर्ष नेता नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। ऐसा क्यों हुआ और कौन इसका जिम्मेदार है उन्हें जवाब देना होगा। यह लोकतंत्रात्मक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं। सत्ता के उत्साह में सिर्फ दूसरों की निंदा, व्यक्तिगत आरोप, दूसरों की नीचा दिखाने की भाजपा की राजनीति न जाने देश को किस दिशा में ले जाएगी। ये कहना है देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का वे जबलपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल क्रीड़ांगन में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित आम सभा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के एक नेता ऐतेहासिक तथ्यों को तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं। मनमोहन ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पद या अन्य जिम्मेदारी दी जाती है तो उसे कुछ बोलने से पहले सोच विचार करना चाहिए। बीजेपी सिर्फ अवरोध, अपमान और असत्य की नकरात्मक राजनीति कर रही है। यही नही विकास के पुल भी बांध रही है। मनमोहन ने कहा कि भाजपा को इस बात का इल्म नहीं कि उनकी इन्हीं हरकतों की वजह से 17 साल उनका साथ देने वाली पार्टी भी उनका साथ छोड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा वही पार्टी है जिसे सरदार पटेल ने सांप्रदायिक करार देते हुए रोक लगाई थी। 1191 में देश के आर्थिक विकास का इसी पार्टी ने विरोध किया यही नहीं कंप्युटरी करण का भी पुरजोर विरोध करने वाली यही पार्टी थी। भाजपा का इतिहास उठाकर देख लें इनकी कोई उपलब्धियां नहीं है। इनकी प्रारंभ से अब तक सकारात्मक विचारधारा नहीं रही। उन्होंने दो टूक कहा कि जिस पार्टी की सोच अलगाववादी है उसे फिर मौका न दें। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को सोच समझ कर वोट कर प्रदेश में जो निराशा का माहौल फैला है उसे दूर करें और कांग्रेस के हाथ मजबूत करें। सभा में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रभारी प्रकाश मोहन, प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा और नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।
मनमोहन ने तोड़ा मौन
मनमोहन ने अपने उद्बोधन की शुरूआत सेठ गोविंददास और पंडित रविशंकर शुक्ल को याद करते हुए की। मनमोहन ने शहर के मतदाताओं से अपील की कि कुछ दिनों से नेताओं की बहुत बातें आपकों सुनने मिल रहीं हैं उन्होंने अनुरोध किया कि सभी जांच परख कर मताधिकार का प्रयोग करें। मनमोहन ने कहा कि वे यूपीए सरकार के कार्यों का रिकार्ड आपके सामने प्रस्तुत करने आए हैं। उन्होंने कहा कि देश के महान नेताओं ने जिस देश की कल्पना की थी उसी को साकार करने की दिशा में वे तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी उपलब्धियां आपके सामने है। उन्होंने कहा कि देश की गरीबी पहले की तुलना में 3 गुना घटी, भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुर्इं। 2 साल से देश में पूरी तरह से पोलियो पर काबू पा लिया गया। शिक्षा से लेकर भोजन का भी कानून बना। हर रोज देश के 11 करोड़ बच्चों को खाना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  देश में शैक्षणिक संस्थानों की संख्या के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता में भी बढ़ोत्तरी हुई। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा गांवों में रहता है सरकार के प्रयासों से किसानों की आमदनी में दुगने से भी ज्यादा की बढ़ोत्तरी के साथ रिकार्ड पैदावार हुई। मनरेगा के जरिए 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हर पांचवे घर के व्यक्ति को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि किसी भी योजनों को बनाते से समय मध्यप्रदेश का भी ध्यान रखा जाए इस बात का ध्यान कमलनाथ इस बात का ध्यान रखते हैं। मनमोहन ने कहा कि 2004 से 2013 तक मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान के लिए मध्यप्रदेश को 83 हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई। मध्यप्रदेश के विकास के लिए प्रदेश सरकार को पिछले वर्ष 18 हजार 22 सौ करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई जिससे ग्वालियर बायपास, एनटीपीसी प्रोजेक्ट, अमलाई, भोपाल से बीना रेलवे लाईन आदि का कार्य हो रहा है जिसके 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है।
प्रदेश ने नहीं उठाया केंद्र की योजनाओं का लाभ
मनमोहन ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों के लिए जो योजनाएं बनाती है मध्यप्रदेश  सरकार ने इन योजनाओं का लाभ नहीं उठाया। प्रदेश में लिंग अनुपात 932 से 312 पर आ गया है। आम आदमी की आय देश के 22 राज्यों से पीछे चल रही है। सड़कों हालात खराब हैं न जाने प्रदेश की भाजपा सरकार किस विकास की बात कर रही है।


शनिवार, नवंबर 16, 2013

खतरे में है प्रजातंत्र की विश्वसनीयता: दिग्विजय





बरगी विधानसभा में की आमसभा
                                              
भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते कुछ हैं करते कुछ यही वजह है कि वर्तमान में लोकतंत्र की विश्वसनीयता खतरे में है, कांग्रेस जो कहती है वो करती है। 5 हॉर्स पावर बिजली की बात हो या एक बत्ती कनेक्शन की, शिक्षित बेरोजगारों की पंचायतों में नौकरी की बात हो या पट्टे देने की, 1993 से अब तक हमने जो कहा सो कर के दिखाया है। यह कहना है कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का वे बरगी विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी बाबू सोबरन सिंह के समर्थन में तेवर में आयोजित जनसभा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 2003 के चुनावों में नरेंद्र मोदी ने मप्र को गुजरात से बिजली देने का वादा किया, शिवराज ने किसानों के कर्ज माफ करने, बिजली देने जैसी 8 हजार घोषणाएं की, जिनमें से एक भी पूरी नहीं हुई।
पंचायतों में प्रति व्यक्ति खर्च आठ सौ
दिग्विजय ने कहा कि शिवराज ने अपने निवास पर कई नाईयों, मोचियों सहित अन्य लोगों की पंचायतें की, इनमें प्रति व्यक्ति को दो तीन मिठाईयां और चाय पिलाई गई। इन पंचायतों में जो घोषणाएं हुई उन पर आज तक लिखित आदेश जारी नहीं हुए। ऊपर से प्रति व्यक्ति 50 से 60 रुपए तक आने वाले खर्च को 800 रुपए दर्शाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इसी तरह के फर्जीवाड़ों में जुटी रही। बीपीएल सूची में गरीबों के नाम नहीं कथित तौर पर भाजपा के दलालों और पूंजीपतियों के नाम जोड़े गए। केंद्र से सस्ती दरों पर जो अनाज भेजा गया उसमें से जनता को मिलना 35 किलो चाहिए था लेकिन 18 किलो अनाज की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा तुम भी खाओ हमें भी खिलाओं के सिद्धांत पर काम कर रही है।
शिवराज, अजय करे मानहानि का दावा
दिग्विजय ने कहा कि अजय विश्नोई ने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए भयंकर भ्रष्टाचार किया। इसी तरह शिवराज सिंह चौहान के परिवार के लोगों की स्थिति ये है कि गुरुवार को ही उनके भाई नरेंद्र सिंह द्वारा 20 लाख रुपए एक ठेकेदार से मांगे जाने की सीडी जारी हुई है। उन्होने कहा कि शिवराज सिंह का पूरा परिवार रेत के ठेके में शामिल है। दिग्विजय ने आरोप लगाया कि लक्ष्मीकांत शर्मा के कार्यकाल में व्यापम में 1 हजार मुन्नाभाईयों को एमबीबीएस कराने की कोशिश की गई। कंट्रोलर पंकज द्विवेदी सहित अधिकांश मुन्नाभाई भी हवालात में बंद हैं। उन्होंने दावा किया कि पंकज के कॉल रिकार्डस चैक किए जाए कि उन्हें घोटालों के दौरान कितने फोन सीएम आवास से आए थे। उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं में सामर्थ्य है तो उनके खिलाफ मानहानि का दावा करें। उनके पास इसके  पुख्ता प्रमाण मौजूद हैं।
मुक्त होगी सीलिंग की भूमि
दिग्विजय ने कहा कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आती है तो सीलिंग भूमि को मुक्त किया जाएगा। पांच हार्स पावर की बिजली किसानों को मुफ्त मिलेगी और विधवा एवं विकलांग पेंशन को डेढ़ सौ रुपए से बढ़ाकर साढ़े 7 सौ रुपए किया जाएगा।
खतरे में हैं राजनाथ
मोदी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि केशु भाई पटेल, शंकर सिंह बाघेला, लालकृष्ण आडवाणी, हीरेन पटेल ऐसे लोग है   जिन्होंने मोदी का समर्थन किया और बाद में इनके कांधों का सहारा लेकर आगे आए मोदी ने इनके साथ क्या किया किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि अब राजनाथ सिंह मोदी को समर्थन दे रहे हैं।
यह क्या किया साले साहब
बरगी के कांग्रेस प्रत्याशी बाबू सोबरन सिंह ने कहा कि वे क्षेत्र के बच्चों को अपना बच्चा मानते हंै और शिवराज उन्हें भांजा मानते हैं। सोबरन ने कहा कि इस तरह रिश्ते में शिवराज उनके साले लगे। उन्होंने के कहा कि उनके साले ने अटल योजना के नाम पर 24 घंटे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली देने के वादा तो किया लेकिन ग्रामीणों को अब भी महज 4 घंटे बिजली मिल रही है। उन्होंने कि बहनोई ने ग्रामीणों के साथ धोखेबाजी की। दिग्विजय से बरगी चरगवाँ में तहसील कार्यालय, 24 घंटे बिजली, सीलिंग एक्ट हटाने और क्षेत्र को भाजपाइयों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की। सभा में कांग्रेस पर्यवेक्षक सतीश चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा, संजय यादव,राममूर्ति मिश्रा, विष्णू शंकर पटेल, कीर्तन व्यास, कौशल्या गौंटिया, अंजू सिंह बघेल, ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राधेश्याम चौबे, महिला अध्यक्ष अनुभा शर्मा, सौरभ नाटी शर्मा, संजय राठौर, शशांक शर्मा, ठाकुर विजय सिंह, दालचंद मल्लाह सहित अन्य कांग्रेस जन एवं हजारों की तादाद में क्षेत्र के नागरिक उपस्थित थे।

शुक्रवार, नवंबर 15, 2013

बरगी के जदयू प्रत्याशी गिरफ्तार





चैक बाउंस मामले में ले गई भोपाल पुलिस, कांग्रेस छोड़ जदयू में हुए थे शामिल, कांग्रेस के साथ भाजपा को भी नजर आ रहा था खतरा

कांग्रेस में टिकिट वितरण से असंतोष की वजह से पार्टी छोड़ कर जनता दल युनाईटेड से बरगी विधानसभा प्रत्याशी बने सूरज जायसवाल को शनिवार सुबह  सिविल लाइन थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भोपाल पहुंचते ही सूरज ने बेल भी करा ली। भोपाल एवं जिला पुलिस ने जहां इसे चैक बाउंस होने पर प्रकरण दर्ज कर सामान्य कार्रवाई बताया वहीं जदयू प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव ने इसे पूरी तरह राजनीति से प्रेरित मामला करार दिया।
भोपाल पुलिस के साथ गई सिविल लाईन थाना पुलिस
पूर्व छात्र नेता एवम
विधान सभा क्षेत्र बरगी
ज.द.यू. प्रत्याशी
सीएसपी ओमती अजीम खान ने बताया कि भोपाल में पांच साल पहले सूरज जायसवाल के खिलाफ कोई चैक बाउंस का मामला बना था। इसी पर धारा 138 के तहत वारंट तामीली के लिए शनिवार सुबह भोपाल पुलिस सिविल लाइन थाने पहुंची। सिविल लाइन थाना पुलिस ने न सिर्फ आरोपी सूरज जायसवाल को गिरफ्तार कर भोपाल पुलिस को सौंपा बल्कि थाने के एक एसआई और दो हवलदार आरोपी के साथ ही भोपाल रवाना हुए।


जो पांच साल में नहीं हू एक दिन में कैसे हो गया
जनता दल युनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव ने कहा कि प्रदेश में जनता दल युनाईटेड एवं गौड़वाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन हो जाने की वजह से पूरी प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी  में हड़कंप का माहौल है। यही वजह है कि पांच साल पुराने मामले में अचानक एक दिन में कार्रवाई हो गई। अचानक डीजीपी ने आईजी भोपाल, आईजी ने एसपी भोपाल और एसपी ने टीआई को तत्काल कार्रवाई कर गिरफ्तारी के निर्देश जारी कर दिए।

बरगी में भाजपा कांग्रस के खिलाफ जबरदस्त विरोध
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश के साथ बरगी में भी भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ जबरदस्त विरोध का माहौल है। इस बात से क्षेत्र के मतदाता ही नहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी भी जानते हैं कि जदयू, गौगपा गठबंधन के साथ सूरज जायसवाल का क्षेत्र में जबरदस्त जनाधार है।

गुरुवार, नवंबर 14, 2013

गुरुओं के गुरु हैं सांई बाबा- आचार्य देशमुख

 

नवनिर्मित सिविल लाइन्स मंदिर में वेद मंत्रों की गंूज के बीच विराजे सांई बाबा,ज्ञानयज्ञ सप्ताह का शुभारंभ

 गुरुओं के गुुरुसांई बाबा ने अपना संपूर्ण जीवन सादगी व फकीराना अंदाज में बिता दिया। अपने जीवन काल से लेकर आज तक वह अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि कर रहे हैं। वस्तुत: करूण, प्रेम और वासल्स्य जैसे गुणों ने सांई बाबा को गुरूओं का भी गुरू बना दिया। यह कहना है आचार्य सूर्यकांत देशमुख का। यह बात उन्होनें सिविल लाइन्स स्थित नवनिर्मित सांई मंदिर में गुरुवार को सांई बाबा की प्रतिमा की प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आयोजित धर्मसभा में कही।
 महोत्सव परंपरागत ढंग से अपार श्रद्धा के बीच संपन्न हुआ। इसके अलावा विविध धार्मिक अनुष्ठानों की धूम रही। यज्ञाचार्य पं. सूर्यकांत देशमुख,सांई बाबा मंदिर पुरोहित राधेश्याम दुबे, रवि पांडेय एवं अन्य वेद पाठियों गोदाबरी माता की शिष्या माधवी ताई, जाग्रति ताई एवं साधना देशमुख के सानिध्य में सांई बाबा की प्रतिमा की स्थापना गाजे-बाजे ढोल- नगाड़े, मंजीरे और घड़ियालों की थाप वैदिक मंत्रों की गूंज एवं जय सांई बाबा के गगनभेदी जयघोष के बीच तथा भक्तिमय माहोल में धार्मिक धुनों की थाप पर नाचते गाते अपार जनसमूह के बीच पूर्ण विधि विधान एवं सांई की स्तुति गान तथा सांई मंत्रों के पाठों एवं धार्मिक अनुष्ठानों के बीच सांई बाबा को स्थापित किया गया। श्री सांई बाबा समिति के कार्यकर्ताओं में सहसा उपजी सक्रियता ने  कुछ ही दिनों के भीतर सांई बाबा की प्रतिमा की स्थापना मंदिर बनाकर करेंगे। उनकी सार्थक मेहनत एवं साधना आज कार्यरूप में परिणित होगी और हमेशा के लिए सांई की भव्य प्रतिमा को यहां स्थापित कर दिया गया। शिर्डी की तर्ज पर बनी सांईबाबा की मनमोहक प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उल्लासित वृद्ध नर-नारियों का समूह हजारों की संख्या में उमड़ पड़ा। मंदिर परिसर में इन्द्रधनुषी दृश्य की झलक दिखाई पड़ी।

बुधवार, नवंबर 13, 2013

अब नहीं रहा एंटी इन्कविनिएंसी फैक्टर: सुषमा

सुषमा स्वराज

अक्सर जो पार्टी सत्ता में होती है उसे लेकर अब तक कहा जाता रहा है कि सत्ताधारी दल से एंटी इन्कम्वेंसी फैक्टर है लेकिन प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की शिवराज के नेतृत्व में बनी सरकार से एंटी इन्कंवेंसी फैक्टर नहीं बल्कि प्रो कंवेंसी फैक्टर है। भाजपा नकारात्मक वोट नहीं बल्कि सकारात्मक वोट मांग रही है। ये कहना है लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज का। यह बात उन्होंने शहर प्रवास के दौरान एक प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बुधवार से प्रदेश में औपचारिक रूप से प्रचार की शुरुआत भाजपा नेता कर रहे हैं।
घोषणा पत्र को बताया नकल
इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ लोक लुभावनी योजनाओं और घोटाले करने का आरोप लगाया था। इस बात के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा की जिन योजनाओं को कांग्रेस अब तक लोक लुभावन करार दे रही थी उन्हीं योजनाओं को नाम बदल कर अपने घोषणा पत्र में नकल की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र कल्पनाशीलता, नकल और लफ्फाजी के अलावा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा पर कांगे्रस ने एक लाख 45 हजार करोड़ के घोटालों को आरोप लगाया है इसका तुलनात्मक अध्ययन करें तो कांग्रेस के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और कोल घोटाले में इससे कई गुना अधिक का घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा में सिर्फ आरोप लगे हैं। हालांकि उन्होंने लोकायुक्त द्वारा 13 भाजपा मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मामलों में चार्ज शीट न दिए जाने के मामले में कहा कि लोकायुक्त को न्यायालय को दस्तावेज उपलब्ध कराने चाहिए।
अवैध उत्खनन के आरोप को बताया निराधार
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोप की बेल्लारी हो या अन्य जगह जहां सुषमा जाती हैं वहां अवैध उत्खनन शुरू हो जाता है इस आरोप पर पूछे गए सवाल को सुषमा ने निराधार बताया
दो सीटों से लड़ सकते हैं चुनाव
शिवराज के दो विधानसभाओं बुधनी और विदिशा से चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि सोनिया भी दो जगहों से चुनाव लड़ी थीं। उन्होंने कहा कि जब आयोग को कोई समस्या नहीं है तो कांग्रेसियों को इससे समस्या क्यों है। उन्होंने राघवजी के मामले को शर्मसार करने वाला बताते हुए कहा कि पार्टी इस बार पिछली बार की अपेक्षा अधिक सीटों पर आएगी।

सोमवार, नवंबर 11, 2013

नर्म पड़े बागियों कें तेवर





पार्टियों ने ली राहत की सांस, 11 ने नाम लिए वापस

विधानसभा निर्वाचन 2013 में मंगलवार का दिन पार्टियों के लिए संकट मोचन का दिन रहा। नाम वापसी के लिए निर्धारित किए गए इस दिन भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस नेताओं ने भी राहत की सांस ली। मंगलवार को करीब 11 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने चुनाव से अपने नाम वापस ले लिए। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के दौरान पार्टी के रुख से खफा होकर जिन बागियों ने पर्चे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भरे थे उन्होंने तो पर्चे वापस ले लिए लेकिन जो दूसरे दलों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं वे तैयार नहीं हुए।
इन्होंने नाम लिए वापिस
नाम वापसी के दिन बरगी विधान सभा से जगत बहादुर सिंह एवं मांगीलाल मरावी ने, उत्तर विधानसभा से निशा संजय राठौर एवं महेश पटेल, पश्चिम विधानसभा से दिलीप पटेल एवं गुरमीत सिंह माखीजा, कैंट से विजय जैन, सिहोरा से ज्योति देवी बरकड़े ने एवं पनागर विधानसभा से राधेश्याम चौबे, सिध्दार्थ पटेल एवं राजकुमार पटेल ने चुनाव से अपने नाम वापस लिए।
बदल गए समीकरण
उत्तर विधानसभा से 4 बागी प्रत्याशियों में दो तो मान गए लेकिन कांग्रेस से सपा में पहुुंची हीराबाई और भाजपा के चोखेलाल कोष्ठा अब भी मैदान में है जो दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पश्चिम विधानसभा लगभग मुख्य दलों से रूठ कर पर्चा दाखिल करने वाले लगभग सभी प्रत्याशी मान गए। पनागर में कांग्रेस से रूठे राधेश्याम चौबे की नाम वापसी के बाद कांगेस नेताओं ने राहत की सांस ली वहीं सिहोरा में भाजपा की ज्योति बरकड़े की नाम वापसी के बाद पार्टी जनों ने राहत की सांस ली। बरगी में कांग्रेस के मांगीलाल मरावी तो मान गए लेकिन कांग्रेस से रूठे सूरज जायसवाल पूरी उर्जा के साथ जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं जो पार्टी उम्मीदवार को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

नाम वापसी की प्रक्रिया के दौरान निम्न अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापस लिये गये:-

विधानसभा क्षेत्र बरगी:
1.जंग बहादुर सिंह राजपूत
2.मांगीलाल

विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर:
1.निशा संजय राठौर
2.महेश पटेल

विधानसभा क्षेत्र जबलपुर केंट:
1.विनय कुमार जैन

विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पश्चिम:
1.दिलीप पटेल
2.गुरमीत सिंह माखीजा (पप्पू)

विधानसभा क्षेत्र पनागर:
1.राजेन्द्र सिंह पटेल
2.पं. राधेश्याम चौबे
3.सिद्धार्थ रूपेन्द्र पटेल

विधानसभा क्षेत्र सिहोरा:
1.ज्योति देवी

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रविवार, नवंबर 10, 2013

महज दस सालों में बदल गई तस्वीर




बरगी विधायक
प्रतिभा सिंह 
किसी ने बढ़ाई शैक्षणिक योग्यता कोई बना संपन्न

विधानसभाओं में विधायक बनने के बाद पिछले दस सालों में विधायकों ने अपने क्षेत्रों की तस्वीरें बदली या नहीं बदली ये तो क्षेत्र के लोग ही बेहतर जानते हैं लेकिन इन 10 सालों में विधायकों की तस्वीर जरुर बदल गई। विधायकों के लारा नाम निर्देशन पत्रों में दिए गए एफिडेविड इस बात को बयान कर रहे हैं।
10 सालों में बब्बू ने पास करली 10 वीं की परीक्षा
हरेंद्रजीत सिंह "बब्बू"
उत्तर मध्य
 विधायक
पश्चिम क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी हरेंद्रजीत सिंह बब्बू वर्ष 2003 में जहां महज 8 वीं कक्षा पास थे वहीं वर्ष 2010 में उन्होंने डिंडौरी के एक स्कूल से 10 वीं कक्षा की परीक्षा पास करली। 2003 में जब बब्बू ने चुनाव लड़ा तो उनके हाथ में महज 4 हजार रुपए एवं पत्नी के हाथ में 22 सौ रुपए थे। बैंक खातों में दंपत्ति के पास करीब साढ़े 16 लाख रुपए एवं एक इंडिका कार के साथ नैनपुर में विरासत में मिली संपत्ति में 7 लाख रुपए का हिस्सा था। तब उन पर करीब साढ़े 6 लाख रुपए का ऋण था। वर्तमान में बब्बू के हाथ में नगद साढ़े 3 लाख रुपए एवं उनकी पत्नी के हाथ में 51 हजार रुपए नगद हैं। इस तरह बब्बू कुल 38 लाख 98 हजार रुपए की एवं उनकी पत्नी 23 लाख रुपए की चल संपत्ति के मालिक हैं। पहले जहां उनके पास सिर्फ एक इंडिका कार थी वहीं अब वे साढ़े 8 लाख रुपए की ओपेल तवेरा एवं साढ़े 13 लाख रुपए की इंडीवर कार के भी मालिक हैं। अब नैनपुर की प्रापर्टी के साथ शहर और भोपाल में प्लाटों सहित बब्बू करीब डेढ़ करोड़ रुपए एवं उनकी पत्नी सवा करोड़ रुपए की संपत्ति की मालिक हैं।
कार से स्कूटर पर आए शरद
पाटन विधायकअजय विश्नोई
उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक महज 10 साल में स्कूटर से कार पर आ गए। वर्ष 2003 में उनके लारा निर्वाचन कार्यालय को दिए गए एफिडेविड में चुनाव के पूर्व उनके पास महज एक 4 हजार रुपए का स्कूटर, हाथ में 1 लाख 74 हजार रुपए, 14 हजार रुपए नगद सहित करीब 20 लाख रुपए की चल एवं अचल संपत्ति थी। वहीं वर्ष 2013 में वे करोड़पति बन चुके हैं। उनके पास 16 लाख 53 हजार रुपए की अचल संपत्ति के साथ अब 1 करोड़ 30 लाख रुपए की अचल संपत्ति भी है। डेढ लाख रुपए के आभूषणों के साथ अब स्कूटर ही नहीं वे कार के भी मालिक हैं। उनके पास 84 हजार रुपए की एक रिवाल्वर भी है। उनकी आमदनी का जरिया उन्होंने विधायक को मिलने वाला मानदेय बताया है जो सालाना 1 लाख 20 हजार रुपए है। 
अस्पताल व्यवसाय से बिल्डरशिप में आए अजय
पाटन के भाजपा प्रत्याशी अजय विश्नोई ने 10 साल पहले जब पर्चा भरा तो उनके हाथ में महज 18 हजार रुपए थे। बचत खाते में 80 हजार, 1 लाख रुपए की एफडी, 12 हजार के बांड, 5 लाख रुपए की एलआईसी और 50 लाख रुपए का नया गांव में आवास था। 10 साल बाद अब उनके पास करीब 60 लाख रुपए की जबकि पत्नी के पास 94 लाख रुपए की चल संपत्ति है। इस के साथ ही अजय 1 करोड़ 90 लाख रुपए की अचल संपत्ति के मालिक हैं जबकि उनकी पत्नी 1 करोड़ 20 लाख रुपए की संपत्ति की मालिक हैं। कृषि स्नातक अजय पूर्व में नेशनल अस्पताल में भागीदार थे लेकिन अब भागीदारी के साथ वे बिल्डर भी बन चुके हैं।
जीप से सफारी पर आर्इं प्रतिभा
बरगी विधायक प्रतिभा सिंह ने जब वर्ष 2003 में पर्चा दाखिल किया तो उनके हाथ में नगदी 50 हजार रुपए, 50 तोला सोना, 5 किलो चांदी और 5 लाख रुपए की जमीन के साथ 6 लाख रुपए का लोन था। वर्तमान में वे 51 लाख 76 हजार रुपए की चल और 2 करोड़ 83 लाख 77 हजार रुपए की मालिक हैं। पहले जहां वे जीप से चला करतीं थीं अब उनके पास सफारी भी है।

शनिवार, नवंबर 09, 2013

धराशाई होगा आसाराम का आश्रम


जिला प्रशासन ने भी गिराई गाज


लम्हेटाघाट स्थित कथित संत आशाराम के आश्रम को जल्द ही धराशाई किया जा सकता है। आश्रम को न तोड़े जाने के संबंध में श्री योग वेदांत समिति ट्रस्ट द्वारा जिला दंडाधिकारी न्यायालय में लगाई गई आश्रम को न तोड़े जाने के संबंध में दायर याचिका को शुक्रवार को जिला दंडाधिकारी ने खारिज कर दिया।
 गौरतलब है कि जिला दंडाधिकारी न्यायालय में यह प्रकरण आशाराम आश्रम की योगवेदांत समिति ट्रस्ट की ओर से सहदेव ठाकुर (31) ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद भेड़ाघाट जबलपुर के 11 अक्टूबर को जारी आदेश क्रमांक 1052/अवैध निर्माण/न.प./13 के विरुद्ध मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 308 के तहत अपील आवेदन पत्र के प्रस्तुत किए जाने पर प्रारंभ किया गया। 

प्रकरण का संक्षिप्त विवरण
जिला दंडाधिकारी द्वारा प्रकरण की सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आए।
- अपील कर्ता पक्ष द्वारा भवन निर्माण की अनुमति नगर परिषद से प्राप्त किए बिना नगर परिषद भेड़ाघाट में आशाराम आश्रम के भवन का निर्माण कराया जाना संज्ञान में आया। जिसके बाद नगर पालिक अधिकारी नगर परिषद भेड़ाघाट द्वारा आश्रम प्रबंधन को 17 सितंबर, 25 सितंबर एवं 1 अक्टूबर को पत्र भेज कर भवन निर्माण की स्वीकृति से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए सूचना दी गई। इसके साथ ही सूचना में उल्लेखित किया गया कि अपीलार्थी पक्ष द्वारा गैर व्यपवर्तित (डाइवर्टेड) भूमि पर निर्माण कर नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 का उल्लंघन किया गया।
- इस आदेश से व्यथित होकर अपीलार्थी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मप्र जबलपुर में दायर याचिका डब्ल्यू पी क्रमांक 18858/2013 में पारित आदेश 22 अक्टूबर 2013 एवं रिव्यू पेटिशन क्रमांक 853/2013 में पारित आदेश 23 अक्टूबर में याचिकाकर्ता को मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 308 के तहत 25 अक्टूबर की शाम 4 बजे इस न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया।

इस तरह सुनवाइ के बाद आवेदन हुआ अस्वीकृत
माननीय न्यायाल के आदेश के पालन में आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर यह प्रकरण 25 अक्टूबर को प्रारंभ कर ग्राह्यता एवं प्रारंभिक तक के लिए 30 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई। अपीलार्थी द्वारा अंतरिम राहत चाहते हुए धारा 309(3) के तहत मुख्य नगर पालिका अधिकारी के 11 अक्टूबर को जारी आदेश पर स्थगन प्रदान किए जाने के प्रस्तुत किया गया। नियत तिथि के साथ 31 अक्टूबर को अपीलार्थी अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तर्कों लिखित तर्कों पर विचार के बाद 1 नवंबर को आवेदन की सुनवाई के लिए ग्राह्य किया गया। प्रकरण में तर्क एवं बहस प्रस्तुत करने के लिए 6 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई। ग्रामवासियों की ओर से आपत्तिकर्ता ओ.पी.यादव द्वारा प्रस्तुत अपील में आवश्यक पक्षकार बनाने जाने के लिए एक आवेदन भू राजस्व संहिता की धारा 32 एवं सहपठित धारा 151 व्य.प्र.सं. के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया। अपीलार्थी, अनावेदक एवं आपत्तिकर्ताओं के तर्क एवं अंतिम बहस के लिए भी 6 नवंबर का दिन तय किया गया। इस तिथी को विस्तार से प्रस्तुत तर्कों का श्रवण किया गया। आपत्तिकर्ता को भी सुना गया। इस अपील में आवश्यक पक्षकार बनाने जाने के लिए कोई आवश्यकता प्रतीत न होने पर आवेदन अस्वीकार किया गया।

आश्रम प्रबंधन की ओर से की गई यह अपील
आश्रम प्रबंधन की ओर से अपालार्थी अधिवक्ता ने दो तर्क प्रस्तुत किए गए। जिनमें पहले तर्क में कहा गया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनीता यादव का पद लेखापाल है, जिन्हें मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद का प्रभार सौंपा गया है। इस प्रकार श्रीमति यादव का मुख्य नगर पालिका अधिकारी की शक्तियों का उपयोग करने का अधिकार न होने की बात कही गई। इस तर्क में श्रीमति यादव द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी की हैसियत से अधिनियम 1961 की धारा 187 के अंतर्गत जारी आदेश को निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया।
दूसरे तर्क में कहा गया कि भवन निर्माण की अनुज्ञा प्राप्त किए बिना सन्निर्माण की स्थिति में अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत उक्त कृत्य के लिए समन (कंपाउंडिंग) पर विचार किये बिना धारा 187 (8क) के तहत भवन को ढ़हाने का आदेश न्यायोचित नहीं है।
इस तरह जांच के बाद खारिज की गई अपील
प्रकरण में अपीलार्थी एवं अनावेदक द्वार दी गई दलीलों के साथ सहपत्रों को परीक्षण किया गया। साथ ही मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187, 306 एवं धारा 308 के प्रकाश में प्रकरण का परीशीलन किया गया। अपलार्थी अधिवक्ता दिए गए तर्को के संंबंध में पाया गया कि अनीत यादव को 28 जून को मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद का प्रभार सौंपा गया। संभागीय उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर द्वारा आदेश में स्पष्ट उल्लेख पाया गया कि ‘शासन द्वारा अन्य किसी अधिकारी की मुख्य नगर पालिक अधिकारी के पद पर पदस्थापना करने तक श्रीमति यादव इस पद पर कार्य करेंगी। इस अवधि में उन्हें पूर्ण कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी की समस्त शक्तियां व अधिकार प्राप्त होंगे।’ अधिनियम 1961 की धारा 306 के अुनसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा धारा 187 के तहत कार्रवाई की शक्तियां प्राप्त हैं। अत: अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत तर्क समाधान कारक न होने से जिला दंडाधिकारी ने अस्वीकृत कर दिया।
 अपालार्थी के दूसरे तर्क पर जिला   दंडाधिकारी ने इस बात पर विचार किया कि क्या इस प्रकरण में अधिनियम 1961 की धारा 187 क के तहत अनुज्ञा के बिना भवन के सन्निर्माण का शमन करने पर वर्तमान में विचार किया जा सकता था अथवा नहीं? परीक्षण करने से यह ज्ञात हुआ कि धारा 187-क के तहत उसी भवन का शमन किया जा सकता है जो अन्य नियमों के अधीन नियमानुसार बनी है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में प्रश्नाधीन भूमि मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत व्यपवर्तित नहीं है, इस प्रकार प्रश्नाधीन स्थल का गैर कृषि प्रयोजन हेतु उपयोग नहीं किया जा सकता। अत: नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187(क) के तहत शमन किए जाने आधार विद्यमान नहीं पाया गया। जिला दंडाधिकारी ने यह तर्क भी अस्वीकृत कर दिया। इस तरह शुक्रवार को आश्रम प्रबंधन की ओर से योगवेदांत समिति ट्रस्ट की अपील खारिज की गई।

मंगलवार, नवंबर 05, 2013

आसमां थे मगर सिर झुकाए चलते थे


विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी की हृदयाघात से हुई मृत्यु, ग्वारीघाट में हुआ अंतिम संस्कार, सीएम सहित अनेक नेता हुए शामिल


शहर के लोगों के लिए वे उनके प्रिय दादा थे, बच्चे ही नहीं बड़े भी उन्हें प्यार से दादा कहते थे, समर्थक ही नहीं विरोधी भी उन्हें विधान पुरुष कहते थे। उन्के विषय में सभी का एक ही मत था कि विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी  ‘आसमां थे मगर सिर झुकाए चलते थे’संस्कारधानी ने मंगलवार को वो जननेता खो दिया जो लगातार इतिहास बनाते जा रहा था। उस शक्स की ताकत का लोहा समर्थक ही नहीं बल्कि विरोधी भी मानते थे। इस ताकत का भी उन्हें कभी घमंड नहीं रहा वास्तव में वे आसमान थे लेकिन फलदार वृक्ष की भांति इस तरह विनम्रता से सिर झुकाए चलते थे कि वे एक मिसाल बना गए। इस एतेहासिक पुरुष की स्मृतियां चिरकाल तक हमारे जहन में रहेंगी। वे जो कर गए उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। कुछ बात तो थी उनमें जो उनके जीवित रहते ही नहीं मृत्यु के बाद भी लोगों की स्मृति में वे अमिट छाप छोड़ गए। दादा को सलाम।
शहर के लोकप्रिय ‘दादा’ और विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। कल रात से ही वे थोड़ी अस्वस्थता महसूस कर रहे थे। यही वजह थी कि मंलवार सुबह न तो वे रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले न हीं योगा के बाद लोगों से मुलाकात कर पाए। सुबह करीब 11 बजे स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने लगा। करीब सवा 11 बजे उन्होंने परिजनो के साथ अस्पताल जाने का मन बनाया लेकिन करीब 11 बजकर 20 मिनट पर आए हृदयाघात से उनकी सिविल लार्इंस स्थित निवास पर ही मौत हो गई। परिजन उन्हें तत्काल जबलपुर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए कार्डियक मसाज देकर चिकित्सकों ने दोबारा सांसे लौटने का भी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके पूर्व भी उन्हें दो बार अटैक आ चुके थे और यह तीसरा अटैक था।
श्री रोहाणी के निधन से कैंट विधानसभा के साथ शहर एवं पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। विधानसभा अध्यक्ष शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कद्दावर नेता थे। उनके निधन पर दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया। ग्वारीघाट श्मशानघाट  में शाम पांच बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। श्री रोहाणी के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक भाजपा एवं कांग्रेस नेता शामिल हुए। उन्हें मुखाग्नि बेटे अशोक रोहाणी ने दी। अंतिम संस्कार में स्वामी रामदास महाराज, स्वामी अखिलेश्वरानंद, सांसद राकेश सिंह, विधायक अजय विश्नोई, शरद जैन, भाजपा नगर अध्यक्ष विनोद मिश्रा, मेडिकल विवि के कुलपति डॉ. डीपी लोकवानी, डॉ. जितेंद्र जामदार, कांग्रेस नेता तरुण भनोत, संजय यादव, नगर निगम अध्यक्ष राजेश मिश्रा, कलेक्टर विवेक पोरवाल, डीआईजी मकरंद देउस्कर, अपर कलेक्टर छोटे सिंह सहित भाजपा कांग्रेस के अनेक नेता, परिजनों के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता एवं समर्थकों के साथ हजारों की तादात में आम नागरिक मौजूद थे।
संघ से की थी शुरुआत
श्री रोहाणी बाल्यावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक रहे। उनकी राजनीतिक यात्रा 1965 में भारतीय जनसंघ के गलगला वाड के सदस्य के रूप में प्रारंभ हुई। वर्ष 1973 में भारतीय जनसंघ की ओर से वे जबलपुर नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद निर्वाचित हुए। पार्षद का चुनाव जीत कर चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले रोहाणी कैंट विधानसभा से वर्ष 1993 से लगातार चार बार विधायक चुने गए। इस बार भी भाजपा ने फिर उन्हें जबलपुर कैंट से
प्रत्याशी बनाया था। अपनी सक्रियता के चलते उन्होंने इस क्षेत्र को भाजपा के गढ़ के तौर पर स्थापित किया। 67 वर्षीय रोहाणी दिग्विजय सिंह सरकार के दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे, भाजपा सरकार बनने के बाद बीते
दस साल से वे विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे थे। उनके निधन की खबर से भाजपा सदमे में है।

अद्भुद था व्यक्तित्व
श्री रोहाणी एक जननेता होने के साथ ही अद्भुद व्यक्तिव के धनी थे। परिजनों और समर्थकों से मिली जानकारी के अनुसार पहले हृदयाघात के बाद ही चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया था लेकिन लोकहित के लिए उन्होंने कभी अपने स्वास्थ्य की परवाह नहीं की। श्री रोहाणी अपनी नियमित दिनचर्या मॉर्निंग वॉक और योग से अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने जुटे रहते थे। वे लंबे समय तक अस्पताल में रहकर लोगों से दूरियां नहीं बढ़ाना चाहते थे। दैनिक दिनचर्या में ही लोगों के लिए हर रोज वक्त निर्धारित रहता था। वे सुबह साढ़े 6 बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकल जाते। वहां से लौटकर करीब 8 बजे से लोगों से घर पर ही मुलाकात करने में जुट जाते इसी दौरान वे चाय  भी पीते। स्नान के बाद वे अपने अस्थाई कार्यालय पहुंच जाते और दिनभर जनता  और समर्थकों के बीच ही बिताते। नियम- प्रकिया के साथ ही परंपराओं के आधार पर उन्होंने जिस तरह विधानसभा चलाई उसके चलते मध्यप्रदेश विधानसभा को आदर्श माना जाता है। सदन से दो सदस्यों की सदस्यता समाप्त होने और फिर उनकी बहाली जैसे कुछ मौकों पर उन्होंने नई परंपरा भी डाली। पार्टी के लोग ही नहीं दूसरे दलों के लोग भी उनकी शैली के कायल थे।

्नपार्षद से शुरु किया सफर
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से जुड़े श्री रोहाणी ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने संसदीय ज्ञान, वाकपटुता, हाजिरजवाबी से संसदीय गरिमा में वृद्धि की। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश विधानसभा की गिनती ऐसी विधानसभाओं में होने लगी, जहां आम सहमति से कार्य संपादित होते रहे। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विधानसभा में तनाव के क्षण आते ही रहते हैं और अनेक ऐसे मुद्दे होते हैं जिन पर बहुतगरमा-गरमी हो जाती है। ऐसे नाजुक क्षण में सदन का संचालन बिना तनाव लिये और बिना तनाव दिये करना बहुतकुशलता की बात है। श्री रोहाणी ने अपने इस गुण का बखूबी परिचय दिया और सभी राजनीतिक दलों के विधायक श्री रोहाणी की कार्यकुशलता और सहजता के कायल रहे। सार्वजनिक जीवन के लगभग 4 दशक पूरा करने वाले श्री ईश्वरदास रोहाणी के मन में हमेशा आम आदमी की पीड़ा रही। विधानसभा की कार्यवाही के संचालन के दौरान अनेक मौकों पर इसकी झलक देखने को मिली। वेआम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले विधायकों को सहयोग करने में श्री रोहाणी का सार्वजनिक जीवन ऐसा है कि वे युवाओं के लिये प्रेरणा-स्रोत बने। 30 जून, 1946 कोअविभाजित भारत के प्रमुख नगर कराची में जन्में श्री ईश्वरदास रोहाणी का गहरा नाता संस्कारधानी जबलपुर से रहा है। श्री रोहाणी के परिजन ने देश के विभाजन की पीड़ा को भोगा है। हालांकि श्री रोहाणी के परिजन जब भारत आये, तो उनकी उम्र मात्र एक वर्ष थी। उन्होंने अपने परिवार की पीड़ा को अपने पिताजी और बुजुर्गों से सुना। इसी पीड़ा ने उनके मन में सार्वजनिक जीवन में आने की प्रेरणा दी। श्री रोहाणी युवा अवस्था तक आते-आते भारतीय जनसंघ एवं राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत में जबलपुर की पानी, सड़क, बिजली जैसी मूलभूतसमस्याओं को सार्वजनिक मंचों पर निर्भीकता से उठाया। वे पार्षद से लेकर विधायक और फिर संवैधानिक विधानसभाअध्यक्ष के पद तक पहुंचे। उन्होंने राजनीति में आम आदमी के दर्द को हर-स्तर पर देखा और समझा। इन्हीं सब परिस्थितियों ने उन्हें कुशल वक्ता भी बनाया।

संक्षिप्त परिचय
नाम: ईश्वरदास रोहाणी
निर्वाचन क्षेत्र : जबलपुर केंटोंमेंट (99)
पिता का नाम : स्व. श्री चन्दूमल रोहाणी
जन्म तिथि: 30 जून 1946
जन्म स्थान: कराची (पाकिस्तान)
पत्नी का नाम : श्रीमती माया देवी रोहाणी, दो बेटे अशोक एवं विजय रोहाणी
और चार पुत्रियां
शैक्षणिक योग्यता: बीकॉम, एमएलबी
व्यवसाय : मुद्रण
अभिरूचि: अध्ययन, पीड़ित मानवता की सेवा

सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम
बाल्यावस्था से राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक।
राजनैतिक यात्रा सन 1965 में भारतीय
जनसंघ के गलगला वार्ड के सदस्य के
रूप में प्रारम्भ की।
सन 1973 में भारतीय जनसंघ की और
से जबलपुर नगर निगम में पार्षद
निर्वाचित।
भूमिगत रहकर 14 नवंबर 1975 को
जबलपुर में आपातकाल में विरूद्ध प्रथम
आंदोलन का नेतृत्व किया।
आपातकाल की समाप्ति तक 19 महिने
जेल में निरूद्ध रहे।
जन समस्याओं के निराकरण के लिए कई बार
जेल यात्राएं की।
सन 1979 में तिलक वार्ड से निगम के लिए पुन
पार्षद निर्वाचित तथा नगर निगम में तत्कालीन
जनता पार्टी के नेता
भारतीय जनता पार्टी के दो बार जिला महामंत्री
तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष एवं भाजपा के
प्रदेश मंत्री।
जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय
जबलपुर की विद्वत परिषद के
सदस्य निर्वाचित।
भाजपा नगर निगम एवं नगर
पालिका मोर्चा के प्रदेश
प्रभारी तथा भाजपा के
जबलपुर संभाग प्रभारी।
सन 1991 में निजी डेरी मालिकों
द्वारा दूध के भावों में की गई वृद्धि
के खिलाफ 72 घटों का तथा
अनुसूचित जाति की बस्त्यिों में
पेयजल व्यवस्था के लिए चार
दिन तक अनशन।
सन 1993 में प्रथम बार
दशम विधान सभा के सदस्य
निर्वाचित एवं भाजपा विधायक दल के
सचेतक रहे।
सन 1999 से 5 दिसंबर, 2003 तक
उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधान सभा रहे।
यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, जर्मनी,
आस्ट्रिया, बैल्जियम, नीदरलैंड,
स्विट्जरलैंड, फिजी, साउथ अफ्रीका,
हॉगकॉग, चीन, जापान, नाईजीरिया,
आस्टेÑलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर एवं
पाकिस्तान की यात्रा।
सन 2003 में बारवहीं विधानसभा के सदस्य
निर्वाचित एवं दिनांक 16 दिसंबर, 2003
दसे 4 जनवरी, 2009 तक अध्यक्ष, मध्यप्रदेश
विधानसभा रहे।
सन 2008 में चौधी बार विधानसभा सदस्य
निर्वाचित
सम्प्रति: दिनांक 7 जनवरी, 2009 से अध्यक्ष,
मध्यप्रदेश विधानसभा।

भाजपा में शोक की लहर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत बीजेपी के दिग्गज नेता आज से
नामांकन दाखिल करने जा रहे थे। इसी बीच ईश्वरदास रोहणी के
निधन की खबर आने से बीजेपी कार्यकर्ताओं, नेताओं और समर्थकों में
सन्नाटा पसर गया है। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिस तरह से
ईश्वरदास रोहाणी ने अपनी छवि बनाई थी, उसके चलते सियासी
हलकों में भी मातमी माहौल है। बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर समेत राष्टÑीय पदाधिकारियों ने
रोहाणी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। वहीं कांग्रेस की ओर से
कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, दिग्जिवय सिंह, कमलनाथ,
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गहरा शोक व्यक्त किया है।






शुक्रवार, नवंबर 01, 2013

कोच के साथ बंधक बनाकर मारपीट


संभागायुक्त, एसपी से शिकायत, सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में हंगामा


