रविवार, अक्टूबर 27, 2013

दरिंदगी का शिकार बनी मासूम

माढ़ोताल के सूखा की घटना, चार युवकों ने किया गैंगरेप
माढ़ोताल थानांतर्गत सूखा में एक 14 साल की बालिका को गांव के चार युवकों ने अपनी हैवानियत का शिकार बना दिया। पुलिस के अनुसार गांव के चार दरिंदों ने मिलकर एक मासूम की अस्मत लूट ली। सामूहिक बलात्कार की इस घटना से पूरे गांव में सनसनी का माहौल है। आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म के साथ एससीएसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। पीड़ित बालिका ने पहले माढ़ोताल थाना और इसके बाद घटना की शिकायत एससीएसटी थाने में दर्ज कर कराई।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई। गाँव की 14 वर्षीय बालिका के माता, पिता एवं भाई मजदूरी के लिए गए थे और वह अपने बुआ के घर में थी।  करीब तीन बजे वह बुआ के कहने पर दुरमुट लाने के लिए गई इसी दौरान उसे सूखा निवासी राजन अहिरवार उर्फ बिल्लू रास्ते में किला। बिल्लू ने बालिका से कहा कि उसका भाई उसे बुला रहा है।
 है। बिल्लू की बात सुनकर बालिका उसके साथ चली गई। बालिका के साथ उसकी मौसी का 3 वर्षीय बेटा भी था। पुलिस के मुताबिक बिल्लू बालिका के साथ बेड़ी अहिरवार के घर के पास पहुंचा ही था कि वहां इसी गांव के रहने वाले शशिकांत विश्वकर्मा, अज्जू कोल और चंदन दाहिया भी मिल गए। बिल्लू के इशारे पर सभी ने बालिका को पकड़ लिया और उसे जबरदस्ती गंगूबाई के घर में कैद कर दिया गया। बाहर से शटर बंद कर चारों आरोपी कुछ देर पश्चात पीछे के रास्ते से वहां पहुंचे जहां बालिका को कैद किया गया था। बिल्लू ने बालिका से कहा कि वह आज रात यहीं चंदन के साथ रुक जाए। बालिका नहीं मानी तो वहां फिर से शशिकांत व अज्जू भी पहुंच गए। तीनों ने बालिका के हाथ-पैर पकड़ लिए और शशिकांत ने बेखौफ होकर उसकी आबरू लूट ली। पुलिस का कहना है कि इस मामले में शशिकांत और अज्जू को गिरतार कर लिया है तथा चंदन व बिल्लू की तलाश की जा रही है।

बबलू, प्रदीप और राजकुमार ने जीते पुरस्कार





महेन्द्र चौधरी स्मृति चित्रांजलि स्पर्धा की प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध

रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला दीर्घा में रविवार को शहर के छायाकारों का कुंभ लगा रहा। मौका था स्व. महेंद्र चौधरी स्मृति चिंत्रांजली स्पर्धा का। स्पर्धा में इस बार प्रथम पुरस्कार प्रदीप कुमार ने जीता जबकि दूसरे स्थान पर बबलू रजक एवं तीसरे पुरस्कार छायाकार राजकुमार गोंटिया ने हासिल किया।
स्पर्धा का सादे किंतु गरिमामय समारोह में शुभारंभ भारत के पूर्व सॉलिसिटर रोटेरियन जनरल विवेक कृष्ण तन्खा ने किया। कार्यक्रम में महापौर प्रभात साहू एवं नेता प्रतिपक्ष विनय सक्सेना, पश्चिम मध्य रेल के पीआरओ पीयूष माथुर एवं गारमेंट क्लस्टर के एमडी श्रेयांस जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा ही देर शाम पुरस्कार वितरण किया गया। चित्रांजली के संयोजक अरुणकांत अग्रवाल ने एवं अध्यक्ष पीयूष जैन ने बताया कि शहर के छायाकारों द्वारा दी गई करीब 400 फोटो में उत्कृष्ठ फोटो को चयन करना एक दुष्कर कार्य है। इसे वरिष्ठ छायाकार सुगन जाट, राजेश मालवीय, वाइल्ड लाईफ फोटोग्राफर आदित्य शुक्ला ने निभाया। वीडियो जज की भूमिका प्रदीप परिहार, सोनू सचदेवा एवं सचिन उपाध्याय ने निभाई। इस दौरान चित्रांजली समिति के धीरज पटैल, राम सचदेवा एवं मनोज श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।

