बुधवार, जून 02, 2021

कोरोना से बचाने अब कथित पवित्र जल, नरसिंहपुर के राजगढ़ का मामला

 

राजगढ़(नरसिंहपुर)। एक तरफ वैक्सीन की तंगी, कोरोना के उपचार में रेमडेसिविर और अन्य दवाओं का अभाव, म्युकरमायोसिस के बढ़ते प्रकरण और इनकी भी दवाईयों का अभाव है तो दूसरी तरफ वैक्सीन की तंगी के साथ केंद्र और राज्य सरकार की लचर कार्यशैली। नरसिंहपुर के राजगढ़ में जो हुआ उस पर ग्रामीणों को नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों, नौकरशाहों को शर्मसार होने की जरूरत है। अब दवाईयां और वैक्सीन के अभाव में जनता अपने बचाव में कुछ तो करेगी ही। ताली, थाली, शंख बजाने, गौमूत्र के सेवन, गोबर से स्नान और हवन पूजन और गो कोरोना गीत के माध्यम से कोरोना को भगाने के असफल प्रयासों की अपार विफलता के बाद राजगढ़ में कोरोना से खुद को बचाने कथित पवित्र जल चर्चाओं में है। 

बांटा जा रहा था पवित्र जल
एक तरफ वे लोग है जो रोज ही वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने की कवायद में जुटे रहते हैं, असफल होने पर फिर नए सिरे से प्रयास में जुट जाते हैं। अस्पताल में अपने परिजनों को बचाने दवाईयों की किसी भी कीमत पर जुटा लेने की कवायद में परिजन जूझ रहे हैं और दूसरी तरफ राजगढ़ में बीमारी या आपदा में अवसर तलाशने पवित्र जल बांटा जा रहा है। जहाँ आस्था के नाम पर कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाता ऐसा जनसमूह एकत्रित हुआ कि कानून व्यवस्था को बनाने वालों को नाको चने चबाने जैसी स्थिति बन जाए।
 अब आज के दौर में जब लोग चिकित्सा विज्ञान के सहारे अपने जीवन को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तब यदि शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्ति ताली, थाली बजवाएं और कभी गोमूत्र कभी गोबर से उपचार के तर्क दें तो कभी गो कोरोना गीत गाएं तो आम नागरिक धर्म और आस्था के नाम पर क्यों न जाए। इसे नासमझी कहें या अंध श्रद्धा तथाकथित पवित्र जल पा कर खुद को कोरोना से बचाने सैकड़ों की तादाद में लोगों की अब भी एकत्रित हो रहे हैं। 

उमड़ पड़ा पूरा गांव
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला में जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम चाटूखेड़ा में अनलॉक के पहले ही दिन मंगलवार को अंधविश्वास का वो मंजर दिखाई दिया कि जो ताली, थाली, गोमूत्र और गोबर चिकित्सा में भी नजर नहीं आया। कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार कर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कोरोना से खुद को बचाने पवित्र जल लेने उमड़ पड़े। 

महिलाओं में आईं कथित देव परियां
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों  की मानें तो मंगलवार को चाटूखेड़ा मंदिर परिसर में सुबह करीब 11-12 बजे गांव की दो महिलाओं के शरीर में कथित देव परियों के आने से बड़ी संख्या में वहां भीड़ जमा हो गई। देखते ही देखते सैकड़ों महिला-पुरुष मंदिर परिसर के बाहरजमा हो गए। जानकारी के अनुसार इन कथित परियों ने ग्रामीणों के ऊपर पानी छिड़क कर इन्हें मंदिर का जल पीने को कहा। ग्रामीणों से कहा- यह जल पी लो, किसी को कोरोना वायरस छू भी नहीं सकेगा। जिन्हें कोरोना है, वह ठीक हो जाएंगे। उन्हें दोबारा कभी नहीं होगा।

जंगल की आग की तरह फैली खबर
देखते ही देखते यह खबर कस्बे समेत आसपास के गांव में फैल गई। दोपहर को वहां भीड़ जमा हो गई। इसे लापरवाही कहें या अंधविश्वास, लेकिन भीड़ को देखते हुए लगता है, इन्हें कोरोना का कतई डर नहीं है। यहां लोगों ने जल पीने के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही भीड़ में मास्क लगाया।
इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी मंगलवार को देर शाम तक यहां स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की टीम नहीं पहुंची। न ही अभी तक कार्रवाई की गई है।

५२ दिनों बाद अनलॉक हुआ शहर लगता है अब भी बेडिय़ों से जकड़े हैं


शहर लग तो रहा है कि अनलॉक हो गया लेकिन जिस तरह से सघन बाजारों को जबरन बंद कराने प्रशासन कवायद में जुटा है उससे लगता नहीं कि लॉकडाउन हटा है। हालांकि सड़कों पर ठीक उसी तरह का माहौल नजर आ रहा है मानों जेल के गेट खोल देने के बाद कैदी बाहर दौड़ लगा दें। अब इस दौड़ में कोरोना प्रोटोकॉल का कोई किस तरह ध्यान रख सकता है। जिले के शीर्ष प्रशासनिक कार्यालयों में बैठे अधिकारी सिर्फ कागज के मैप पर लॉक और अनलॉक के नियम कायदे बनाकर अधीनस्थों को मोर्चे पर छोड़ तो देते हैं लेकिन बाद में समझ आता है कि जमीनी स्तर पर पता कर लेते तो बेहतर होता। शहर के कोतवाली, फुहारा, गल्ला मंडी के व्यापारी अनलॉक के बाद १ जून को जब दुकानें खोल रहे थे तो पुलिसिया खौफ दिखाकर जबरन दुकानें यह कहकर बंद करा दी गईं की बाजार सघन है कोरोना फैलने का खतरा है। व्यापारियों का असंतोष देख मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छूट गए। व्यापारियों ने कलेक्टर से मिलने की बात तो कही तो बीती रात तक वे समयाभाव की बात करते रहे। व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने दो टूक जब यह बात कह दी कि २ जून को बाजार खुलेगा तो फिर कलेक्टर को व्यापारियों का एकता का आभास हुआ। आनन फानन में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कलेक्टर ने समझाईश देने का प्रयास किया लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था। बुधवार को व्यापारियों ने डंके की चोट पर आधी शटर खोलकर प्रशासन का प्रतिकात्मक विरोध किया। दुकानें बंद कराने पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को दो टूक कह दिया गया कि व्यापारियों को या तो उनके नुकसान की भरपाई करें या प्रतिकात्मक तौर पर दुकानें खुली रहने दी जाएं। अधिकारी भी अपना सा मुंह लेकर लौट गए। 



मंगलवार, जून 01, 2021

अस्पतालों के स्टोर में बंद वैंटीलेटर बचा सकते थे सैकड़ों की जान...

मप्र उच्च न्यायालय में राज्य सरकार ने सोमवार को अपना हलफनामा पेश किया जिसमें कहा गया कि प्रदेश के 52 में से सिर्फ 14 जिलों के अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन हैं जबकि प्रदेश में 95 वेन्टीलेटर्स अस्पतालों के स्टोर रूम में बन्द पड़े हैं। इस पर कोर्ट मित्र नमन नागरथ ने दलील दी कि समय रहते इन वैंटीलेटर्स को इंस्टॉल कर दिया जाता तो वेन्टीलेटर्स की कमी की वजह से गई सैकड़ों जानें बचाई जा सकती थीं।

 मप्र उच्च न्यायालय ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें निर्धारित कर दी हैं। ये दरें मंगलवार 1 जून से प्रभावी होंगी। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि आदेश की अवहेलना पर कार्यवाही की जाएगी।  निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के उपचार के नाम पर अब शहर के साथ ही समूचे प्रदेश का कोई भी निजी अस्पताल मरीज को लूट नहीं सकेगा। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा निर्धारित निजी अस्पतालों की इलाज की दरों को न केवल हरी झंडी दी है बल्कि इस आदेश 1 जून से तत्काल लागू करने का भी निर्णय लिया है। कमेटी ने पेश की रिपोर्ट कोरोना आपदा को लेकर मध्य प्रदेश न्यायालय में दर्ज की गई स्वत: संज्ञान याचिका पर सोमवार को दिन भर सुनवाई चली। इस बीच पिछली सुनवाई में पेश किए गए एक अंतरिम आवेदन में निजी अस्पतालों की मनमानी वसूली का मुद्दा उठाया गया। 24 मई को हुई सुनवाई में न्यायालय ने सरकार को 1 सप्ताह के भीतर निजी अस्पतालों की इलाज की दरों को निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे। जिस के परिपालन में प्रदेश सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी ने निजी अस्पतालों में इलाज की दरों संबंधी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की।

 सरकार 10 जून से लागू करना चाहती थी दरें  

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इलाज की दरों पर तो सहमति जताई लेकिन इसे लागू करने की तारीख पर कई आपत्तियां सामने आई। प्रदेश सरकार इसे 10 जून से लागू करना चाहती थी जिस पर अदालत मित्र समेत अन्य हस्तक्षेप कर्ताओ ने विरोध दर्ज कराया। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार आदेश को 1 जून से ही लागू करेगी।

 न्यायालय के आदेश के मुताबिक 

 नई दरों के मुताबिक अब कोविड-19 के लिए जनरल वार्ड में अधिकतम दर 5000 रुपए होगी। वही आईसीयू में 10 हजार रुपए प्रतिदिन की दर से अधिक वसूली अस्पताल नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही वेंटिलेटर युक्त आईसीयू के लिए 17 हजार रुपये प्रतिदिन की सीमा तय की गई है। इन तय की गई दरों में नर्सिंग चार्ज डॉक्टर फीस, डाइट और पीपीई किट का खर्च भी शामिल होगा। निजी अस्पतालों के लिए तय की गई दरों के अलावा सिर्फ दवाएं और जांच का ही पैसा निजी अस्पताल ले सकेंगे।

शुक्रवार, मई 28, 2021

सावरकर ‘वीर’ थे भी या नहीं?


किसी को आहत करने की मेरी मंशा नहीं पर पहले आप अनुसंधान तो कर लें कि जिस व्यक्ति को आप अरसे से वीर का तमगा देने प्रयासरत हैं वे वास्तविकता में वीर थे भी या नहीं...

इतिहास साक्षी है कि जब वकालत करने विनायक दामोदर राव सावरकर इंग्लैंड गए तब वे फ्री इंडिया सोसायटी में शामिल हुए। वे क्रांतिकारी विचारधारा के थे। इसी दौरान भारत में हथियार भेजने के आरोप में ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए। कैद कर जहाज से भारत लाए जाने के दौरान फ्रांस में भागने का भी प्रयास किया जो सफल नहीं हो पाया। विनायक दामोदर राव सावरकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्हें अंदमान निकोबार की जेल भेजा गया जिसे उस वक्त कालापानी कहा जाता था। यहां तक कि कहानी तो ठीक रही लेकिन जेल में विनायक दामोदर राव सावरकर द्वारा ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफीनामे के 6 पत्र, पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा, माफीनामे के आधार पर उन्हें मिली रिहाई और रिहाई के बाद उन्हें ब्रिटिश सरकार से मिलने वाली मोटी पैंशन के साथ ही जेल से रिहा होने पर उनका किसी स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा न लेना और उल्टा आंदोलन का विरोध करना मेरे निजी विचार से वीरोचित नहीं।

विनायक दामोदर राव सावरकर ने अंग्रेज़ों को सौंपे अपने माफ़ीनामे में लिखा था, ‘अगर सरकार अपनी असीम भलमनसाहत और दयालुता में मुझे रिहा करती है, मैं यक़ीन दिलाता हूं कि मैं संविधानवादी विकास का सबसे कट्टर समर्थक रहूंगा और अंग्रेज़ी सरकार के प्रति वफ़ादार रहूंगा.’


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अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगने वाले सावरकर ‘वीर’ कैसे हो गए?|The Wire - Hindi - Hindi News (हिंदी न्यूज़): Latest News in Hindi हिन्दी समाचार लेटेस्ट न्यूज़ इन हिंदी, The Wire Hindi -

http://thewirehindi.com/9830/vinayak-damodar-savarkar-rss-and-freedom-movement/

https://youtu.be/YyA0ReRNtQM



वैक्सीन पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने पूछा सवाल विदेशों से टीके राज्य क्यों जुटाएं, केंद्र क्यों नहीं?

 

राज्यों द्वारा वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए जाने के नतीजों को लेकर मप्र उच्च न्यायालय ने चिंता जताते हुए केंद्र सरकार को सलाह दी कि टीकाकरण नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए। मई के महीने में मध्य प्रदेश को जितनी संख्या में वैक्सीन डोज़ दिए जाने का वादा किया गया था, उससे आधे भी नहीं मिल सके। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस बारे में केंद्र सरकार से पूछा है कि राज्यों में ज़्यादा से ज़्यादा यूनिटें लगाकर लोकल स्तर पर ज़रूरी लाइसेंस देकर वैक्सीन उत्पादन क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? क्यों राज्य को ज़रूरत के मुताबिक वैक्सीन डोज़ मुहैया कराने की जिम्मेदारी केंद्र नहीं ले रहा? सिर्फ इतना ही नहीं, न्यायालय ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए केंद्र को टीकाकरण पॉलिसी पर फिर विचार करने की बात भी कही।
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने यह भी कहा कि देश के बाहर से वैक्सीन जुटाने की इजाजत राज्यों को देने की बजाए स्वयं केंद्र को यह बीड़ा उठाने के विषय में विचार करना चाहिए। न्यायालय ने राज्यों के ग्लोबल टेंडरों की प्रैक्टिस को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की।
ग्लोबल टेंडरो से नहीं मिले पॉज़िटिव नतीजे
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से न्यायालय को बताय गया था चूंकि लोकल निर्माता वैक्सीन डोज सप्लाई नहीं कर सके इसलिए ग्लोबल टेंडर जारी कर 1 करोड़ वैक्सीन डोज जुटाने की कोशिश की गई। इस पर वकील सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा कि करीब 7.3 करोड़ की वयस्क आबादी के लिए इतने डोज काफी नहीं होंगे। वहीं, न्याय मित्र नमन नागरथ ने भी कहा कि कई राज्यों ने इस तरह के ग्लोबल टेंडर जारी किए लेकिन पॉजिटिव नतीजे नहीं मिले। इस बात को दोहराते हुए न्यायालय ने कहा कि पॉजिटिव संकेत न मिलने के बाद इस बात को लेकर चिंताजनक अंदेशे पैदा हो गए हैं कि इस तरह की प्रैक्टिस के चलते आने वाले महीनों में राज्य के पास जरूरत के मुताबिक पर्याप्त डोज आखिर कैसे होंगे।
केंद्र फिर नीति पर विचार करे
न्यायालय ने यह चिंता भी जताई कि वैक्सीन की कमी के हालात में जनवरी 2022 तक देश भर को टीका दिए जाने का लक्ष्य कैसे हासिल किया जा सकेगा। कोर्ट ने कहा हमारी राय में, केंद्र सरकार को अपनी वैक्सीनेशन नीति के प्रभाव को लेकर दोबारा विचार करना चाहिए। देश के इतिहास में अब तक जितने भी व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम चले हैं, वो सब केंद्र सरकार ही प्रायोजित करती रही है।

मंगलवार, मई 25, 2021

पारुल बेन जिंदाबाद

 


उस दौर में जब अच्छा लिखने वाले बोलने वाले 'रंगा- बिल्ला' और उनके कुत्तों की दहशत में या तो राग दरबारी गा रहे हैं या फिर चारणभाट बने हुए है। ऐसे में माँ गंगा की व्यथा को माँ सरस्वती की कृपा से कहने का सामथ्र्य जुटाने वाली मातृ शक्ति गुजरात में जन्मी भारत की बेटी कवियित्रि पारुल खक्कर जी को ह्रदय से कोटि-कोटि नमन करता हूँ।

आपने अपनी विश्वस्तरीय रचना 'नंगा साहेब' में वर्तमान में दम तोड़ती व्यवस्थाओं और इसके लिए जिम्मेदार 'रंगा-बिल्ला' को कुछ इस तरह बेनकाब किया की भक्त नाली के कीड़ों की तरह बिलबिला उठे। आप इसी तरह लिखते रहें इसी शुभकामना के साथ पुन: एक बार
पारुल बेन जिंदाबाद



  







शनिवार, मार्च 20, 2021

कच्ची शराब सहित महिला गिरफ्तार


    आज दिनाॅक 19-3-21 को थाना बरगी अंतर्गत ग्राम कुष्टा थाना में कच्ची शराब बनाये जाने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक बरगी रवि चैहान एवं थाना प्रभारी बरगी शिवराज सिंह द्वारा हमराह स्टाफ को लेकर दबिश देते हुये तलाशी ली गयी तो आरोपी सुशीला बाई आदिवासी भूसे एवं धान के पैरे के अंदर 10 लीटर कच्ची शराब एवं शराब  तैयार करने हेतु 200 लीटर लाहन छुपाकर  रखे मिली, लाहन को नष्ट कर कच्ची शराब जप्त करते हुये आरोपी सुशील बाई के विरूद्ध आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी।

आधारताल क्षेत्र में पांच दुकानें सील

 -  कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही के तहत राजस्व और पुलिस के अमले द्वारा आज शुक्रवार की शाम आधारताल तहसील क्षेत्र में शारीरिक दूरी का पालन न करने एवं मास्क नहीं लगाने पर 13 व्यक्तियों पर जुर्माना किया गया तथा पांच दुकानों को सील बंद किया गया ।
इसी तरह शुक्रवार की शाम फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर माढ़ोताल स्थित मोहित ज्वेलर्स को सील कर दिया है । प्रशासन एवं पुलिस द्वारा सयुंक्त रूप से की गई इस कार्यवाही में तहसीलदार आधारताल, नायब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी माढ़ोताल मौजूद थे।

शुक्रवार, मार्च 19, 2021

जबलपुर शहर में फिर शुरू हुआ लॉकडाउन

मास्क लगाएं और कोरोना  संक्रमण रोकने में अपना योगदान दें

इंदौर भोपाल एवं जबलपुर में रविवार को रहेगा लॉकडाउन 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

भोपाल 19 मार्च।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के प्रकरण बढ़ रहे हैं। फिर से गंभीर स्थिति न हो, इससे बचने के लिए मेरा प्रदेश की जनता से अनुरोध है कि सभी अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, कहीं भीड़ न करें तथा कोरोना संक्रमण को रोकने में अपना योगदान दें। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं वे न केवल अपनी, अपनों की बल्कि  समाज में सभी की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। सरकार सभी आवश्यक इंतजाम कर रही है, परंतु संक्रमण रोकने के लिए आप सभी का पूरा सहयोग बहुत जरूरी है।

कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए प्रदेश के इंदौर भोपाल एवं जबलपुर शहरों में शनिवार रात्रि 10:00 बजे से सोमवार को प्रातः 6:00 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं तथा उद्योग चालू रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डी जी पी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला आदि उपस्थित थे।

सामाजिक समारोह की अनुमति लेनी होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर भोपाल एवं जबलपुर में रविवार को लॉकडाउन के दौरान सामाजिक समारोह आयोजित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

31 मार्च तक स्कूल कॉलेज बंद
प्रदेश के भोपाल इंदौर एवं जबलपुर नगरों में आगामी 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे।

5.5% पॉजिटिविटी रेट
अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि गत दिवस प्रदेश में 21 हज़ार कोरोना टेस्ट किए गए। प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 5.5 प्रतिशत आई है, जो अधिक है।

किसान चिंता न करें, सभी को मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के जिन हिस्सों में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, वहां के किसान चिंता न करें। सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं, शीघ्र ही सर्वे प्रारंभ हो जाएगा तथा किसानों को फसलों के नुकसान का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।

शनिवार, जुलाई 04, 2020

एमपीबोर्ड के 10वीं के परिणाम जारी बेटियोंं ने मारी बाजी, टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड



जबलपुर. एमपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट, 2020 का रिजल्ट जारी हो गया है. हर बार की तरह इस बार मध्य प्रदेश बोर्ड के दसवीं के टॉपर्स को बोर्ड कार्यालय नहीं बुलाया गया. कोरोना वायरस के चलते ये फैसला किया गया है. मध्य प्रदेश बोर्ड की दसवीं क्लास की परीक्षा देने वाले 11.50 लाख स्टूडेंट्स का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया. एमपी बोर्ड ने आज शनिवार 12 बजे दसवीं कक्षा के परिणाम जारी कर दिए. इस बार दसवीं में 62.84 फीसदी छात्र पास हुए हैं, जबकि पिछले साल 61.32 प्रतिशत सफल हुए थे. इस तरह पिछले साल का पास प्रतिशत का रिकॉर्ड इस बार टूट गया. इस बार 100 प्रतिशत अंकों के साथ रिकॉर्ड 15 टॉपर बने हैं.
15 टॉपर, सभी के सौ प्रतिशत अंक
इस बार 100 प्रतिशत अंकों के साथ रिकॉर्ड 15 टॉपर बने हैं. इनमें से अकेले गुना से तीन टॉपर हैं. कुल 560474 परीक्षार्थी सफल हुए. इनमें से 342390 छात्र प्रथम श्रेणी में तो 215162 द्वितीय श्रेणी में पास हुए. वहीं 2922 छात्र तृतीय परीक्षा में पास हुए. 1444 छात्रों के परीक्षाफल अंकों की पुष्टि नहीं हो सकी है. उनके नतीजे बाद में जारी किए जाएंगे.  दसवीं की परीक्षा में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स मध्य प्रदेश बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपने नतीजे चेक कर सकते हैं. एमपी बोर्ड की वेबसाइट पर दसवीं के नतीजे उपलब्ध हैं.

छात्राओं ने मारी बाजी
इस साल एमपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा में बेटियों ने बाजी मारी. कुल 60.59 फीसदी छात्र पास हुए, जबकि छात्राओं के पास होने में ये प्रतिशत 65.87 दर्ज किया गया. मध्य प्रदेश बोर्ड की पिछले साल हुई दसवीं की परीक्षा में भी छात्राओं ने छात्रों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था.

गुरुवार, जून 11, 2020

चीन भेज रहा अमानक जिलेटिन, रिपोर्ट से हुआ स्पष्ट

याचिकाकर्ताओं ने मांगी आयात पर रोक लगाने की राहत 

जबलपुर। कोविड-१९ वायरस को लेकर सुर्खियों में आया चीन, देश में खाद्य पदार्थों के साथ दवाईयों में उपयोग में आने वाला जिलेटिन भी बड़ी मात्रा में निर्यात करता है जिसे केंद्र शासन के फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने अमानक स्तर का पाया। इस संबंध में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए पूर्व में इस मामले में मप्र उच्च न्यायालय की जनहित याचिका के माध्यम से शरण लेने वाले याचिकाकर्ता ने चीन से जिलेटिन आयात पर तत्काल रोक लगाने की कोर्ट से अंतरिम राहत मांगी है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सुनवाई में दवाई और खाद्य पदार्थों में अमानक जिलेटिन के उपयोग पर नोटिस जारी किया गया था। ज्ञात हो कि न्यायालय में दवाईयों और खाद्य पदार्थों में अमानक जिलेटिन के उपयोग के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। पूर्व सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने इस सिलसिले में केन्द्र शासन, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी दिल्ली और सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोलर ऑर्गनाइजेशन को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिये थे। गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आयात पर तत्काल रोक लगाने की अंतरिम राहत की मांग की।
नहीं है मानक स्तर का जिलेटिन 
ज्ञात हो कि जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और डॉ. एमए खान की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और शांति तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि केन्द्र सरकार ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत खाद्य पदार्थों की पैकिंग और स्टैंडर्ड के नियम बनाए हैं। इसके तहत यह स्टैंडर्ड बनाया गया है कि खाद्य पदार्थों में किस स्तर के जिलेटिन का उपयोग किया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों और दवाईयों में बड़े पैमाने पर अमानक जिलेटिन का उपयोग किया जा रहा है।
चीन से आयात हो रहा अमानक जिलेटिन
जनहित याचिका में कहा गया कि फार्मा इंडस्ट्रीज में बड़े पैमाने पर चीन से आयात होने वाले अमानक जिलेटिन का उपयोग किया जा रहा है। अमानक जिलेटिन से दवाईयां और कैप्सूल बनाई जा रही है। अमानक जिलेटिन से कैंसर जैसे घातक रोग हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने अथॉरिटी को पत्र लिखकर अमानक जिलेटिन की जांच करने और सैंपल लिए जाने का अनुरोध किया था। जिस पर अथॉरिटी ने हालहीं में रिपोर्ट जारी की जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि चीन से आयातित जिलेटिन मानक स्तर का नहीं है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय और शांति तिवारी ने दलील दी कि खाद्य पदार्थों में उपयोग हो रहे अमानक जिलेटिन के उपयोग को रोका जाए। 

रविवार, दिसंबर 14, 2014

पटी चरगंवा शिविर में आठ सौ से अधिक हितग्राहियों को मिलाशासकीय योजनाओं का लाभहाईकोर्ट जज अजित सिंह भी हुए शामिल


जिले के शहपुरा विकासखण्ड के ग्राम पटी चरगंवा गांव में आज आयोजित बहुउद्देशीय लोक कल्याण शिविर में करीब 800 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया । शिविर की खासियत इसमें मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश और म.प्र. विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस अजित सिंह की मौजूदगी थी । जस्टिस श्री सिंह शुरूआत से लेकर समापन तक इस शिविर में बने रहे ।  उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत लाभांवित हितग्राहियों को अपने हाथों से हितलाभ प्रदान किया और कलेक्टर शिवनारायण रूपला के साथ शिविर स्थल पर विकलांगों के कृत्रिम उपकरण बनाने के लिए स्थापित की गई वर्कशाप एवं विभिन्न विभागों के स्टालों का निरीक्षण किया । जस्टिस सिंह शिविर में नेत्र परीक्षण कराने आये लोगों से भी मिले और मोतियाबिंद के रोगियों को आपरेशन के लिए विशेष बस से विक्टोरिया अस्पताल के लिए रवाना भी किया ।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शासकीय योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर आयोजित यह बहुउद्देशीय लोक कल्याण शिविर कुण्डम विकासखण्ड के ग्राम चौरई कला के बाद अपनी तरह का ऐसा दूसरा शिविर था, जहां राजस्व, सामाजिक न्याय, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग जैसे महकमों की योजनाओं के तहत पात्र हितग्राहियों के प्रकरण तैयार किये गये और मौके पर ही उन्हें लाभ प्रदान किया गया ।  शिविर में नेत्र रोग परीक्षण शिविर भी लगाया गया और नि:शक्तजनों को विकलांगता प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ-साथ कृत्रिम उपकरण भी बनाकर दिये गये और ट्राइसिकल, व्हील चेयर, स्टिक आदि का वितरण भी इस शिविर में किया गया ।
बरगी विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की उप सचिव श्रीमती गिरी बाला सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एम. चौहान, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय राजश्री राय एवं अनुविभागीय अधिकारी पाटन आनंद कोपरिया भी इस शिविर में मौजूद थे ।
शिविर की शुरूआत जस्टिस अजित सिंह ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की ।  ग्राम पंचायत पटी चरगंवा की सरपंच श्रीमती सुशीला झारिया भी इस अवसर पर उनके साथ मौजूद थीं । इसके बाद स्वागत सत्कार के सिलसिले को बीच में ही रूकवाकर जस्टिस अजित सिंह कलेक्टर शिवनारायण रूपला के साथ मंच से उतरकर सीधे हितग्राहियों के बीच पहुंच गये ।  वे लगभग प्रत्येक हितग्राही से स्नेह पूर्वक मिले । खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों से सहज, सरल और दोस्ताना अंदाज में चर्चा की ।                                                                                                                                                                                    
शिविर की शुरूआत में कलेक्टर शिवनारायण रूपला ने इसके आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला ।  उन्होंने कहा कि शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंदों तक पहुंचे इसी उद्देश्य से इस तरह के ये शिविर लगाये जा रहे हैं । बरगी विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पटी चरगंवा जैसे आदिवासी बाहुल्य गांव में शिविर आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन का आभार माना ।  उन्होंने कहा कि हर पात्र व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा को सार्थक करने में इस तरह के शिविर ज्यादा सहायक साबित होंगे । राज्य विधिक
सेवा प्राधिकरण की उप सचिव श्रीमती गिरी बाला सिंह ने बेसहारा और गरीबों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी अपने उद्बोधन में दी ।
पटी चरगंवा के बहुउद्देशीय लोक कल्याण शिविर में पटी चरगंवा और इसके आसपास के करीब 14 गांवों के 800 से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित किया गया ।  इसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत आठ हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र, 320 स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र, 79 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय पट्टे, 20 हितग्राहियों को गरीबी रेखा के कार्ड, 50 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि विभाग की योजनाओं के तहत 75 किसानों को मिनी किट, 10 किसानों को उन्नत कृषि यंत्र, 60 नि:शक्तों को कृत्रिम उपकरण प्रदान किये गये । इसके अलावा 65 से अधिक नेत्र रोगियों को मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए शिविर से ही विशेष बसों द्वारा विक्टोरिया अस्पताल भेजा गया ।

बुधवार, दिसंबर 04, 2013

अधारताल में दो हत्याएं




पनागर और सुहागी क्षेत्र में दो बड़ी वारदातों से सनसनी

अधारताल और पनागर क्षेत्र में बुधवार को दिनदहाड़े हुई हत्या की दो वारदातों के बाद सनसनी का माहौल निर्मित हो गया। अधारताल थानांतर्गत सुहागी में एक वृद्ध को उसके पड़ोसी ने मूसल के संघातक वार कर मौत के घाट उतार दिया वहीं पनागर के परियट क्षेत्र में एक आदतन अपराधी को तीन युवकों ने धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। पनागर थाना पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्त में ले लिया है जबकि अधारताल थाना पुलिस आरोपियों की पतासाजी में जुटी है।
पहले छक की पी शराब
सीएसपी ईशा पंत ने बताया कि अधारताल थानांतर्गत पनागर परियट के कंदराखेड़ा निवासी 50 वर्षीय भूपत सिंह पटेल का 6 महीने पूर्व अपने ही पड़ोसी शेर सिंह उर्फ शेरा (50) से विवाद  हुआ था और बाद में सुलह भी हो गई थी। लेकिन दोनों में रंजिश बरकरार थी। बुधवार दोपहर को भूपत सिंह पटेल एवं शेर सिंह उर्फ शेरा मिले और दोनों ने जमकर शराब पी। जमकर शराब पीने और भोजन के बाद दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे जब दोनों ही पैदल घर लौट रहे थे तभी उनका आपस में विवाद हो गया। इसी दौरान दोनों में गाली गलौज हो गई। विवाद बढ़ा और इसने हाथापाई का रूप ले लिया। इसी दौरान शेर सिंह ने हाथ में रखे मूसल से भूपत के सिर, हाथ और पैर में संघातक वार किए। सिर में आई गंभीर चोटों की वजह से भूपत की मौके पर ही मौत हो गई। आनन फानन में मिली सूचना पर पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर वारदात के बाद मौके से फरार आरोपी शेर सिंह उर्फ शेरा (50) को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त मूसल को भी बरामद कर लिया।
घटना से गांव में पसरा सन्नाटा
दिन दहाड़े हुई इस वारदात के बाद परियट ग्राम में सनसनी का माहौल निर्मित हो गया। भूपत सिंह पटेल के परिजनों के साथ आस-पास के लोगों को भी इस घटना का अंदेशा नहीं था। परिजन इस घटना से स्तब्ध और दुखी हैं। गांव में उनके घर से देर रात तक परिजनों के रूदन की करूण पुकारें सारे गांव में गंूजती रहीं।
अकेला रहता था भूपत
कंदराखेड़ा में मृतक भूपत के आस पास के लोगों ने बताया कि पत्नी के देहांत और बेटी के विवाद के बाद भूपत अकेला ही रहता था। 6 माह पहले भी उसका आरोपी शेरा के साथ विवाद हुआ था। पिछली बार विवाद के बाद आरोपी ने उसे बोरे से अनाज निकालने वाला खुरचा मार दिया था। जिसकी रिपोर्ट भी भूपत ने की थी बाद में दोनों का समझौता हो गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार को आरोपी ने उसे किन्नर कह दिया था इसी वजह से दोनों में विवाद हुआ और हाथापाई के बाद यह स्थिति निर्मित हो गई।
आदतन अपराधी था नवीन
सुहागी में हुई हत्या की दूसरी वारदात में असमय काल का ग्रास बना नवीन यादव (27) नामक युवक क्षेत्र का निगरानी शुदा बदमाश था। सीएसपी ईशा पंत(प्रशिक्षु आईपीएस) ने बताया कि आरोपी हाल ही में धारा 327 के तहत गिरफ्तार हुआ था और कुछ ही दिन पहले रिहा हुआ। नवीन के खिलाफ अवैध धन उगाही के कई मामले विचाराधीन हैं। बुधवार दोपहर करीब साढ़े 3 बजे नवीन की तीन युवकों ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार तीनों संदेहियों की तलाश में विभिन्न पुलिस पार्टियों ने उनके कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है।

रविवार, दिसंबर 01, 2013

आदिवासी युवती से दुराचार


होटल मैनेजर हुआ गिरफ्तार

बस स्टैंड चौकी अंतर्गत एक होटल में ठहरी 19 वर्षीय युवती की होटल के मैनेजर ने ही अस्मत लूट ली। पीड़ित युवती की शिकायत पर हरिजन थाना पुलिस ने रविवार को आरोपी होटल मैनेजर को धरदबोचा। हरिजन थाना पुलिस के अनुसार बस स्टैंड स्थित अनामिक होटल में मंडला, भुआ बिछिया के कुडैÞला गांव निवासी 19 वर्षीय युवती 21 नवंबर को होटल के कमरा नंबर 7 में ठहरी हुई थी। युवती कम पढ़ी लिखी है और दिल्ली, हरियाणा जैसे शहरों में जाकर घरों में काम करने का कार्य कर आजीविका चलाती है। 21 नवंबर को वह मंडला के लिए बस पकड़ने स्टैंड पहुंची थी लेकिन बस न मिलने की वजह से वह होटल में रुकी। इसी का फायदा उठाकर अनामिका होटल के मैनेजर देवास निवासी आशिक खान (20) ने उसकी अस्मत लूट ली। पीड़ित युवती ने बताया कि आशिक ने शादी का प्रलोभन देकर उसकी अस्मत लूटी और फिर यहां से रायपुर ले गया। रायपुर के पंडरई में आरोपी आशिक खान उसे ट्रेन में छोड़कर भाग खड़ा हुआ। वहां सामाजिक संस्थाओं की मदद से युवती ने पंडरई थाने में प्रकरण दर्ज कराया जिसके बाद केस डायरी यहां पहुंची। पुलिस के अनुसार युवती को पंडरई में छोड़ कर भागे आशिक ने पुन: होटल में आकर काम करना प्रारंभ कर दिया था।  

शनिवार, नवंबर 30, 2013

अदालतों से बीस फीसदी बोझ हुआ कम








मप्र की नेशनल लोक अदालत ने देश में रचा कीर्तिमान

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एक नजर में
नेशनल अदालत में 19 लाख 9 हजार 676 प्रकरण निराकृत
अवार्ड- 6 अरब 1 करोड़ 26 लाख 215 रुपये
मेगा वृहद लोक अदालत में (आवेदनी प्रकरण) 28 लाख 43 हजार 261 प्रकरण निराकृत
अवार्ड-2 अरब 85 करोड़ 2 लाख 24 हजार 571 रुपये

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जबलपुर। प्रदेश में आयोजित नेशनल मेगा लोक अदालत ने देश में नया कीर्तिमान रचते हुए लाखों प्रकरणों का निराकरण किया। जिससे प्रदेश की अदालता से बीस फीसदी लंबित मामलो का बोझ कम किया है। नेशनल लोक अदालत में जहां 8.30 बजे तक 19 लाख 9 हजार 676 प्रकरण निराकृत कर छ: अरब एक करोड़ 26 लाख 215 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। वहीं मेगा अदालत में आवदेनी मामलो का करीब 28 लाख प्रकरण निराकृत किये गये। उक्ताशय की जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस केके लाहोटी ने पत्रवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को देश में संपन्न हुई नेशनल लोक अदालत में जहां 27 लाख प्रकरणों का निराकरण किया गया तो वहीं मप्र में ही अकेले 19 लाख से अधिक लंबित मामलो का निराकरण हुआ। जिसमें प्रीलिटिगेशन के मामले भी शामिल है। जस्टिस श्री लाहोटी ने जानकारी देते हुए बताया कि मप्र हाईकोर्ट में 1 नवंबर तक लंबित मामलो की संख्या 12 लाख 17 हजार थी, जो कि अब करीब 10 लाख ही बची है, क्योकि नेशनल लोक अदालत में हाईकोर्ट के दो लाख से अधिक मामलो का निराकरण किया गया। जस्टिस श्री लाहोटी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य पीठ सहित इंदौर व ग्वालियर पीठ में 4520 प्रकरण निराकृत कर 9 करोड़ 24 लाख 28 हजार रुपये का अवार्ड पारित किया गया। जिससे 11 हजार 587 पक्षकार लाभान्वित हुए। वहीं 50 जिला व 148 तहसील न्यायाल में 19 लाख 9 हजार 676 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण हुआ। जिसमें छ: अरब से ज्यादा की अवार्ड राशि पारित की गई। जहां 40 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए। इसके साथ ही पक्षकारों को वन विभाग की ओर से पौधा वितरित किये गये।
मामला निपटा कोर्ट फीस वापिस-
राष्टÑीय लोक अदालत की पीठों में पारित कर प्रभाव कोर्ट द्वारा पारित डिक्री जैसा की इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि लोक अदालत के फैसले को फिर किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती साथ ही साथ यदि पक्षकार ने इस मामले के सिलसिले में जो कोर्ट फीस जमा की होगी वह भी वापिस मिल जाएगी।
बीएसएनएल में लगा मेला-
लोक अदालत में समझौता करके प्रकरण निपटाने के लिए बीएसएनएल के कार्यालय में भी आज मेला भरा। दूरभाष देयकों के लंबित 14462 मामले यहां आयोजित लोक अदालत में प्रस्तुत किए गए। आपदा प्रबंधन वित्त एवं लेखा एसवी सिंह, लेखाधिकारी पीसी मेहरा, कनिष्ठ लेखाधिकारी विवेक तिवारी की लोक अदालत पीठ में अपरान्त तक ही लगभग 5 हजार प्रकरणों में समझौता हो गया। इसके पूर्व भी तकरीबन 1500 उपभोक्ताओं ने देयकों का भुगतान कर दिया। सुनवाई के दौरान बीएसएनएल के पीके पाण्डे, पीएम पाटकर, एचएस पटेल व आरके साव ने भी प्रकरणों के निराकरण में सहयोग किया।
एमपी पैटर्न अब देश भर में-
मप्र उच्च न्यायालय ने ही सबसे पहले लोक अदालत को नये आयाम दिए। न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के साथ उन सब सेवाओं को भी लोक अदालत के दायरे में लाया गया। जिसके लिए आम नागरिक बेवजह परेशान होता है। इनमें राशन कार्ड जारी करने से लेकर विद्युत देयकों का निपटारा, भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति से लेकर राजस्व न्यायालयों में सीमांकन, नामान्तरण विभिन्न प्रमाणपत्र जारी करने के मामले भी शामिल किए गए। इस बार आयोजित मेगा लोक अदालतों ने नया रिकार्ड बनाया है।
सभी विवादों का समाधान-
लोक अदालत में सिविल, आपराधिक, चेक बाउंस, विद्युत अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक, भरण पोषण परिवार न्यायालय,  ग्राम न्यायालय श्रम प्रकरण, आयकर विक्रयकर, रेलवे क्लेम्स, सर्विस मेटर, सहकारिता, बैंक प्रकरण उपभोक्ता फोरम, राजस्व, नगर निगम से संबंधित सभी प्रकरणों की सुनवाई हुई।
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केस-1
सैर-सपाटा न कराने से टूट रहा था रिश्ता- हाईकोर्ट की लोक अदालत में एक ऐसा मामला आया जहां पत्ति अपने पति इस कारण नाराज ाी कि उसका पति उसे सैर-सपाटे के लिये घूमाने नहीं ले जाता। लोक अदालत में श्रीमती रानी व उससे नाराज पति आशीष के बीच सुलह हुई। जिसके बाद पक्षकारों ने करीब चार किलो मिठाई वितरित कर अपनी खुशी का इजहार किया।

केस-2
विधिक सेवा की पहल पर निपटा चैक बाउंस का मामला- चैक बाउंस के मामले में मजिस्टेÑट कोर्ट में समझौता न होने के बाद एडीजे कोर्ट में चैक रकम का दस प्रतिशत, हाईकोर्ट में 15 प्रतिशत व सुको में 20 प्रतिशत की राशि जमा करने के प्रावधान के कारण लंबित रहने के मामले में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विरुद्व प्रतीक जैन के मामले में सुको के न्याय   दृष्टांत ने राहत पहुंचायी। जिसके कारण वर्षो से लंबित भोपाल के दो व्यवसायियों के 18 लाख रुपये का चैक बाउंस के मामले का पटाक्षेप जस्टिस जीएस सोलंकी व अधिवक्ता समीर सेठ की पीठ के समक्ष हुआ।

केस-3
आखिर नही हुआ समझौता- लोक अदालत में एक ऐसा प्रकरण भी आया,
 जिसमें कि पत्नि के भक्ति में लीन होने के चलते पति हार गया। पीठ की समझाइश पत्नि की जिद में आखिरकार सभी को निराशा लगी। क्योकि पत्नी पूरे समय ही मॉ दुर्गा का नाम लेकर हर बात का निराकरण किये जाने की बात कहती रही, 20 मिनिट के अंतराल में भी उक्त 40 वर्षीय महिला द्वारा मॉ दुर्गा का नाम लेती रही और किसी की बात न सुनी।

सुबह से ही लगी न्याय मंदिर में पक्षकारों की भीड़
 मुख्यालय स्थित न्यायालयों सहित तहसील के न्यायालयों में ही आज पूर्वान्ह बेला से पहले ही पक्षकारों व न्यायिक कर्मियों की हलचल शुरू हो गई। पूरे देश में राष्टÑीय लोक अदालतें 23 नवम्बर को लगीं थीं परंतु मप्र में विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए राष्टÑीय लोक अदालत का आयोजन आज 30 नवम्बर को किया गया।
शनिवार पूर्वान्ह 10.30 बजे उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर प्रशासनिक न्यायाधीश कृष्ण कुमार लाहोटी ने जिला न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश भरत पी माहेश्वरी जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक गुप्ता ने राष्टÑपिता महात्मा गांधी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर देश की पहली राष्टÑीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। लोक अदालत में जाने वाले पहले तो गंभीर मुद्रा में दिखाई दिए परंतु समझौता होते ही उनके चेहरे खिल गए। लोक अदालत पीठों में सुनवाई के पहले ही समझौता करके मामला निपटाने आए वहीं पक्षकार एक-दूसरे की मान मनौव्वल करते नजर आए। उच्च न्यायालय की पीठों में हजारों की तादाद में मामलों का निराकरण हुआ और इसके साथ ही आपसी सहमति से निराकृत हुए मामलो में पक्षकारों को पौधे भेंट किये गये।


ननि मेगा लोक अदालत में एक हजार से अधिक करदाता लाभांवित
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मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के निर्देशानुसार नगर निगम के सभी संभागीय कार्यालयों में आयोजित मेगा लोक अदालत में एक हजार से अधिक करदाता लाभांवित हुए। इन करदाताओं द्वारा संध्या 7 बजे तक 90 लाख रूपये से अधिक की राशि जमा की गयी। इस प्रकार निगम खजाने में 90 लाख रूपये की आय एक दिन में जमा हुई। मेगा लोक अदालत आयोजन के दौरान निगमायुक्त वेदप्रकाश द्वारा संभागों में जाकर संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली गयी और अधिक से अधिक करदाताओं को राहत पहुंचाने के निर्देश प्रदान किये गये। निगमायुक्त द्वारा मौके पर अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि मेगा लोक अदालत में आने वाले हितग्राही एवं करदाताओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो वे आसानी से बकाया करों की राशि जमा कर इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे। लोक अदालत में 821 करदाता सम्पत्तिकर के तथा 117 करदाता जलकर की राशि जमा करने पहुंचे। वहीं 70 भवन नामांतरण के प्रकरण, 80 कर आपत्ती के प्रकरण, 2 नवीन नल कनेक्शन के साथ ही अन्य सुविधाओं के लिए लगभग 50 से अधिक हितग्राहियों द्वारा भाग लिया जाकर मेगा लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण कराया गया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार राष्टÑीय मेगा लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषकर करदाताओं को अधिभार में छूट देने का प्रावधान रखा गया था। जिसका भरपूर लाभ आज हितग्राहियों एवं करदाताओं  द्वारा उठाया गया। इस दौरान नगर निगम के अपर आयुक्त व्ही व्ही एस गहरवार, एम.पी. सिंह, के साथ ही उपायुक्त परमेश जलोटे, राहुल सिंह, अंजू ठाकुर, प्रभारी उपायुक्त डी.के. चौबे, राजस्व अधिकारी दीप नारायण मिश्रा तथा सभी संभागीय अधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही।

केंद्रीय जेल में लगी लोक अदालत
नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर में कार्यपालक अध्यक्ष राष्टÑीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के राष्टÑीय लोक अदालत हेतु 3 पीठों क्रमश: दिनेश मिश्रा रेल्वे मजिस्ट्रेट, कमलेश सनोदिया जेएमएफसी एवं मुकेशसिंह चौहान जेएमएफसी का गठन कर लोक अदालत आयोजित की गई। जिसमें 44 प्रकरणों का निराकरण किया गया। कार्यक्रम में अखिलेश तोमर जेल अधीक्षक, यूपी सिंह विधि अधिकारी, एएस सेंग, हुकुम सिंह आर्मो, रविशंकर सिंह उप जेल अधीक्षक, शिवपाल सिंह सहायक जेल अधीक्षक, एसएस नेगी, रामनाथ सिंह तोमर, राहुल चौरसिया, ओमप्रकाश दुबे, संदीप खरे, मदन लाल रैकवार तथा राजकुमार ने सहयोग प्रदान किया।


शासकीय निकायों में 25 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत
शहर कलेक्ट्रेट कार्यालय सहित अन्य शासकीय निकायों में शनिवार को मेगा लोक अदालत में 25 हजार 595 प्रकरण शामिल हुए। इनमें अपर कलेक्टर प्रथम के समक्ष 15, अपर कलेक्टर द्वितीय के समक्ष 8, एसडीएम   जबलपुर के समक्ष 3430, एसडीएम कुंडम के समक्ष 496, एसडीएम सिहोरा के पास 2090, एसडीएम ओमती के पास 340, एसडीएम कोतवाली के पास 1113, एसडीएम गोरखपुर के समक्ष 1221, एसडीएम रांझी के समक्ष 2515, अधीक्षक भू-अभिलेख के समक्ष 15, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष 294, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय के समक्ष 1370, अपर संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर के समक्ष 2855, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष  672 एवं उपसंचालक कृषि के समक्ष एक प्रकरण आया। इन न्यायालय में  6062 राजस्व संबंधी प्रकरण, 5811 दांडिक एवं 14722 अन्य मामलों के प्रकरण आए।

एसपी कार्यालय में पारिवारिक विवादों का हुआ समाधान
    पुलिस अधीक्षक कार्यालय जबलपुर मे पुलिस अधीक्षक हरिनारायणाचारी मिश्र, के मार्गदर्शन में शनिवार को एएसपी (पश्चिम) सिद्धार्थ बहुगुणा की उपस्थिति में पारिवारिक विवादों के समाधान हेतु लोक अदालत का आयोजित की गयी। पहली बार म0प्र0 विधिक सहायता प्राधिकरण ने पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र को पारिवारिक/वैवाहिक विवादों, घरेलू हिंसा, सम्बंधी प्रकरणो के समाधान हेतु अधिकृत किया था, 3 न्यायपीठो के समक्ष 300 प्रकरणों को आपसी सहमती से समझौते हेतु सूचनापत्र प्रेषित किये गये थे, अथक प्रयासो के उपरांत 102 पारिवारिक विवादो का परस्पर सहमती से समाधान हो गया। बहुत बडी संख्या में पक्षकारो ने नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणो के समाधान में सहयोग दिया। न्यायपीठों में अंशुमान शुक्ला, प्रो0 हरि भटनागर, शांति बावरिया,गीता श्रीवास्तव , कर्नल आर. एस. मल्होत्रा, कर्नल आर.के. गोपाल, प्रदीप ड्योढिया, महिला थाना प्रभारी लक्ष्मी यादव, डाक्टर योगिता राउते,  सुनीता पंच, संध्या मरावी, जयंती झारिया, ने निराकरण में योगदान दिया। वैवाहिक विवाद सम्बंधी 2 प्रकरणों में पक्षकारो का आपसी सहमति से समझौता उपरांत विवाह का पंजीयन कराने की सलाह दी गयी। छोटे बच्चो ने अपने माता पिता के विवादो के निराकरण में अहम भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सफलता पूर्वक प्रथम बार आयोजन के लिये पुलिस अधीक्षक जबलपुर, हरिनारायणाचारी मिश्र, ने सभी को बधाई दी।


शहरी प्रत्याशियों से ज्यादा ग्रामीण प्रत्याशियों ने किया खर्च

जिला प्रशासन ने जारी किया चुनावी खर्च का ब्यौरा

विधानसभा निर्वाचन 2013 में चुनावी खर्च का ब्यौरा शुक्रवार को जिला प्रशासन ने जारी कर दिया। चुनावी खर्च में नजर डालें तो जिले में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्याशियों ने कहीं ज्यादा खर्च किए। खर्च में पाटन विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी अजय विश्नोई 7 लाख 64 हजार 340 रुपए खर्च सबसे ऊपर हैं,
बरगी के कांग्रेस प्रत्याशी बाबू सोबरन सिंह करीब साढ़े 7 लाख रुपए खर्च कर दूसरे नंबर पर हैं पनागर के कांग्रेस प्रत्याशी रूपेंद्र पटैल ने करीब 6 लाख रुपए खर्च कर तीसरे नंबर पर हैं। वहीं शहरी प्रत्याशियों को चुनावी खर्च ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों की तुलना में कम रहा। 
पाटन में अजय का चुनावी खर्च ज्यादा
पाटन विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी अजय विश्नोई ने पहले चरण में 3 लाख 83 हजार 264, दूसरे चरण में 42 हजार 972 और तीसरे चरण में 3 लाख 38 हजार 194 का चुनावी खर्च प्रस्तुत किया। इस प्रकार चुनाव में उन्होंने कुल 7 लाख 64 हजार 340 रुपए खर्च किए। इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश अवस्थी ने पहले चरण में 99 हजार 301, दूसरे चरण में 1 लाख 40 हजार 258 एवं तीसरे चरण में 1 लाख 57 हजार 760 रुपए खर्च किए। इस तरह उन्होंने 3 लाख 97 हजार 319 रुपए खर्च किए।
उत्तर मध्य विधानसभा में शरद का चुनावी खर्च ज्यादा
उत्तर मध्य विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सराफ ने पहले चरण में 57 हजार 230, दूसरे चरण में 1 लाख 97 हजार 999 और तीसरे चरण में 59 हजार 364 रुपए खर्च किए। इस तरह उन्होंने 3 लाख 14 हजार 593 हजार  रुपए खर्च किए। वहीं भाजपा प्रत्याशी शरद जैन ने पहले चरण में 42 हजार 290, दूसरे चरण में 1 लाख 94 हजार 465 एवं तीसरे चरण में 1 लाख 33 हजार 572 रुपए खर्च किए। इस तरह उन्होंने 3 लाख 70 हजार 327 रुपए खर्च किए। तीसरे नंबर पर यहां समाजवादी पार्टी प्रत्याशी हीराबाई है जिन्होंने चुनावों में तीन चरणों में कुल 1 लाख 60 हजार 530 रुपए खर्च किए।
कैंट में चुनावी खर्च में चमन आगे
कैंट विधानसभा में चुनावों में कांग्रेस के सर्वेश्वर चमन श्रीवास्तव 4 लाख 1 हजार 703 रुपए खर्च कर चुनावी खर्च में सबसे आगे हैं वहीं भाजपा प्रत्याशी अशोक रोहाणी ने तीन चरणों में कुल 3 लाख 39 हजार 890 रुपए खर्च कर दूसरे नंबर पर एवं  तीसरे नंबर पर बसपा के अनिल रैदास ने 1 लाख 10 हजार  78 रुपए खर्च किए।
पूर्व में लखन ने खर्च किए ज्यादा
पूर्व विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी लखन घनघोरिया ने तीन चरणों में करीब 4 लाख 13 हजार 960 रुपए खर्च कर सबसे आगे हैं वहीं दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी अंचल सोनकर ने 3 लाख 31 हजार 187 रुपए खर्च किए।
पश्चिम में खर्च में बब्बू आगे
पश्चिम विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी हरेंद्र जीत सिंह बब्बू ने चुनाव में  3 लाख 90 हजार 802 रुपए खर्च किए, खर्च में दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी तरुण भनोत ने तीन चरणों में 2 लाख 65 हजार 224 रुपए चुनावों में खर्च किए। तीसरे नंबर पर शिवसेना के ठाड़ेश्वर महावर ने चुनावों में 1 लाख 51 हजार खर्च किए।
पनागर में चुनावी खर्च में रूपेंद्र आगे
पनागर विधानसभा में कांग्रेस के रूपेंद्र पटेल ने चुनाव में 6 लाख 5 हजार  543 रुपए खर्च कर चुनावी खर्च में सबसे आगे हैं दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी सुशील तिवारी इंदू ने 4 लाख 85 हजार 364 रुपए खर्च किए।
Ñसिहोरा में खर्च में जमुना आगे
सिहोरा में कांग्रेस प्रत्याशी जमुना मरावी ने तीन चरणों में 5लाख 5 हजार 701 रुपए खर्च कर चुनावी खर्च में पहले नंबर पर जबकि भाजपा प्रत्याशी जमुना मरावी 4 लाख 73 हजार 756 रुपए खर्च कर दूसरे नंबर पर हैं।
बरगी में खर्च में सोबरन आगे
कांग्रेस के बाबू सोबरन सिंह ने चुनाव में 7 लाख 13 हजार 605 रुपए खर्च कर चुनावी खर्च में पहले नंबर पर हैं वहीं भाजपा प्रत्याशी जमुना मरावी ने 2 लाख  88 हजार 145 रुपए खर्च कर दूसरे नंबर पर हैं। जदयू प्रत्याशी सूरज जायसवाल 1 लाख 7 हजार 917 रुपए खर्च कर तीसरे नंबर पर हैं।










पाटन में समय पर हजारों घरों में नहीं पहुंचा राशन का गेंहू


अनाज का वाहन छोड़ भागा चालक, प्रबंधक लीड समिति, शुभम ट्रांसपोर्ट और आपूर्ति निगम के गोदाम प्रभारी को नोटिस

शासन की मंशा थी कि दीपावली के पहले उचित मूल्य दुकानों पर राशन का अनाज समय रहते पहुंच जाए लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम प्रबंधन का निजी ट्रांसपोर्टरों पर भरोसा महंगा पड़ गया। 725 क्विंटल गेंहूं से भरा ट्रक छोड़कर भागे एक चालक की लापरवाही के चलते पाटन के बिजौरी राशन दुकानों से संबद्ध हजारों ग्रामीणों तक उचित मूल्य दुकानों का राशन का अनाज नहीं पहुंच पाया।  इस लापरवाही के चलते जो अनाज दीपावली के पहले पाटन के लीड बिजौरी में पहुंचना था वह 10 नवंबर को पहुंच पाया। इस मामले में घोर लापरवाही बरतने वाले नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम प्रभारी, लीड बिजौरी के प्रबंधक एवं शुभम टांसपोर्टर को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक आर. एस. ठाकुर द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। श्री ठाकुर ने बताया कि इन तीनों के जवाब आने के बाद इन पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
29 राशन दुकानों में होना था आवंटन
इस मामले में श्री ठाकुर ने बताया कि करीब 725 क्विंटल गेंहूं में एपीएल के लिए 151 क्विंटल, बीपीए के लिए 48 क्विंटल, अंत्योदय कार्ड धाराकों के लिए 233 क्विंटल और एमडीएम कार्ड धारकों के हिस्से का 291 क्विंटल गेंहूं था। यह 30 अक्टूबर को ही उठा लिया गया था। लीड बिजौरी में यह अनाज 30 अक्टूबर को ही पहुंचाया जाना था जिसका वितरण 29 राशन दुकानों में होना था। लेकिन यह नहीं हो पाया। जिससे हजारों की तादाद में पाटन में निवास करने वाले एपीएएल, बीपीएल, अंत्योदय और एमडीएम कार्ड धारकों की दीपावली का पर्व फीका रहा।
दर्ज होेनी चाहिए एफआईआर
पाटन बिजौरी में जिन कार्ड धारकों को राशन दुकानों से दीपावली के पहले अनाज नहीं मिल पाया उन्होंने समय पर अनाज न मिलने से काफी नाराजगी जताई। पर्व के बाद राशन दुकानों पर पहुंचने के बाद जब उन्हें इसके कारण का पता चला तो अधिकांश ने मांग की कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह का कृत्य करने का दुस्साहस न करे।
होगी वैधानिक कार्रवाई
अनाज ले जा रहे ट्रक चालक की लापरवाही से देरी हुई।
आर.एस. ठाकुर
नियंत्रक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग

हालांकि अनाज दुकानों में 9 और 10 नवंबर को पहुंचा दिया गया। लापरहवाही बरतने वाले नागरिक आपूर्ति निगम गोदाम प्रभारी, प्रबंधक लीड बिजौरी समिति एवं शुभम ट्रांसपोर्ट को नोटिस दिया गया है। नोटिस का जवाब आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

बुधवार, नवंबर 27, 2013

जमीनी विवाद के चलते दाग दी गोली


12 साल से चल रहा विवाद, घायल की हालत गंभीर

उसके परिजनों ने किसी समय एक जमींदार से जरुरत पड़ने पर अपनी 30 एक ड़ जमीन महज 50 हजार रुपए में गिरवी रखी। जमींदार की नीयत डाल गई और उसने जमीन की अपने नाम पर रजिस्ट्री भी करा ली। इस बात की जानकारी मिलने पर परिवार के एक सदस्य ने पुलिस और प्रशासन से शिकायत कर इस रजिस्ट्री को निरस्त क्या कराया जमींदार उसकी जान का दुश्मन बन गया। दमोह जिले के नोहटा थानांतर्गत 12 साल से चले आर रहे जमीनी विवाद के चलते जमींदार आरोपी सदन अग्रवाल ने हत्या की नीयत से कुशमी, थाना कुम्हारी निवासी नागमझिा सिंह राजपूत(24) पर 19 नवंबर की शाम देसी कट्टे से गोली दाग दी। सीने में चलाई गई गोली बांई भुजा में लगने से बाल-बाल बचे नागमणि को गंभीर अवस्था में उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। नागमणि के भाई मकरध्वज राजपूत एवं उसके पिता उमाशंकर सिह राजपूत ने बताया कि इस घटना की रिपोर्ट नोहटा थाने में दर्ज कराई गई है।
4 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज
नोहटा थाना पुलिस के अनुसार नागमणि मंगलवार 19 नवंबर की शाम करीब साढ़े सात बजे सगरा, सोगानी रोड तालाब के पास पहाड़ी टेक पर हमला तब किया गया जब वह कुशमी स्थित अपने घर जा रहा था। आरोपी पलदा चौराहा , दमोह निवासी सदन अग्रवाल, अन्नू अग्रवाल, देश यादव और छोटू यादव ने पहले नागमणि को रोका और बुरी तरह मारपीट की। किसी तरह जान बचाकर वहां से भागते नागमणि पर आरोपी सदन ने देसी कट्टे से फायर कर दिया।
आरोपी फरार, दे रहा है धमकिया
पीड़ितों ने बताया कि घटना के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस आरोपियों पर शिकंजा नहीं कस पाई है जिसके चलते अब भी आरोपी लगातार उन्हें धमकियां दे रहा है। पेश से ड्राईवरी करने वाले नागमणि के साथ उसके परिजन भी इन धमकियों से दहशतजदा हैं। 
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शोहदे की हरकतों से व्यथित छात्रा ने किया आत्मदाह

सिहोरा की घटना, थाने में की थी शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई

सिहोरा थानांतर्गत दिनारी खमरिया निवासी एक 17 वर्षीय छात्रा ने बुधवार दोपहर रहस्यमय परिस्थितियों में आत्मदाह कर लिया। 90 फीसदी गंभीर रूप से जली किशोरी का उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह अब भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। पुलिस और परिजनों के अनुसार किशोरी क्षेत्र में रहने वाले एक शोहदे के आतंक से त्रस्त थी। किशोरी के आत्मघाति कदम उठाने के बाद सकते में आई पुलिस ने आनन फानन में आरोपी संजय पटैल उर्फ संजू (20) वल्द रामजी पटैल को गिरफ्तार  कर लिया। इस घटना से परिजनों के साथ पूरे सिहोरा क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है।
दोपहर 12 बजे हुई घटना
एसडीओपी जेएस बिसेन ने बताया कि दिनारी खमरिया निवासी 17 वर्षीय किशोरी को बुधवार सुबह करीब 9 बजे शौच के लिए जाते समय आरोप संजय पटैल उर्फ संजू ने बुरी नीयत से हाथ पकड़ लिया। वह किसी तह हाथ छुड़ा कर भागी इसी दौरान किशोरी के बड़े पिता को देख कर आरोपी भाग खड़ा हुआ। इस के बाद किशोरी दहशत में थी। किशोरी के माता पिता जैसे ही मजदूरी करने गए उसने सूने पन का लाभ उठाकर खुद पर मिट्टी तेल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया। बिसेन ने बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 363, 354 आईपीसी के साथ 3,4 बालकों के लैंगिक शोषण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 
पहली बार नहीं की छेड़छाड़
किशोरी के परिजनों ने बताया कि बुधवार को आरोपी संजय पटैल द्वारा की गई छेड़छाड़ की घटना पहली बार नहीं हुई। इससे पूर्व वह करीब एक साल से किशोरी को प्रताड़ित कर रहा था जिसके चलते वह काफी परेशान रहती थी। आरोपी जब किशोरी को देखता फब्तियां कसता, उसका पीछा करता, उसका घर से निकलना मुश्किल कर दिया था जिसके चलते किशोरी ने ऐसा आत्मघाति कदम उठा लिया।
एक साल पहले भी की थी शिकायत

किशोरी के चाचा ने बताया कि एक साल पहले भी आरोपी युवक के आतंक के चलते परिजनों ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपी युवक के परिजनों के खासे राजनीतिक रसूख के चलते पहले रिपोर्ट दर्ज नहीं हो रही थी। किसी तरह पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की तो परिजनों पर उल्टे समझौता करने दबाव बनाने लगी। किशोरी के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस के दबाव के चलते उन्हें समझौता करने विवश होना पड़ा इससे आरोपी युवक के हौसले और बुलंद हो गए और वह लगातार किशोरी का आए दिन प्रताड़ित करने लगा।
स्तब्ध हैं परिजन और ग्रामीण
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही किशोरी के पिता पेशे से मजूदर हैं। उनके चार बच्चों में किशोरी सबसे बड़ी थी जबकि उससे छोटे दो भाई और एक छोटी बहन भी है। कुशाग्र बुद्धि वाली किशोरी वर्तमान में खमरिया शासकीय स्कूल में कक्षा 10 वीं की छात्रा थी।
अब भी आरोपी के बचा रही सिहोरा पुलिस
एक तरफ किशोरी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है दूसरी तरफ सिहोरा थाना पुलिस अब भी अपने राजनीतिक आकाओं के हिकमत अमली में इस तरह जुटी है कि अब भी आरोपी को बचाने कोई कसर नहीं छोड़ रही। ये आरोप किशोरी के परिजनों ने लगाया।
एसडीओपी बता रहे आरोपी को नाबालिग
आरोपी को पुलिस बचाने का प्रयास कर रही है या नहीं इसकी पुष्टि करने सिहोरा एसडीओपी जेएस बिसेन से चर्चा की गई। परिजनों के आरोपों में काफी हद तक सत्यता पाई गई। जहां बिसेन आरोपी संजय पटैल उर्फ संजू को नाबालिग बताते हुए उसकी उम्र 17 साल बता रहे हैं वहीं एसपी हरिनारायणा चारी मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की आरोपी की नाबालिग नहीं बालिग है और उसकी उम्र 18 साल से अधिक है।

शुक्रवार, नवंबर 22, 2013

देश का इतिहास पता नहीं और देख रहे पीएम बनने का सपना: सिब्बल


शहर में फिर साधा मोदी और शिवराज पर निशाना

उन्हें देश का इतिहास का पता नहीं और इन दिनों वे देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। मंचों पर भाषणों में झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं वे कभी पत्रकारों से चर्चा में आमने सामने क्यों नहीं आते। हमने तो पहले भी कहा था कि राष्ट्रीय स्तरपर यदि आंकड़ों पर चर्चा करना है तो जनता के सामने डिवेड कर लीजिए जहां कहें वहां जिस भाषा में उचित समझें उस भाषा में। हम जो आंकड़े दे रहे हैं सही हैं श्री मोदी जो मिथ्या आंकड़े जनता के सामने रखे हैं उसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। ये कहना है कांगे्रस के राष्ट्रीय नेता और कानून मंत्री कपिल सिब्बल का। वे ग्वालियर के बाद शहर में पत्रकारों से एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने श्री मोदी के साथ शिवराज पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता इतनी बेवकूफ नहीं कि जो ये लोग कहेंगे मान जाएगी।
कहां किया विनाश
उन्होंने भाजपा के दोनों नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कहते हैं कि हमने देश का विनाश कर दिया। श्री सिब्बल ने पूछा ये बताए तो सही कि कहां किया विनाश। उन्होंने कहा कि देश की आमदनी पिछले वर्षों में चार गुना बढ़ी है, 10 साल पहले केंद्र में भाजपा के शासन में जहां विदेशी पूंजी निवेश 24 मिलियन डॉलर से 222 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है वहीं औसत वेतन में दो गुनी वृद्धि हुई है। श्री सिब्बल ने कहा कि देश में गरीबी घटी है, पूंजी बढ़ी है।
शहर में तो नहीं दिखा विकास
श्री सिब्बल ने कहा कि जिस विकास की शिवराज बात कर रहे हैं वह इस शहर में तो कहीं दिखाई नहीं दिया। सड़कों के हालात भी बत्तर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चे सबसे कमजोर है ये कैसा विकास है। खासतौर पर बच्चियों की भ्रूण हत्या का ग्राफ भी प्रदेश में बढ़ा है। 15 लाख आवासों में से 5 लाख लोगों को स्वच्छ पानी भी प्रदेश सरकार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। मध्य प्रदेश एक लौता ऐसा प्रदेश है जहां कुपोषण 47 से बढ़कर 50 फीसदी पर पहुंच गया है। प्रदेश की भुखमरी की समस्या इथियोपिया जैसी है। उन्होंने कहा कमाल कर दिया चौहान साहब, पूरे देश में जहां वृद्धा वस्था पेंशन 5 सौ रुपए से अधिक है वहीं यहां पर सिर्फ 150 से 200 रुपए दी जा रही है।
विज्ञापन में भी नहीं दिखा पा रहे प्रदेश के खेत, सड़क
उन्होंने कहा कि शिवराज कहते हैं कि केंद्र से राज्य को मदद नहीं मिल रही है तो वे जवाब दें कि वर्ष 2012-13 में केंद्र ने राज्य को जो 12 हजार 6 सौ करोड़ रुपए दिए थे वे कहां गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मामले में देश भर में पिछड़ा है, प्रदेश बलात्कार के मामलों में देश में अव्वल है, अपराध में अव्वल है और ऐसी बहुत सी उपलब्धियों को प्रदेश सरकार के खाते में हैं जिसका वे भूले से भी उल्लेख नहीं करते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास हुआ ही था तो क्यों शिवराज को विज्ञापन में दिखाने के लिए प्रदेश की कोई सड़क और खेत नहीं मिला। वे क्यों झूठे विज्ञापन दिखाकर वोट मांग रहे हैं।
पानी, बिजली, सड़क मुद्दे पर रही असफल
उन्होंने कहा कि ये हम पर पानी, बिजली और सड़के के मुद्दे पर अंगुलियां उठाते थे, पिछले 10 सालों में इनकी सरकार भी इन मुद्दों पर पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश में 13 हजार 474 लोगों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश भ्रष्टाचार के मामले में जरूर अव्वल रहा। न सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भाई रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुआ बल्कि प्रदेश के 14 मंत्री 54 आईएएस अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए। अब उनके खिलाफ चार्ज शीट भी नहीं प्रस्तुत की जा रही है।
ये लोगों को गुमराह नहीं कर सकते
श्री सिब्बल ने दो टूक कहा कि झूठ का सहारा लेकर भाजपा नेता लोगों को गुमराह नहीं कर सकते। यह पार्टी हर इलेक्शन में लोगों को गुमराह करती है। उन्होंने कहा कि महंगाई राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है।