संभागायुक्त, एसपी से शिकायत, सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में हंगामा
जिला पंचायत कार्यालय के समीप स्थित सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में बुधवार दोपहर से शाम तक घंटो हंगामें का माहौल रहा। एक निजी स्कूल के राइफल शूटिंग कोच को कार्यालय में बंधक बनाने और मारपीट की शिकायत कोच के साथी और स्कूल की छात्राओं द्वारा संभागायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक को भी की गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। दोनों पक्षों में घंटो आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। कोच, कोच का साथी और छात्राएं जहां अव्यवस्था और बंधक बनाने के साथ मारपीट का आरोप लगाते रहे वहीं लोक शिक्षण कार्यालय से संबद्ध महिला खेल प्रशिक्षक ने भोपाल से छात्राओं को लेकर बगैर बताए लापता होने का आरोप निजी स्कूल के कोच पर लगाया। इस पूरे मामले की सहायक संचालक लोक शिक्षण लोक शिक्षण के साथ पुलिस भी जांच कर रही है।
ये था मामला
प्रत्यक्ष दर्शियों एवं राइफल शूटिंग कोच दीपक पटेल एवं उसके साथियों के अनुसार 59 वीं राज्य स्तरीय शाला प्रतियोगिता में शहर से 250 लोगों की टीम नियुक्त की गई जिसमें राइफल शूटिंग, बॉक्सिंग, बॉस्केट बॉल, थ्रो बॉल, काइकिंग, केनोइन की जनरल मैनेजर चंदा सोनी को नियुक्त किया गया। पीड़ितों का आरोप है कि टीम मैनेजर होने पर भी उन्होंने कोई दायित्व निर्वहन नहीं किया। छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ जीएम ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और भोपाल स्टेशन पर रिजर्वेशन डिब्बे से टिकिट छीन कर भगा दिया गया। यही नहीं शहर से नियुक्त कोचों को जीएम द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई। राइफल शूटिंग के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र नहीं जमा किए गए जिसकी वजह से शहर के बालक बालिका घंटो भटकते रहे। कोच ने विरोध किया तो उनके साथ भी कथित तौर पर अभद्रता की गई। कोच जितेंद्र रजक, दीपक पटेल, अजय मांझी, प्रीति कदम, राहुल चौबे ने हस्ताक्षरित शिकायत में आरोप लगाया है कि जीएम की वजह से कोच और बालक-बालिकाओं को एक दिन खुले आसमान के नीचे रहना पड़ा। जिससे एक बालिका की तबियत खराब हुई। पीड़ितों ने संभागायुक्त से मांग की कि दोबारा चंदा सोनी को कोच न बनाया जाए।
कार्यालय में बनाया बंधक
पीड़ितों का आरोप है कि करीब सवा दो बजे वे शिकायत करके लौट ही रहे थे कि सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय से किसी ने फोन कर कोच दीपक पटेल को कार्यालय बुलाया। यहां उसे कथित तौर पर बंधक बना लिया गया और उसके साथ एक युवती एवं कुछ युवकों ने मारपीट कर मोबाइल भी छीन लिया। यह देख जितेंद्र रजक एवं उसके सभी साथी वहां से भाग कर एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को शिकायत सौंपकर कथित तौर पर बंधक बनाए गए दीपक को मुक्त कराने की मांग की गई।
कार्यालय पहुंची पुलिस
एसपी के निर्देश पर तत्काल मौके पर बेलबाग थाने के एएसआई राजेंद्र प्रसाद शुक्ला पहुंचे। शुक्ला जब मौके पर पहुंचे तो दीपक कार्यालय में ही मौजूद था। कार्यालय में शुक्ला को दीपक ने बताया कि उसके साथ यहां पर लोक शिक्षण सहायक संचालक के सामने मारपीट की गई। शुक्ला द्वारा मुलाहिजा और एफआईआर दर्ज कराने की बात पर दीपक और जितेंद्र वहां से बाहर चले गए।
छात्राओं को लेकर गायब हो जाते थे दोनों कोच
इस मामले में इन स्पर्धाओं के लिए कोच बनार्इं गर्इं चंदा सोनी ने बताया कि भोपाल में कोच दीपक पटेल तो एक शिव शक्ति स्कूल एंव ज्ञानगंगा स्कूल के कोच बनकर अधिकृत रूप से पहुंचे थे लेकिन जितेंद्र रजक जो पहले सेंट्रल एकेडमी के कोच थे वर्तमान में किसी स्कूल में नहीं हैं और अनाधिकृत तौर पर गए। दोनों के साथ बच्चियों को भी समझाईश दी गई थी कि वे खेल के गणवेश में स्पर्धाओं में पहुंचे लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। उल्टे व्यवस्थाओं पर दोषारोपण करने लगे। 28 अक्टूबर को सभी को भोपाल से लौटना था लेकिन करीब 11 बालिकाओं को लेकर दोनों कोच रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। इनके फोन भी बंद थे। जीएम ने बताया कि सभी बच्चों की जिम्मेदारी उन पर थी इसलिए वे काफी समय तक दोनों से संपर्क करते रहे लेकिन दोनों ही भोपाल में अपने किसी परिजन के यहां सभी को लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही को छिपाने के लिए दोनों उन पर ही मारपीट और अन्य मिथ्या आरोप लगा रहे हैं।
कराई जाएगी जांच
भोपाल में खेल स्पर्धाओं के लिए टीम गई हुई थीं इस दौरान जीए चंदा सोनी एवं कोच दीपक पटेल के बीच तनाव निर्मित हुआ। दोनों पक्षों को कार्यालय में अपना पक्ष रखने बुलाया गया। कार्यालय में कोई मारपीट नहीं हुई। इस मामले में जांच कराई जाएगी।
मनीष दुबे, सहायक संचालक लोक शिक्षण कार्यालय