जिला पंचायत कार्यालय के समीप स्थित सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में बुधवार दोपहर से शाम तक घंटो हंगामें का माहौल रहा। एक निजी स्कूल के राइफल शूटिंग कोच को कार्यालय में बंधक बनाने और मारपीट की शिकायत कोच के साथी और स्कूल की छात्राओं द्वारा संभागायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक को भी की गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। दोनों पक्षों में घंटो आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। कोच, कोच का साथी और छात्राएं जहां अव्यवस्था और बंधक बनाने के साथ मारपीट का आरोप लगाते रहे वहीं लोक शिक्षण कार्यालय से संबद्ध महिला खेल प्रशिक्षक ने भोपाल से छात्राओं को लेकर बगैर बताए लापता होने का आरोप निजी स्कूल के कोच पर लगाया। इस पूरे मामले की सहायक संचालक लोक शिक्षण लोक शिक्षण के साथ पुलिस भी जांच कर रही है।
ये था मामला
प्रत्यक्ष दर्शियों एवं राइफल शूटिंग कोच दीपक पटेल एवं उसके साथियों के अनुसार 59 वीं राज्य स्तरीय शाला प्रतियोगिता में शहर से 250 लोगों की टीम नियुक्त की गई जिसमें राइफल शूटिंग, बॉक्सिंग, बॉस्केट बॉल, थ्रो बॉल, काइकिंग, केनोइन की जनरल मैनेजर चंदा सोनी को नियुक्त किया गया। पीड़ितों का आरोप है कि टीम मैनेजर होने पर भी उन्होंने कोई दायित्व निर्वहन नहीं किया। छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ जीएम ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और भोपाल स्टेशन पर रिजर्वेशन डिब्बे से टिकिट छीन कर भगा दिया गया। यही नहीं शहर से नियुक्त कोचों को जीएम द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई। राइफल शूटिंग के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र नहीं जमा किए गए जिसकी वजह से शहर के बालक बालिका घंटो भटकते रहे। कोच ने विरोध किया तो उनके साथ भी कथित तौर पर अभद्रता की गई। कोच जितेंद्र रजक, दीपक पटेल, अजय मांझी, प्रीति कदम, राहुल चौबे ने हस्ताक्षरित शिकायत में आरोप लगाया है कि जीएम की वजह से कोच और बालक-बालिकाओं को एक दिन खुले आसमान के नीचे रहना पड़ा। जिससे एक बालिका की तबियत खराब हुई। पीड़ितों ने संभागायुक्त से मांग की कि दोबारा चंदा सोनी को कोच न बनाया जाए।
कार्यालय में बनाया बंधक
पीड़ितों का आरोप है कि करीब सवा दो बजे वे शिकायत करके लौट ही रहे थे कि सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय से किसी ने फोन कर कोच दीपक पटेल को कार्यालय बुलाया। यहां उसे कथित तौर पर बंधक बना लिया गया और उसके साथ एक युवती एवं कुछ युवकों ने मारपीट कर मोबाइल भी छीन लिया। यह देख जितेंद्र रजक एवं उसके सभी साथी वहां से भाग कर एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को शिकायत सौंपकर कथित तौर पर बंधक बनाए गए दीपक को मुक्त कराने की मांग की गई।
कार्यालय पहुंची पुलिस
एसपी के निर्देश पर तत्काल मौके पर बेलबाग थाने के एएसआई राजेंद्र प्रसाद शुक्ला पहुंचे। शुक्ला जब मौके पर पहुंचे तो दीपक कार्यालय में ही मौजूद था।  कार्यालय में शुक्ला को दीपक ने बताया कि उसके साथ यहां पर लोक शिक्षण सहायक संचालक के सामने मारपीट की गई। शुक्ला द्वारा मुलाहिजा और एफआईआर दर्ज कराने की बात पर दीपक और जितेंद्र वहां से बाहर चले गए।
छात्राओं को लेकर गायब हो जाते थे दोनों कोच
इस मामले में इन स्पर्धाओं के लिए कोच बनार्इं गर्इं चंदा सोनी ने बताया कि भोपाल में कोच दीपक पटेल तो एक शिव शक्ति स्कूल एंव   ज्ञानगंगा स्कूल के कोच बनकर अधिकृत रूप से पहुंचे थे लेकिन जितेंद्र रजक जो पहले सेंट्रल एकेडमी के कोच थे वर्तमान में किसी स्कूल में नहीं हैं और अनाधिकृत तौर पर गए। दोनों के साथ बच्चियों को भी समझाईश दी गई थी कि वे खेल के गणवेश में स्पर्धाओं में पहुंचे लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। उल्टे व्यवस्थाओं पर दोषारोपण करने लगे। 28 अक्टूबर को सभी को भोपाल से लौटना था लेकिन करीब 11 बालिकाओं को लेकर दोनों कोच रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। इनके फोन भी बंद थे। जीएम ने बताया कि सभी बच्चों की जिम्मेदारी उन पर थी इसलिए वे काफी समय तक दोनों से संपर्क करते रहे लेकिन दोनों ही भोपाल में अपने किसी परिजन के यहां सभी को लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही को छिपाने के लिए दोनों उन पर ही मारपीट और अन्य मिथ्या आरोप लगा रहे हैं।

कराई जाएगी जांच
भोपाल में खेल स्पर्धाओं के लिए टीम गई हुई थीं इस दौरान जीए चंदा सोनी एवं कोच दीपक पटेल के बीच तनाव निर्मित हुआ। दोनों पक्षों को कार्यालय में अपना पक्ष रखने बुलाया गया। कार्यालय में कोई मारपीट नहीं हुई। इस मामले में जांच कराई जाएगी।
मनीष दुबे, सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय

शहर के व्यापारी के पास आना था डेढ़ करोड़ का सोना-चांदी


गढ़ाकोटा में कार्रवाई के बाद शहर पहुंची आईटी की टीम, सराफा में घंटों की पूछताछ

चौपहिया वाहन में शहर लाई जा रही सोने चांदी की खेप को गढ़ाकोटा में जब्त करने बाद आयकर विभाग (आईटी) की टीम ने बुधवार को शहर में व्यापारी के ठिकानों पर दबिश दी। बुधवार दोपहर पहुंची आयकर विभाग की टीम ने सराफा स्ािित गोरेलाल धर्मशाला के अंदर स्थित मथुरा नामक व्यापारी की दुकान पर पहुंची। दुकान बंद होने पर टीम के व्यापारियों ने अन्य दुकानदारों से व्यापारी के विषय में पूछताछ की। प्राप्त जानकारी के अनुसार चौपहिया वाहन से वर्धमान कॉलोनी, सागर निवासी शैलेंद्र जैन नामक व्यक्ति को सोने चांदी की खेप लाते हुए सागर पुलिस ने गढ़ा कोटा में वाहन चैकिंग के दौरान पकड़ा था। इस कार्रवाई के दौरान शैलेंद्र के वाहन में करीब 3 किलो 345 ग्राम सोना और 7 किलो चांदी बरामद की गई। टीआई अरविंद चौबे के अनुसार शैलेंद्र ने उन्हें बताया कि करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपए मूल्य का यह सोना चांदी वह जबलपुर लेकर जा रहा था। पुलिस ने इसकी सूचना आयकर विभाग को दी। आयकर विभाग की टीम ने शैलेंद्र से सघन पूछताछ की और इसके बाद शहर में सराफ स्थित उस दुकान पर दबिश दी जहां आरोपी शैलेंद्र यह सोना चांदी लेकर आने वाला था। सराफा में बुधवार को जहां पूरा मार्केट खुला हुआ था वहीं मथुरा नामक व्यापारी की दुकान ही बंद मिलने से आयकर विभाग की टीम का संदेह और भी पुख्ता हो गया। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक आसपास के दुकानदारों से पूछताछ के बाद टीम ने व्यापारी के अन्य प्रतिष्ठानों और घर पर दबिश दी। शहर की आयकर विभाग की टीम ने इस कार्रवाई से इंकार करते हुए कहा कि संभवत: सागर में कार्रवाई करने वाली टीम के लोग ही शहर में जांच के लिए पहुंचे हैं।
प्रदेश में सबसे बड़ी कार्रवाई
गत दिवस ही भोपाल में आयकर आयुक्त सुधा शर्मा ने विभाग को चुनावों के मद्देनजर तत्पर रहने और ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आयकर विभाग के अमले में नया जोश दिखाई दे रहा है। अब तक की कार्रवाई में इस कार्रवाई को प्रदेश की हालहीं में हुई कार्रवाईयों में सर्वाधिक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है जिसमें जब्त की गई धनराशि भी सर्वाधिक है। इससे पूर्व छतरपुर में विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से 59 लाख रुपए कैश और इटारसी में 75 लाख रुपए कैश बरामद किए थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए सोने चांदी की कोई रसीदे नहीं मिली।   

शिवसेना, गौंगपा ने की नामांकन दाखिल करने की शुरुआत



दो दर्जन ने लिए लिए नामांकन फार्म, 4 ने दाखिल किए नामांकन

 विधानसभा निर्वाचन 2013 के लिए नाम निर्देशन की प्रक्रिया शुक्रवार से प्रारंभ हो गई है। पहले दिन शिवसेना से 2 नाम निर्देशन के पर्चे दाखिल किए गए। सबसे पहले उत्तर मध्य से शिवसेना उम्मीदवार के रूप में मथुरा जैन उत्साही ने अपना पर्चा भरा। दूसरा पर्चा शिवसेना के ही मुरारीलाल तिवारी ने पनागर विधानसभा से दाखिल किया। इसी तरह तीसरा पर्चा गौंडवाना पार्टी के सिद्धार्थ गुप्ता ने बरगी विधान सभा से पर्चा दाखिल किया। इसके साथ ही सिहोरा से बसपा की बबीता गौंटिया ने नामांकन फार्म जमानत राशि के साथ भरा।
इसके अलावा उत्तर मध्य विधानसभा से कांग्रेस नेता नरेश सराफ, मनोज सेठ, सीपीआई से एडवोकेट रहीम शाह, भारतीय शक्ति चेतना से राजकुमारी गुप्ता, बसपा से प्रदीप विश्वकर्मा,  निर्दलीय प्रत्याशी आशीष चौबे, बहार अहमद अंसारी ने नामांकन फार्म लिए। बरगी से निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र सिंह ने नामांकन फार्म लिया। पनागर विधानसभा के लिए गोंगपा के युवराज विश्वकर्मा, बसपा से मथुरा प्रसाद, निर्दलीय उम्मीदवार शेख चिल्ली एवे दाऊ राजेंद्र पटेल ने नामांकन फार्म लिया। इसके साथ ही सिहोरा में 1, पश्चिम में 3, पूर्व में 2 और कैंट में 2 नामांकन फार्म सहित करीब 24 फार्म 8 विधानसभाओं से लिए गए जबकि 4 ने नामांकन पर्चा जमानत राशि के साथ दाखिल किया।
इसके साथ जिला निर्वाचन कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर में आठों विधानसभाओं के लिए क्षेत्रवार रिटर्निंग कार्यालयों में राजनीतिक दलों, निदर्लीय प्रत्याशियों या उनके समथर्कों द्वारा नामांकन फॉर्म लेने कवायद चलती रही। 8 नवंबर तक
चलने वाली प्रक्रिया के लिए रिटर्निंग कार्यालयों में डिजिटल घड़ी लगा दी गई है। इसी घड़ी के समयानुसार सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन फार्म लिए जा रहे हैं।
समर्थकों को नहीं मिलेगा प्रवेश
नामांकन फॉर्म दाखिले की प्रक्रिया के दौरान जिला कलेक्टर कार्यालय के आसपास सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। दोनों गेटों पर पुलिस बल की मौजूदगी में आने जाने वालों से पूछताछ की जा रही है। वाहन पार्किंग की व्यवस्था के भी अलग इंतजाम किए गए हैं।
एकल खिड़की प्रणाली
भटकाव से बचाने प्रत्याशियों एवं उनके समथर्कों के लिए कलेक्टर कार्यालय में एकल खिड़की प्र.ााली की व्यवस्था कर दी गई है। सभा, वाहन आदि जैसी परमीशन के लिए परेशान अभ्यथिर्यों की असुविधा को देखते हुए यह
र्नि.ाय लिया गया है।
बाहर रोके जाने से समर्थक नाराज
नामांकन के पहले ही गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों को उम्मीदवारों के साथ आए  समर्थकों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। दोनो गेटों पर तैनात पुलिस कर्मियों को किसी तरह समर्थकों के साथ उम्मीदवारों को भी कलेक्टर के आदेश से अवगत कराकर शांत कराते नजर आए। निर्वाचन कार्यालय में नामांकन दाखिल करने का पहला दिन शांतिपूर्ण रहा। 
पहुंचे केंद्रीय प्रेक्षक
निर्वाचन आयोग के केंद्रीय प्रेक्षकों ने भी सीट संभाल ली है। जिला निर्वाचन कार्यालय कलेक्ट्रट पहुंचे केंद्रीय प्रेक्षकों ने अधिकारियों से मुलाकात कर आठों विधानसभाओं की जानकारी तलब की है। इसमें केंट के लिए उड़ीसा से आए एमसी मामदी, यूपी के अजय मिश्रा, गुजरात के निम्बाराम और वीबी वर्मा
शामिल हैं।

विधानसभा - कमरा नंबर        नामांकन फार्म बिक्री        भरे गए
पाटन -        34 नंबर                        1                    -
बरगी -        36 नंबर                        2                    1
उत्तर -         37 नंबर                        8                    1
पनागर -     03 नंबर                        5                    1
सिहोरा -     12 नंबर                        1                    1
पश्चिम -     17 नंबर                        3                    -
पूर्व -          19 नंबर                         2                    -
केंट -          22 नंबर                         2                    -

गुरुवार, अक्टूबर 31, 2013

निजी पे्रक्टिस पर नहीं लग पा रहा अंकुश


निजी हॉस्पिट्ल्स में सेवाएं दे रहे चिकित्सक, प्रबंधको के झूठ की वजह से नहीं हो पा रही कार्रवाई

शहर के एल्गिन अस्पताल में सेवाएं दे रहे अधिकांश नियमित और संविदा आधार पर शासन से मोटी तनख्वाह ले रहे चिकित्सक और अन्य कर्मचारी शासन द्वारा जारी आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ये चिकित्सक और कर्मचारी न सिर्फ शासन को चूना लगा रहे है बल्कि निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं देकर उनसे भी मोटी तनख्वाह वसूल रहे हैं। शासकीय सेवा में होने के बाद नियम विरुद्ध निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने का सामर्थ्य न तो संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जुटा पा रहीं हैं न ही जिला प्रशासन। शासन ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई ढ़ील न दी जाए। इसके बावजूद कोई कार्रवाई न हो पाने से अधिकारियों की कार्यशैली पर आम नागरिकों में संशय की स्थिति निर्मित हो रही है।
ये हैं नियम
ंसंचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. के.के. ठस्सू द्वारा 14 जुलाई 2013 को सभी जिला कलेक्टरों को अपने आदेश में निजी प्रेक्टिस के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के अनुसार पूर्व में निजी प्रैक्टिस पर लगाई गए प्रतिबंध को हटाते हुए कहा गया था कि चिकित्सक केवल शासकीय संस्थान जिसमें सेवारत हैं उसके अलावा सिर्फ अपने निवास पर ही कर्त्वय अवधि के बाहर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी नर्सिंग होम या चिकित्सालय के प्रायवेट क्लीनिक में जाकर प्रेक्टिस की अनुमति प्रदान नहीं की गई। अर्थात वे सिर्फ अपने निवास पर ही प्रेक्टिस कर सकते हैं। आदेश में यह भी कहा गया  कि जिले में कार्यरत चिकित्सक जो नियमित, संविदा या बांड सेवा में हों इस नियम का पालन करें।
क्या हैं हालात
इन नियमों का मखौल तो कई चिकित्सक उड़ा रहे हैं। चिकित्सा सूत्रों से मिली जानकारी पर जब एल्गिन में पदस्थ दो चिकित्सकों के खिलाफ मिली शिकायत में पता चला कि एल्गिन में चिकित्सक के पद पर पदस्थ डा. नीता पाराशर ने अपनी निजी क्लीनिक निवास के बजाए गुप्तेश्वर रोड पर खोल रखी है जो नियमित रूप से वहां सेवाएं ही नहीं देती बल्कि परामर्श भी देती हैं। इसके साथ ही वे रामपुर स्थित डा. सुले नर्सिंग होम में सेवाएं भी दे रही हैं। इसी तरह एल्गिन में निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर संविदा आधार पर कार्यरत डा. संगीता खुराना ने भी अपने निवास के बजाए गोरखपुर गुरद्वारे के पास निजी क्लीनिक खोल रखा है जहां वे नियमित रूप से बैठती हैं। यही नहीं डॉ. खुराना रामपुर स्थित सुले नर्सिंग होम सहित अन्य अस्पतालों में भी नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहीं हैं।

इनका कहना है
मेरी डिस्पेंसरी रहती है बंद
मैं तो एल्गिन हॉस्पिटल में संविदा आधार पर निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर हूं। मैं वहां की परमानेंट नहीं हूं। मेरा क्लीनिक भी हमेशा बंद रहता है मैं किसी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती हूं। मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं सिर्फ निश्चेतना विशेषज्ञ हूं।
डॉ. संगीता खुराना, संविदा निश्चेतना विशेषज्ञ, एल्गिन अस्पताल
दूसरों पर क्यों नहीं उठीं अंगुलियां
मेरा कहीं भी कोई क्लीनिक नहीं है और मैं निजी अस्पताल में सेवाएं भी नहीं दे रही हूं। सुले नर्सिंग होम में मेरा नाम भी नहीं लिखा हुआ है आप जाकर देख लीजिए वहां एल्गिन के कितने लोग काम करते मिलते हैं। मैं किसी निजी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती।
डॉ. नीता पाराशर, चिकित्सक, एल्गिन अस्पताल
निजी अस्पताल नहीं देते जवाब
निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ जब भी कार्रवाई की जाती है निजी अस्पताल प्रबंधक झूठ बोल देते हैं कि उनके यहां चिकित्सक कार्य ही नहीं करते इसी वजह से अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई। नियमों को तोड़ने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
डॉ. रंजना गुप्ता
संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं