सोमवार, नवंबर 18, 2013

लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा रिश्वतखोर लेखापाल

 (लोकायुक्त पुलिस की टीम के साथ आरोपी लेखापाल काली जैकेट में )

पेंशन, ग्रेज्युटी और जीपीएफ के लिए 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया

 एक कर्मचारी से पैंशन, ग्रेज्युटी और जीपीएफ के लिए रिश्वत की मांग कर रहे शहर के जल संसाधन विभाग के बड़े बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा। इस कार्रवाई में विशेष बात ये रही कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कस्तूरबा गांधी महिला छात्रावास के सामने स्थित सिंचाई विभाग के  कार्यालय में जैसे ही लोकायुक्त पुलिस पहुंची वहां इस तरह हड़कंप मच गया कि मुख्य अभियंता सहित सभी अधिकारी, कर्मचारी कार्यालय से भाग खड़े हुए। कार्रवाई के दौरान कार्यालय में हड़कंप के साथ दहशत का माहौल ऐसा था कि लोकायुक्त पुलिस की टीम भी दंग रह गई।
लोकायुक्त पुलिस सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग की गोटेगाँव शाखा अमीन के पद पर प्रार्थी पदस्थ विजय कुमार वर्मा ने लोकायुक्त पुलिस से इस मामले में शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि श्री वर्मा 31 जनवरी को रिटायरमेंट होना है। रिटायरमेंट के बाद पैंशन, ग्रैज्युटी और जीपीएफ आदि फंड्स को नियत करने के नाम पर बड़े बाबू द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत में कहा गया था कि फंड्स क्लियरेंस के नाम पर बड़े बाबू अर्थात कार्यालय में लेखापाल के पद पर पदस्थ आरोपी विजय कुमार शर्मा उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। वाले
12 से 8 पर तय हुआ सौदा
शिकायत कर्ता विजय कुमार वर्मा ने बताया कि पहले आरोपी श्री शर्मा उनसे फंड्स क्लियर करने के नाम पर 12 हजार रुपए मांग रहे थे। काफी गुजारिश के बाद वे 10 हजार रुपए से एक रूपए कम करने तैयार नहीं थे, किसी तरह वे 8 हजार रुपए पर माने। इसी तय शुदा रकम की पहली किश्त 5 हजार रुपए  सोमवार को लेकर श्री वर्मा, लेखापाल के पास पहुंचे थे। लेखापाल कार्यालय में लोकायुक्त की टीम पहले से घेराबंदी जमाए हुए थी। जैसे ही श्री वर्मा ने लेखापाल विजय शर्मा को रकम दी, लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा।
ये थे टीम में शामिल
सोमवार को की गई कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त पुलिस की टीम में डीएसपी सतीश मिश्रा, एन.एस. धु्रवे के साथ निरीक्षक प्रभात शुक्ला, अजय तिवारी, प्रधान आरक्षक अशोक तिवारी एवं आरक्षक राकेश, युनूस एवं नरेंद्र मौजूद थे। 
शिकार बन चुके हैं कई ‘अमीन’
सिंचाई विभाग के सूत्रों की माने तो इस कार्यालय में विजय वर्मा कोई पहले शिकार नहीं हैं, इससे पहले भी कई‘अमीन’ लेखापाल ही नहीं इस कार्यालय में पदस्थ अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों की रिश्वत की डिमांड को पूरा कर चुके हैं। यह बात अलग है कि अब तक किसी ‘अमीन’ या अन्य कर्मचारी ने अपनी आवाज इस तरह बुलंद नहीं की। विभागीय सूत्रों ने बताया कि यही वजह थी कि लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापेमारी की कार्रवाई के दौरान विभाग से सारे अधिकारी-कर्मचारी भाग खड़े हुए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें