धनतेरस पर ऐसा महसूस हुआ मानो शहर के बाजारों के लिए कुबेर ने अपने द्वार खोल दिए. सराफा, ऑटो मोबाइल, मोटर साईकिल, रेडीमेड गारमेंट, बर्तन, रियल एस्टेट और इलेक्ट्रोनिक आइटम्स पर इस कदर धन वर्षा हुई की व्यापारी भी हैरत मैं पद गए. शहर में गुरु पुष्य नछत्र में 55 करोड के कारोबार के बाद चन्द व्यापारियों को धनतेरस पर अधिक व्यापार न होने की आशंका थी. जिसे त्यौहार के वक्त सुबह से रात तक अनवरत हो रही ग्राहकी ने निराधार साबित कर दिया. व्यापारियों की 75 से 80 करोड रुपये की बिकवाली की

यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता था अगर राज्य-सरकार के कर्मचारियों को बोनस के समरूप कुछ मिल पाता.