परिजनों के मोह में डूब न जाए भाजपा की नैया



विधान सभा चुनाव को ज्यादा समय नहीं रह गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का परिजनों से मोह और घरों से निकल कर अब सड़कों और थानो तक पहुंच चुका है। कही विधायक पुत्र ने पूरी विधानसभा में आतंक के पर्याय बने हैं तो कहीं प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के भाई थाने में पुलिस के नुमांइंदों के गिरेबान में हाथ डालने से भी नहीं चूक रहे। आलम ये है कि अब भाजपा के मंडल अध्यक्ष जैसे पदों पर बैठे नेताओं के परिजन दूसरों के घरों में घुस कर उनकी बहु-बेटियों की अस्मत से खेल रहे हैं। इन सब के बीच ‘वफादार’ और ‘आज्ञाकारी’ की तरह खड़ी पुलिस का ‘मौन’ आम नागरिकों के गले नहीं उतर रहा है। पुलिस या तो इन अत्याचारियों के खिलाफ प्रकरण नहीं दर्ज कर रही है और किसी तरह दबाव में यदि प्रकरण दर्ज भी कर ले तो गिरफ्तारी करने से परहेज कर रही है।
केस 1
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष ने मचाया आतंक
 बेलखेड़ा थानांतर्गत पावला निवासी एक राजनैतिक दल के मंडल अध्यक्ष के भतीजों ने लोगों की नाक में दम कर दी है। कुछ माह पूर्व मंडल अध्यक्ष का एक भतीजा बुरी नीयत से महिला के घर में घुस गया था। 25 अटूबर की रात फिर उसके दूसरे भतीजे ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में घुसकर गड़बड़ी की कोशिश की। मामला बुरी नीयत का है या फिर कुछ और लेकिन पुलिस ने अभी चोरी की नीयत से घर में प्रवेश करने का मामला दर्ज किया है। बेलखेड़ा पुलिस के मुताबिक पावला गांव निवासी विश्वनाथ गुमाश्ता एक
राजनैतिक दल से जुड़े मंडल अध्यक्ष का भतीजा है। विश्वनाथ 25 अक्टूबर की रात गांव में ही रहने वाली एक महिला के घर में कूद-फांदकर घुस गया। उस वत 32 वर्षीय महिला घर में अकेली सो रही थी और परिवार के सभी सदस्य रिश्तेदार के घर गये हुए थे। बताया जाता है कि महिला ने जब शोर मचाया तो गांव के लोग वहां इकट्ठा हो गए और विश्वनाथ गुमाश्ता निकलकर भागने में कामयाब रहा। पुलिस ने चोरी के प्रयास का अपराध पंजीबद्घ कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
Ñकेस 2
मंडल अध्यक्ष के भतीजों के आतंक से गांव त्रस्त
ओमती थाना पुलिस के अनुसार हालहीं में भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष आजाद अली ने अपने भाई आजम उस्मानी के लिए थाने में जमकर हंगामा मचाया। पुलिस के अनुसार आजम ने रात जमकर मारपीट की। घायल जब रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे तो थाने में पहले से ही आजम के पक्ष के आधा सैकड़ा से अधिक लोग मौजूद थे। पुलिस के अनुसार हंगामा करने वाले आरोपी का भाई भाजपा नेता व उसके समर्थकों ने न सिर्फ थाने में हंगामा मचाया बल्कि वर्दीधारियों से भी जमकर गाली-गलौज की। पुलिस के अनुसार घंटाघर के पास रहने वाले शाहिद कमर अली अपने घर के बाहर खड़ा था तभी आजम उस्मानी अपने एक साथी के साथ कार से वहां पहुंचा और गाली-गलौज करने लगा। शाहिद के मना करने पर आजम ने उस पर रॉड से हमला कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर आजम के भाई भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष आजाद अली अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचा और पुलिस कर्मियों के साथ जमकर गाली गलौज की। टीआई इंद्रमणि पटेल ने बताया ने बताया कि प्रकरण तो दर्ज हुआ लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।


केस 2
जिंदा जलाने की धमकी दे रहा विधायक पुत्र
बरगी विधायक के पुत्र के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक बार फिर शिकायत की गई। शिकायत करने वाले कोई और नहीं बल्कि वे हैं जिनके द्वारा पूर्व में भी शिकायत की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बरगी विधायक के पुत्र द्वारा अब उसे केस वापस लेने धमकाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहारीपुर निवासी लक्ष्मण सिंह के पुत्र साहब सिंह ने हस्ताक्षरित शिकायत एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को सौंप कर मांग की है कि उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। पीड़ित साहब सिंह ने शिकायत में कहा है कि उसके द्वारा 10 मई को विधायक पुत्र ने उसका अपहरण कर बुरी तरह मारपीट की। जिस पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद बेलखेड़ा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। शिकायत में कहा गया है कि राजनीतिक दबाव के चलते विधायक प्रतिभा सिंह के पुत्र की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई। जिसके चलते अब भी वह खुलेआम घूम रहा है। यही नहीं आरोपियों द्वारा उसे केस वापस लेने के लिए लगातार धमकाया जा रहा है। पीड़ित ने शिकायत में कहा है कि विधायक पुत्र चुनाव के पहले मामला वापस लेने उस पर दबाव बना रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि विधायक पुत्र अपने 5 साथियों के साथ 22 अक्टूबर को उसे मिला और गाली-गलौज कर परिवार सहित जिंदा जलाने की धमकी दी। वह इसकी शिकायत करने थाने पहुंचा लेकिन वहां से भी उसे भगा दिया गया।

"जात ही पूछो साधू की "


विवेचना का राष्ट्रीय नाट्य समारोह संपन्न


जातिवाद पर प्रहार करते नाटक ‘जात ही पूछा साधु की ’ के साथ विवेचना का 20 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह संपन्न हुआ। तरंग आॅडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे समारोह के अंतिम दिन रविवार को अंक मुंबई के कलाकारों द्वारा स्व. विजय तेंदुलकर के इस नाटक का मंचन किया गया। नाटक के निर्देशक स्व. दिनेश ठाकुर थे। उनके निदेर्शन में इस नाटक के हिन्दी और मराठी के संस्करण को काफी सराहना मिल चुकी है। इस नाटक ने दर्शकों को हंसाते हंसाते जातिवाद पर प्रहार कर ही दिया।
नाटक पिछड़ी जाति के बेरोजगार युवक महीपत बाभ्ररूवाहन के इर्द गिर्द घूमती है। जो थर्ड डिवीजन से हिन्दी एवं साहित्य में एमए किसी तरह पास कर लेता है हिन्दी लेक्चरार के पद के लिए अनेक जगह आवेदन करने के बाद भी उसे इंटरव्यू के लिए बुलाव इसलिए आता है कि अपनी जाति में सिर्फ वही एमए पास है। इसी बीच उसे एक ग्रामीण कॉलेज में नौकरी मिल जाती है क्योंकि उस पद के लिए वह अकेला उम्मीदवार था। कॉलेज की चेयरमैन की मूर्ख भांजी को भी कुछ दिन बाद हिन्दी लैकचरार के रूप में नियुक्त कर लिया जाता है। इसी के साथ महीपत के खिलाफ घटनाओं का दौर शुरु हो जाता है और पूरे समय वह अपनी नौकरी बचाने जुगाड़ में लगा रहता है। महीपत चेयरमैन की भांजी नलिनि से इश्क लड़ाने और विवाह की योजना भी बनाता है। अंतत: वह सफल नहीं हो पाता और उसे नौकरी से निकाले जाने के बाद फिर से वह शिक्षित बेरोजगार हो जाता है।
इस नाटक में अमन गुप्ता, एससी माखीजा, बिन्नी मरीवाला, रोहित चौधरी, प्रवाल मजूमदार, कुमकुम मजूमदार, प्रशांत, संदीप जय, सुमित की आदकारी ने संभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
नाटक के अंत में अंक प्रभारी प्रीता माथुर का हरि भटनागर की पेंटिंग स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदान की गई। मुंबई के कलाकारों का स्वागत मनु तिवारी, गोपाली चंद्रमोहन, राजकुमार शुक्ला, अर्पिता मालपाणी एवं अंजली दुबे ने किया। इस दौरान विवेचना के हिमांशू राय, बांके बिहारी ब्यौहार, बसंत काशीकर, तपन बैनर्जी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

गुरुवार, नवंबर 29, 2012

कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग

  

                  पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर “कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग” काआयोजन क्षेत्रीय जनों एवम प्रशासन के सहयोग से  सरस्वतीघाट,भेड़ाघाटमें शनिवार दिनांक 30/11/2012 को  किया जा रहा हैकार्तिक के धर्म-मय आध्यात्मिकमाह में  मां-नर्मदा के तट पर लोकोत्सव का मूल उद्देश्य आम जनों में परम्परागतमेलों  को लोक-संस्कृति से जोड़कर मेलों के प्रति रुझान को प्रोत्साहित करने का एकप्रयास करना है.सदियों से सरस्वती-घाट पर कार्तिक माह में कार्तिक-पूर्णिमा मेले की परम्परा हैजिसमें  समय एवम परिस्थियों के साथ मौलिक स्वरूप में कमी आई है.मेलों के आर्थिक,सांस्कृतिक,महत्व एवम पर्यटन के विकास को रेखांकित करने कीज़रूरत हैइसी कमी को दूर करने  क्षेत्र के युवाओं ने ईंजीनियर नितिन अग्रवाल की अगुआई में वर्ष 1995 में शरदोत्सव (नर्मदा-महोत्सवकी शुरुआत भेड़ाघाट केदूधिया-नैसर्गिक सौंदर्य की श्री वृद्धि के लिये किया था. विगत वर्ष से  “कार्तिकलोकोत्सव : लोकरंग” का आयोजन इसी सोच पर आधारित है. .
                            कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ईश्वर दास रोहाणी (अध्यक्ष.प्र.विधान सभा), कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री भारत सिंह यादव,(अध्यक्ष जिला पंचायत जबलपुर) करेंगे. विधायक सिवनी श्रीमति नीता पटैरिया,विधायक बरगी प्रतिभा सिंह, विधायक पूर्व-क्षेत्र श्री लखन घनोरिया  श्री रामेश्वर नीखरा (पूर्व-सांसद) , पं. रामनरेश त्रिपाठी (पूर्व-सांसद), अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप उपस्थित होंगे .
           कार्यक्रम में  सुप्रसिद्ध संस्था एका एवम  एकजुट-कला श्रम के माध्यम से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त  लोक कलाकारों द्वाराराई,गिरदा-उत्सव,कठपुतली-नृत्य,बरेदी-नृत्य,कालबेलिया नृत्य,बम्बुलियां इत्यादि पेश किये जावेंगें ख्याति-लब्ध आकाशवाणी एवम दूरदर्शन के कलाकार  लोकगीत गायक श्री देवी अग्रवाल (बड़ामलहरा,छत्तरपुर) बुंदेलीलोक-भजन,लोक-गीत फ़ाग,की प्रस्तुतितथा  डिंडोरी से राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति देने वाले  बैगा- आदिवासी कलाकारों के नर्तक दल द्वारा सैला,रीना, कर्मा नृत्यों की प्रस्तुति दी जावेगी.  
                           नितिन अग्रवाल (मजीठा), वीरेंद्र गिरी (छेंड़ी) ,  दिलीप अग्रवाल (भेड़ाघाट चौक),  एड.सम्पूर्णतिवारी,डा.लखन अग्रवालकंछेदीलाल जैनमहेश तिवारी, सुनील जैनकिशोर दुबे,धर्मेंद्र पुरी,सुरेश तिवारी,विद्यासागर दुबे, दिलीप राय, राजू जैन, मंजू जैनसंजय साहूधीरेंद्र प्रताप सिंहसुखराम पटेल,पं शारदा प्रसाद दुबे,दीपंकर अग्रवाल,  धवल अग्रवाल, पारस जैन,  गनपत तिवारी,सुधीर शर्मा, सीता राम दुबे, चतुर सिंह पटेलबल्लीरजकके साथ क्षेत्रीय सरपंच बंसी पटैल (बिलखरवा), बाबा चौधरी (बिल्हा) , लखन पटेल (आमाहिनौता), प्रहलाद साहू (कूड़न), राजू पटेल (तेवर), डा०राजकुमार दुबे(बंधा), मुन्नाराज (सहजपुर), परसुराम पटेल (सिहौदा), जानकीअनिल पटेल (लामी) सहित समस्त पार्षद गण .पंभेड़ाघाट एवम समस्त क्षेत्रीय नागरिकों ने उपस्थिति कीअपील की है

कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग

  

                  पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर “कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग” काआयोजन क्षेत्रीय जनों एवम प्रशासन के सहयोग से  सरस्वतीघाट,भेड़ाघाटमें शनिवार दिनांक 30/11/2012 को  किया जा रहा हैकार्तिक के धर्म-मय आध्यात्मिकमाह में  मां-नर्मदा के तट पर लोकोत्सव का मूल उद्देश्य आम जनों में परम्परागतमेलों  को लोक-संस्कृति से जोड़कर मेलों के प्रति रुझान को प्रोत्साहित करने का एकप्रयास करना है.सदियों से सरस्वती-घाट पर कार्तिक माह में कार्तिक-पूर्णिमा मेले की परम्परा हैजिसमें  समय एवम परिस्थियों के साथ मौलिक स्वरूप में कमी आई है.मेलों के आर्थिक,सांस्कृतिक,महत्व एवम पर्यटन के विकास को रेखांकित करने कीज़रूरत हैइसी कमी को दूर करने  क्षेत्र के युवाओं ने ईंजीनियर नितिन अग्रवाल की अगुआई में वर्ष 1995 में शरदोत्सव (नर्मदा-महोत्सवकी शुरुआत भेड़ाघाट केदूधिया-नैसर्गिक सौंदर्य की श्री वृद्धि के लिये किया था. विगत वर्ष से  “कार्तिकलोकोत्सव : लोकरंग” का आयोजन इसी सोच पर आधारित है. .
                            कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ईश्वर दास रोहाणी (अध्यक्ष.प्र.विधान सभा), कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री भारत सिंह यादव,(अध्यक्ष जिला पंचायत जबलपुर) करेंगे. विधायक सिवनी श्रीमति नीता पटैरिया,विधायक बरगी प्रतिभा सिंह, विधायक पूर्व-क्षेत्र श्री लखन घनोरिया  श्री रामेश्वर नीखरा (पूर्व-सांसद) , पं. रामनरेश त्रिपाठी (पूर्व-सांसद), अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप उपस्थित होंगे .
           कार्यक्रम में  सुप्रसिद्ध संस्था एका एवम  एकजुट-कला श्रम के माध्यम से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त  लोक कलाकारों द्वाराराई,गिरदा-उत्सव,कठपुतली-नृत्य,बरेदी-नृत्य,कालबेलिया नृत्य,बम्बुलियां इत्यादि पेश किये जावेंगें ख्याति-लब्ध आकाशवाणी एवम दूरदर्शन के कलाकार  लोकगीत गायक श्री देवी अग्रवाल (बड़ामलहरा,छत्तरपुर) बुंदेलीलोक-भजन,लोक-गीत फ़ाग,की प्रस्तुतितथा  डिंडोरी से राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति देने वाले  बैगा- आदिवासी कलाकारों के नर्तक दल द्वारा सैला,रीना, कर्मा नृत्यों की प्रस्तुति दी जावेगी.  
                           नितिन अग्रवाल (मजीठा), वीरेंद्र गिरी (छेंड़ी) ,  दिलीप अग्रवाल (भेड़ाघाट चौक),  एड.सम्पूर्णतिवारी,डा.लखन अग्रवालकंछेदीलाल जैनमहेश तिवारी, सुनील जैनकिशोर दुबे,धर्मेंद्र पुरी,सुरेश तिवारी,विद्यासागर दुबे, दिलीप राय, राजू जैन, मंजू जैनसंजय साहूधीरेंद्र प्रताप सिंहसुखराम पटेल,पं शारदा प्रसाद दुबे,दीपंकर अग्रवाल,  धवल अग्रवाल, पारस जैन,  गनपत तिवारी,सुधीर शर्मा, सीता राम दुबे, चतुर सिंह पटेलबल्लीरजकके साथ क्षेत्रीय सरपंच बंसी पटैल (बिलखरवा), बाबा चौधरी (बिल्हा) , लखन पटेल (आमाहिनौता), प्रहलाद साहू (कूड़न), राजू पटेल (तेवर), डा०राजकुमार दुबे(बंधा), मुन्नाराज (सहजपुर), परसुराम पटेल (सिहौदा), जानकीअनिल पटेल (लामी) सहित समस्त पार्षद गण .पंभेड़ाघाट एवम समस्त क्षेत्रीय नागरिकों ने उपस्थिति कीअपील की है

गुरुवार, नवंबर 22, 2012

करेला मे विराजी मां लक्ष्मी

                करेला मे विराजी मां लक्ष्मी

खितौली समीपी ग्राम करेला मे करीब तीन वर्षो से दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की स्थापना आदर्श  मोहल्ला ग्राम पंचायत करेला मे की जाती है व इनका विसर्जन एकादशी के दिन बडी घूम धाम से किया जाता है पूरे ग्यारह दिन मे लोग यहां बडे हर्षोल्लास के साथ भजन, कीर्तन, भगत,दिवाली गीत, इत्यादि कार्यक्रमो का आयोजन भक्तो के द्ववारा किया जाता है। जिसमे समस्त ग्राम वासियो द्वारा सहयोग किया जाता है । पूरे क्षेत्र मे एक मिसाल के तौर पर यहां केवल एक ही धन की देवी मां लक्ष्मी की स्थापना की जाती है।

मंगलवार, नवंबर 20, 2012

संविदा अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल


                                                                                                                                                        पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा मनरेगा के संविदा अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल
मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन मध्यप्रदेश द्वारा प्रदेश में 19 नवम्बर से असहयोग अंादोलन प्रारंभ किया है जिला संघ द्वारा मांगों को
लेकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तथा अपर कलेक्टर कटनी को ज्ञापन
सौंपा है तथा कलेक्ट्रेट परिसर के सामाने टेन्ट लगाकर शांति पूर्ण धरना
प्रदर्शन किया जा रहा है । मनरेगा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अनुराग सिंह, जिला
अध्यक्ष श्री आशुतोष खरे एवं महासचिव डॉ0 संतोष बाल्मिकी ने बताया कि यह
आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन 19.11.2012 से 29.11.2012 तक जारी रहेगा।
आंदोलन पर अधिकारियों व कर्मचारियों के जाने से जिले, जनपद व ग्राम
पंचायतों में मनरेगा व ग्रामीण विकास विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे
हैं, उन्होने बताया कि मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन मध्यप्रदेश द्वारा
अपनी मांगें रखी गई है जिसमें समय समय पर शासन से पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग तथा मनरेगा योजनांतर्गत कार्यरत समस्त संविदा अमले की समस्याओ के
निराकरण तथा नियमितीकरण, महंगाई भत्ता दिये जाने आदि अनुरोध किये गये
है किंतु शासन द्वारा इस ओर आज तक कोई गंभीर निर्णय नही लिया जाकर दिन
प्रतिदिन नई नई समस्याएं संविदाकर्मियो के सामने खड़ी की है। म.प्र. जन
अभियान परिषद के संविदाकर्मियोे के नियमितीकरण की घोषणा कर अन्य
संविदाकर्मियोे के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करना। म.प्र. राज्य रोजगार
गारंटी परिषद की सशक्त समिती की बैठको मे जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अध्
ि
ाकारी, प्रबंधक, एपीओ, सीनियर डाटा मैनेजर, जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन अध्
ि
ाकारी आदि पदो उन्नत वेतनमान एवं प्रबंधक का पदनाम परिवर्तित कर एपीओ
करने के निर्णय को 02 वर्ष बाद भी लागू नही किया जाना। छटवे वेतनमान
का लाभ ग्राम रोजगार सहायको, तकनीकी सहायको,प्रयोगशाला तकनीशियन,
प्रयोगशाला सहायको को नही दिया जाना। छटवे वेतनमान के समकक्ष पारिश्रमिक
के आदेश जारी करने के उपरांत विसंगती पूर्ण गणना करना। संपूर्ण ग्रामीण
विकास विभाग के अमले को छठवे वेतनमान का लाभ दिया जाकर डीआरडीए
प्रशासन मे संविदा पर नियुक्त अधिकारियो/कर्मचारियो को आज तक छटवे
वेतनमान का लाभ नही दिये जाना । मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ
संविदाकर्मियोे का महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता जो कि तत्कालीन अपर
मुख्य सचिव माननीय श्री आर परशुरामजी के द्वारा दिया गया था, को बंद करना।
सहायक यंत्रियो के टीएस करने, पर्यवेक्षण करने आदि अधिकार समाप्त करना।
उपयंत्रियो के खिलाफ बिना किसी उचित जांच के एफआईआर दर्ज करवाना। अन्य
कर्मचारियो को 72 प्रतिशत महंगाई भत्ता देकर संविदा कर्मचारियो को आज

तक केवल 45 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रदान कर भेदभाव पूर्ण व्यवहार करना।
इस प्रकार अन्य कई प्रकार के भेदभाव शासन द्वारा संविदा
कर्मचारियो के साथ किये जाते रहे है संविदाकर्मी पूर्ण समर्पण भाव कई
वर्षो से अपना दायित्व निर्वहन कर रहे है एवं अपने कार्य तथा दायित्वो एवं
मध्यप्रदेश शासन के प्रति पूर्ण समर्पित है तथा अपनी योजना के साथ ही अन्य
समस्त योजनाओ अथवा सौंपे गये प्रभारो का दायित्व निर्वहन भी बहुत ही
अच्छे तरीके से कर रहे है। यहां यह कहना भी अतिश्योक्ती नही होगी कि
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संविदाकर्मी अन्य कर्मचारियो की अपेक्षा
कही ज्यादा कार्य करते है लेकिन फिर भी उन्हे कार्य के समान वेतन
भत्ते एवं अन्य सुविधाएं नही मिल पाते है संघ ने शासन से केवल एक ही मांग
की है नियमितीकरण अथवा नियमितीकरण हेतु निती निर्धारित करना।
इस हेतु संघ द्वारा पूर्व मे कई प्रकार की सकारात्मक प्रक्रियाओ को
भी अपनाने का प्रयास किया गया है परंतु इस हेतु कतिपय उच्चस्तरीय अधिकारियो
की उदासीनता के चलते संभव नही हो पाया है साथ ही 31 अक्टूबर को
संपूर्ण मध्यप्रदेश मे एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन एवं माननीय मुख्यमंत्री
महोदय को संबोधित ज्ञापन दिये जाने के उपरांत आज तक शासन द्वारा कोई
निर्णय नही लिये जाने के परिपेक्ष्य मे मनरेगा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग अंतर्गत पदस्थ संविदाकर्मियोे द्वारा दिनांक 19 नवंबर से
अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन किया जा रहा है । इस आंदोलन मे जिले के
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व मनरेगा के संविदा कर्मी शामिल है ।

मनाया गया छठ महापर्व


सूर्यदेव की उपासना का महापर्व छठ 19 नवम्बर को उ.प्र. बिहार सहित पूरे देष
मे पूर्ण श्रद्वाभाव के सांथ मनाया गया इस मौके पर कैमोर भी महिलाओ
ने दिनभर व्रत रखकर शाम के वक्त डूबते सूर्य को अरध दिया सांथ ही छठ
माता की पूजा भी की

उ.प्र. और बिहार का प्रसिद्व पर्व छठ जो की दिपावली के बाद
छठवे दिन मनाया जाता है 19 नवम्बर को बिहार और उ.प्र. सहित अन्य राज्यो मे
भी लोगो ने बड़े ही श्रद्वाभाव के सांथ मनाया इस पर्व मे विषेशकर
सूर्यदेवता की पूजा की जाती है कैमोर नगर मे भी इस पर्व के मौके पर छठ
पर्व माता का पूजन किया गया सांथ ही डूबते सूर्य को अरध दिया गया इस
मौके पर महिलाओं ने दिनभर व्रत किया और षाम के वक्त पूजा अर्चना कर
अपने धर परिवार की सुख समृद्वि के लिए कामना की

शुक्रवार, फ़रवरी 03, 2012

लोकप्रिय कर्मचारी नेता श्री दया-मिश्रा दिवंगत



दुख:द-सूचना : म.प्र. कर्मचारी कांग्रेस के वरिष्ठ 



, कर्मठ , विन्रम , मिलनसार सर्वलोकप्रिय , 

भाई 


दया मिश्रा का निधन आज दिनांक ०३ फरवरी २०११ 

को हृदय गति रुक जाने से हों गया ,


विनम्र 

गुरुवार, दिसंबर 29, 2011

मां ने कहा तो था .... शत्रुता का भाव जीवन को बोझिल कर देता है : मां यादों के झरोखे से



मां बीस बरस पहले 
मां निधन के एक बरस पहले 

यूं तो तीसरी हिंदी दर्ज़े तक पढ़ी थीं मेरी मां जिनको हम सब सव्यसाची कहते हैं क्यों कहा हमने उनको सव्यसाची क्या वे अर्जुन थीं.. कृष्ण ने उसे ही तो सव्यसाची कहा था..? न तो क्या वे धनुर्धारी थीं जो कि दाएं हाथ से भी धनुष चला सकतीं थीं..? न मां ये तो न थीं हमारी मां थीं सबसे अच्छी थीं मां हमारी..! जी जैसी सबकी मां सबसे अच्छी होतीं हैं कभी दूर देश से अपनी मां को याद किया तो गांव में बसी मां आपको सबसे अच्छी लगती है न हां ठीक उतनी ही सबसे अच्छी मां थीं .. हां सवाल जहां के तहां है हमने उनको सव्यसाची   क्यों कहा..!
तो याद कीजिये कृष्ण ने उस पवित्र अर्जुन को "सव्यसाची" तब कहा था जब उसने कहा -"प्रभू, इनमें मेरा शत्रु कोई नहीं कोई चाचा है.. कोई मामा है, कोई बाल सखा है सब किसी न किसी नाते से मेरे नातेदार हैं.."
यानी अर्जुन में तब अदभुत अपनत्व भाव हिलोरें ले रहा था..तब कृष्ण ने अर्जुन को सव्यसाची सम्बोधित कर गीता का उपदेश दिया.अर्जुन से मां  की तुलना नहीं करना चाहता कोई भी "मां" के आगे भगवान को भी महान नहीं मानता मैं भी नहीं "मां" तो मातृत्व का वो आध्यात्मिक भाव है जिसका प्राकट्य विश्व के किसी भी अवतार को ज्ञानियों के मानस में न हुआ था न ही हो सकता वो तो केवल "मां" ही महसूस करतीं हैं. 
          जी ये भाव मैने कई बार देखा मां के विचारों में "शत्रु विहीनता का भाव " एक बार एक क़रीबी नातेदार के द्वारा हम सबों को अपनी आदत के वशीभूत होकर अपमानित किया खूब नीचा दिखाया .. हम ने कहा -"मां,इस व्यक्ति के घर नजाएंगे कभी कुछ भी हो इससे नाता तोड़ लो " तब मां ने ही तो कहा था मां ने कहा तो था .... शत्रुता का भाव जीवन को बोझिल कर देता है ध्यान से देखो तुम तो कवि हो न शत्रुता में निर्माण की क्षमता कहां होती है. यह कह कर  मां मुस्कुरा दी थी तब जैसे प्रतिहिंसा क्या है उनको कोई ज्ञान न हो .मेरे विवाह के आमंत्रण को घर के देवाले को सौंपने के बाद सबसे पहले पिता जी को लेकर उसी निकटस्थ परिजन के घर गईं जिसने बहुधा हमारा अपमान किया करता और उस नातेदार मां के चरणों को पश्चाताप के अश्रुओं से पखारा. वो मां ही तो थीं जिसने  उस एक परिवार को सबसे पहले सामाजिक-सम्मान दिया जिन्हैं दहेज के आरोप  कारण जेल जाना पड़ा आज़ भी वे सव्यसाची के "सम्पृक्त भाव" की चर्चा करते नहीं अघाते .
                    जननी ने बहुत अभावों में आध्यात्मिक-भाव और सदाचार के पाठ हमको पढ़ाने में कोताही न बरती.
   हां मां तीसरी हिंदी पास थी संस्कृत हिन्दी की ज्ञात गुरु कृपा से हुईं अंग्रेजी भी तो जानती थी मां उसने दुनिया   खूब बांची थी. पर दुनिया से कोई दुराव न कभी मैने देखा नहीं मुझे अच्छी तरह याद है वो मेरे शायर मित्र  इरफ़ान झांस्वी से क़ुरान और इस्लाम पर खूब चर्चा करतीं थीं . उनकी मित्र प्रोफ़ेसर परवीन हक़  हो या कोई अनपढ़ जाहिल गंवार मजदूरिन मां सबको आदर देती थी ऐसा कई बार देखा कि मां ने धन-जाति-धर्म-वर्ग-ज्ञान-योग्यता आधारित वर्गीकरण को सिरे से नक़ारा  आज मां  यादों के झरोखे से झांखती यही सब तो कहती है हमसे ,... सच मां जो भगवान से भी बढ़कर होती है उसे देखो ध्यान से विश्व की हर मां को मेरा विनत प्रणाम 
आज मां की सातवीं बरसी थी हम बस याद करते रहे उनको और कोशिश करते रहे  उनके आध्यात्मिक भाव को समझने की.. 
आज़ बाल-निकेतन और नेत्रहीन कन्या विद्यालय में जाकर बच्चों से मिलकर फ़िर से मन पावन भावों को जगा गया सच शत्रुता निबाहने से ज़्यादा ज़रूरी काम हैं न हमारे पास चलें देखें किसी ऐसे समूह को जो अभावों के साथ जीवन जी रहा है 

मां.....!!
छाँह नीम की तेरा आँचल,
वाणी तेरी वेद ऋचाएँ।
सव्यसाची कैसे हम तुम बिन,
जीवन पथ को सहज बनाएँ।।


कोख में अपनी हमें बसाके,
तापस-सा सम्मान दिया।।
पीड़ा सह के जनम दिया- माँ,
साँसों का वरदान दिया।।
प्रसव-वेदना सहने वाली, कैसे तेरा कर्ज़ चुकाएँ।।

ममतामयी, त्याग की प्रतिमा-
ओ निर्माणी जीवन की।
तुम बिन किससे कहूँ व्यथा मैं-
अपने इस बेसुध मन की।।
माँ बिन कोई नहीं,
सक्षम है करुणा रस का ज्ञान कराएँ।
तीली-तीली जोड़ के तुमने
अक्षर जो सिखलाएँ थे।।
वो अक्षर भाषा में बदलें-
भाव ज्ञान बन छाए वे !!
तुम बिन माँ भावों ने सूनेपन के अर्थ बताए !!
 

गुरुवार, नवंबर 10, 2011

“कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग”


“कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग”           
                            
 पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर “कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग” का आयोजन क्षेत्रीयजनों एवम प्रशासन के सहयोग से  सरस्वतीघाट,भेड़ाघाट, में  शनिवार दिनांक 12/11/2011 को  किया जा रहा है.इसमें सभी  नगर वासियों एवम ग्रामीणजनों की उपस्थिति निवेदित है.  कार्तिक के धर्म-मय आध्यात्मिक माह में  मां-नर्मदा के तट पर लोकोत्सव का मूल उद्देश्य आम जनों में परम्परागत मेलों  को लोक-संस्कृति से जोड़कर मेलों के प्रति रुझान को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास करना है.सदियों से सरस्वती-घाट पर कार्तिक माह में कार्तिक-पूर्णिमा मेले की  परम्परा है. जिसमें  समय एवम परिस्थियों के साथ मौलिक स्वरूप में कमी आई है. मेलों के आर्थिक,सांस्कृतिक,महत्व एवम पर्यटन के विकास को रेखांकित करने की ज़रूरत है. इसी कमी को पाटने के लिये मजीठा के प्रतिष्ठित युवा ईंजीनियर नितिन अग्रवाल जिन्हौने वर्ष 1995 में शरदोत्सव (नर्मदा-महोत्सव) की शुरुआत भेड़ाघाट के दूधिया-नैसर्गिक सौंदर्य की श्री वृद्धि के लिये किया था ,उन्ही की सोच पर आधारित है यह  “कार्तिक लोकोत्सव : लोकरंग” .
                            कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ईश्वर दास रोहाणी (अध्यक्ष, म.प्र.विधान सभा), अध्यक्ष के रूप में श्री रामेश्वर नीखरा (पू.अध्यक्ष म.प्र.बार काउंसिल)होंगे.विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमति प्रतिभा सिंह (विधायक बरगी) ,  पं. राम नरेश त्रिपाठी (पूर्व सांसद सिवनी),श्री भारत सिंह यादव,(अध्यक्ष जिला पंचायत जबलपुर),सुश्री कल्याणी पाण्डेय (प्रवक्ता मध्य-प्रदेश कांग्रेस), दिलीप राय (अध्यक्ष नगर पंचायत,भेड़ाघाट) उपस्थित रहेंगे.
                                  इस आयोजन में सम्मिलित प्रस्तुतियां लोकसंस्कृति पर केंद्रित है जिसमें अधिकांश प्रस्तुतियां नर्मदा-तट पर विकसित विधाएं हैं. जिसे वर्तमान  स्वरूप में प्रस्तुत करने का प्रयास लोकरंग के माध्यम से किया जा रहा है.            
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध संस्था एकजुट-कला श्रम के माध्यम से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त    लोक कलाकारों द्वारा राई,गिरदा-उत्सव,कठपुतली-नृत्य,बरेदी-नृत्य,कालबेलिया नृत्य,बम्बुलियां इत्यादि पेश किये जावेंगें.  ख्याति-लब्ध लोकगीत गायक श्री मिठाईलाल चक्रवर्ती लोक-भजन,लोक-गीत फ़ाग,पेश करेंगे. साथ ही   लाफ़्टर चैलेंज शो में धूम मचाने वाले  श्री विनय जैन एवम मनीष अग्रवाल की  हास्य प्रस्तुतियां लोकरंग का विशेष आकर्षण  होगें.
              हमें विश्वास है  हमारे इस प्रथम प्रयास को सभी  का भरपूर स्नेह मिलेगा. हम आशांवित हैं कि संस्कारधानी के संचार-माध्यम हमारी कोशिशों को स्थायित्व देने में खुलकर हमारी सहायता करेंगें.
                 नितिन अग्रवाल (मजीठा),वीरेंद्र गिरी (छेंड़ी) ,दिलीप अग्रवाल (भेड़ाघाट चौक),  एड.सम्पूर्ण तिवारी, गिरीष बिल्लोरे “मुकुल”,डा.लखन अग्रवाल, कंछेदीलाल जैन, महेश तिवारी,सुनील जैन, किशोर दुबे,धर्मेंद्र पुरी,सुरेश तिवारी, विद्यासागर दुबे, राजू जैन,मंजू जैन, संजय साहू, धीरेंद्र प्रताप सिंह, सुखराम पटेल,पं शारदा प्रसाद दुबे, धवल अग्रवाल,गनपत तिवारी,सुधीर शर्मा,सीता राम दुबे,चतुर सिंह पटेल, बल्ली रजक, के साथ क्षेत्रीय सरपंच देवेंद्र पटेल(बिलखरवा),हनुमत सिंह ठाकुर (बिल्हा),लखन पटेल(आमाहिनौता), जग्गो बाई गोंटिया(कूड़न)राजू पटेल (तेवर),डा०राजकुमार दुबे(बंधा),मुन्नाराज (सहजपुर),परसुराम पटेल(सिहौदा),जानकी अनिल पटेल(लामी)सहित समस्त पार्षद गण न.पं. भेड़ाघाट एवम समस्त क्षेत्रीय नागरिकों ने उपस्थिति की अपील की है.