जबलपुर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जबलपुर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, जून 02, 2021

५२ दिनों बाद अनलॉक हुआ शहर लगता है अब भी बेडिय़ों से जकड़े हैं


शहर लग तो रहा है कि अनलॉक हो गया लेकिन जिस तरह से सघन बाजारों को जबरन बंद कराने प्रशासन कवायद में जुटा है उससे लगता नहीं कि लॉकडाउन हटा है। हालांकि सड़कों पर ठीक उसी तरह का माहौल नजर आ रहा है मानों जेल के गेट खोल देने के बाद कैदी बाहर दौड़ लगा दें। अब इस दौड़ में कोरोना प्रोटोकॉल का कोई किस तरह ध्यान रख सकता है। जिले के शीर्ष प्रशासनिक कार्यालयों में बैठे अधिकारी सिर्फ कागज के मैप पर लॉक और अनलॉक के नियम कायदे बनाकर अधीनस्थों को मोर्चे पर छोड़ तो देते हैं लेकिन बाद में समझ आता है कि जमीनी स्तर पर पता कर लेते तो बेहतर होता। शहर के कोतवाली, फुहारा, गल्ला मंडी के व्यापारी अनलॉक के बाद १ जून को जब दुकानें खोल रहे थे तो पुलिसिया खौफ दिखाकर जबरन दुकानें यह कहकर बंद करा दी गईं की बाजार सघन है कोरोना फैलने का खतरा है। व्यापारियों का असंतोष देख मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छूट गए। व्यापारियों ने कलेक्टर से मिलने की बात तो कही तो बीती रात तक वे समयाभाव की बात करते रहे। व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने दो टूक जब यह बात कह दी कि २ जून को बाजार खुलेगा तो फिर कलेक्टर को व्यापारियों का एकता का आभास हुआ। आनन फानन में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कलेक्टर ने समझाईश देने का प्रयास किया लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था। बुधवार को व्यापारियों ने डंके की चोट पर आधी शटर खोलकर प्रशासन का प्रतिकात्मक विरोध किया। दुकानें बंद कराने पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को दो टूक कह दिया गया कि व्यापारियों को या तो उनके नुकसान की भरपाई करें या प्रतिकात्मक तौर पर दुकानें खुली रहने दी जाएं। अधिकारी भी अपना सा मुंह लेकर लौट गए। 



शनिवार, मार्च 20, 2021

कच्ची शराब सहित महिला गिरफ्तार


    आज दिनाॅक 19-3-21 को थाना बरगी अंतर्गत ग्राम कुष्टा थाना में कच्ची शराब बनाये जाने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक बरगी रवि चैहान एवं थाना प्रभारी बरगी शिवराज सिंह द्वारा हमराह स्टाफ को लेकर दबिश देते हुये तलाशी ली गयी तो आरोपी सुशीला बाई आदिवासी भूसे एवं धान के पैरे के अंदर 10 लीटर कच्ची शराब एवं शराब  तैयार करने हेतु 200 लीटर लाहन छुपाकर  रखे मिली, लाहन को नष्ट कर कच्ची शराब जप्त करते हुये आरोपी सुशील बाई के विरूद्ध आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी।

आधारताल क्षेत्र में पांच दुकानें सील

 -  कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही के तहत राजस्व और पुलिस के अमले द्वारा आज शुक्रवार की शाम आधारताल तहसील क्षेत्र में शारीरिक दूरी का पालन न करने एवं मास्क नहीं लगाने पर 13 व्यक्तियों पर जुर्माना किया गया तथा पांच दुकानों को सील बंद किया गया ।
इसी तरह शुक्रवार की शाम फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर माढ़ोताल स्थित मोहित ज्वेलर्स को सील कर दिया है । प्रशासन एवं पुलिस द्वारा सयुंक्त रूप से की गई इस कार्यवाही में तहसीलदार आधारताल, नायब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी माढ़ोताल मौजूद थे।

शुक्रवार, मार्च 19, 2021

जबलपुर शहर में फिर शुरू हुआ लॉकडाउन

मास्क लगाएं और कोरोना  संक्रमण रोकने में अपना योगदान दें

इंदौर भोपाल एवं जबलपुर में रविवार को रहेगा लॉकडाउन 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की

भोपाल 19 मार्च।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के प्रकरण बढ़ रहे हैं। फिर से गंभीर स्थिति न हो, इससे बचने के लिए मेरा प्रदेश की जनता से अनुरोध है कि सभी अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, कहीं भीड़ न करें तथा कोरोना संक्रमण को रोकने में अपना योगदान दें। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं वे न केवल अपनी, अपनों की बल्कि  समाज में सभी की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। सरकार सभी आवश्यक इंतजाम कर रही है, परंतु संक्रमण रोकने के लिए आप सभी का पूरा सहयोग बहुत जरूरी है।

कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए प्रदेश के इंदौर भोपाल एवं जबलपुर शहरों में शनिवार रात्रि 10:00 बजे से सोमवार को प्रातः 6:00 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं तथा उद्योग चालू रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डी जी पी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला आदि उपस्थित थे।

सामाजिक समारोह की अनुमति लेनी होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर भोपाल एवं जबलपुर में रविवार को लॉकडाउन के दौरान सामाजिक समारोह आयोजित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

31 मार्च तक स्कूल कॉलेज बंद
प्रदेश के भोपाल इंदौर एवं जबलपुर नगरों में आगामी 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे।

5.5% पॉजिटिविटी रेट
अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि गत दिवस प्रदेश में 21 हज़ार कोरोना टेस्ट किए गए। प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 5.5 प्रतिशत आई है, जो अधिक है।

किसान चिंता न करें, सभी को मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के जिन हिस्सों में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, वहां के किसान चिंता न करें। सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं, शीघ्र ही सर्वे प्रारंभ हो जाएगा तथा किसानों को फसलों के नुकसान का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।

मंगलवार, अक्टूबर 25, 2011

धनतेरस पर अपेक्षा से अधिक धनवर्षा

धनतेरस पर ऐसा महसूस हुआ मानो शहर के बाजारों के लिए कुबेर ने अपने द्वार खोल दिए. सराफा, ऑटो मोबाइल, मोटर साईकिल, रेडीमेड गारमेंट, बर्तन, रियल एस्टेट और इलेक्ट्रोनिक आइटम्स पर इस कदर धन वर्षा हुई की व्यापारी भी हैरत मैं पद गए. शहर में गुरु पुष्य नछत्र में 55 करोड के कारोबार के बाद चन्द  व्यापारियों को धनतेरस पर अधिक व्यापार न होने की आशंका थी. जिसे त्यौहार के वक्त सुबह से रात तक अनवरत हो रही ग्राहकी ने निराधार साबित कर दिया. व्यापारियों की 75 से 80 करोड रुपये की बिकवाली की
उम्मीद को दुगना  करते हुए धनतेरस के दिन बाजार मैं करीब डेढ़ सो करोड़ रुपये की धन वर्षा हुई.  सराफा मैं करीब 45 करोड , ऑटो मोबाइल में 25 करोड , मोटर साईकिल में 10, रेडीमेड गारमेंट में 15, बर्तन में 10, रियल एस्टेट 15 और इलेक्ट्रोनिक आइटम्स लगभग 30 करोड़ के कारोबार के आंकड़े व्यापारिक सूत्रों से मिले.जबलपुर नगर जो की कुल आबादी के सापेक्ष ये व्यवसायिक आंकड़े बेशक बेहद आश्चर्य जनक रहे उसका मूल कारण था केंद्रीय कर्मचार्यों को मिलने वाला बोनस,वेतन में आए बदलाव, ऋण की सरल उपलब्धता, निजी-व्यवसायिक गतिविधियों से आय में वृद्धि, ग्रामीण-क्षेत्रों में कृषि उत्पादन में वृद्धि, यानी कुल मिला कर "आम आदमी की क्रय-शक्ति में इज़ाफ़ा"
यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता था अगर राज्य-सरकार के कर्मचारियों को बोनस के समरूप कुछ  मिल पाता.   

शनिवार, अक्टूबर 22, 2011

शहीद अशफाक उल्ला खान जिंदाबाद

शहीद अशफाक उल्ला खान 


 आज ही के दिन 22 अक्टूबर 1900 को आजादी के रणबांकुरे और भारत माता के सपूत अशफाक का जन्म हुआ. आज के आधुनिकता के दौर मैं नइ पीढ़ी आजाद हवा मैं सांस तो लेना चाहती है पर उन योद्धाओ के योगदान को याद करने वक्त नहीं निकल पाती. सारा दिन इस इंतजार मैं था कि कोई तो उन्हें याद करता मिले.  अशफाक को महज 27 कि उम्र मैं 19 दिसम्बर 1927  को फंसी दे दी गई.  देश की बेहतरी के लिए राम प्रसाद बिस्मिल के साथ उन्होंने काफी संघर्ष किया.  दोनों अच्छे दोस्त और शायर भी. रामप्रसाद जहाँ बिस्मिल के तखल्लुस से लिखते वहीँ अशफाक हसरत के. अशफाक का जन्म शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश मैं हुआ. उनके पिता, शफीक उल्लाह खान पठान और  माँ का नाम मज्हूरउन निशा बेगम था. अशफाक 4 भाइयों में सबसे छोटे थे. उनके बड़े भाई रियासत उल्लाह खान पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के क्लासमेट थे.
हुई बिस्मिल से दोस्ती 
जब मोहनदास लालकृष्ण गांधी ने चौरी चौरा की घटना के बाद 1922 में असहयोग आंदोलन वापस लिया तो कई भारतीय युवक उदास हो गए, अशफाक भी उनमें से एक थे. इन युवको का सोचना था कि आजादी के लिए क्रांति जरुरी है. दोनों की दोस्ती को तब से अब तक कोमी एकता की मिसाल माना जाता है. 
काकोरी  ट्रेन डकैती
क्रांतिकारियों का मानना कि नरमी से आजादी हासिल नहीं कि जा सकती और गोरे अंग्रेजो को डरना है तो हथियारों कि जरुरत होगी. नए क्रांतिकारी आंदोलन के लिए पैसो कि जरुरत थी जिसके लिए काकोरी ट्रेन डकेती कि योजना बने गई. 9 अगस्त 1925  अशफाक उल्ला खान और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व के तहत आठ अन्य क्रांतिकारियों ट्रेन लूटी . उनके साथ में वाराणसी से राजेंद्र लाहिड़ी, बंगाल से सचिन्द्र  नाथ बख्शी, उन्नाव से चंद्रशेखर आजाद, कलकत्ता से केशब  चक्रवोर्ति , रायबरेली से बनवारी लाल, इटावा से मुकुन्दी लाल, बनारस से मन्मथ नाथ गुप्ता और शाहजहाँपुर से मुरारी लाल थे. 26 सितम्बर 1925 सितंबर को बिस्मिल और अशफाक को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों को अलग अलग जेलों मैं एक ही दिन फंसी दी गई.
अशफाक की  डायरी से
"किये थे काम हमने भी जो कुछ भी हमसे बन पाये, ये बातें तब की हैं आज़ाद थे और था शबाब अपना;
मगर अब तो जो कुछ भी हैं उम्मीदें बस वो तुमसे हैं, जबाँ तुम हो लबे - बाम आ चुका है आफताब अपना ".
शहीद अशफाक उल्ला खान  जिंदाबाद 
शहीद अशफाक उल्ला खान  जिंदाबाद 
नितिन पटेल 

ये बच्ची चाहती है कुछ और दिन मां को खुश रखना



ये बच्ची चाहती है कुछ और दिन मां को खुश रखना 
वो कपड़ों की मदद से अपनी लंबाई छिपाती है।
 मुहाजिरनामा और मां जैसी पुस्तकों के रचियता मुनव्वर राणा के इस शेर ने उनके सुनने वालों के चेहरों पर रौनक ला दी। मौका था १७ अक्तूबर की रात अंजुमन इस्लामिया में जबलपुर कौमी एकता कमेटी द्वारा आयोजित ऑल इंडिया मुशायरा कार्यक्रम का। राणा के शेर 
कीड़े तमाम रिश्तों के शरबत में आ गए 
 जब से खराब लोग सियासत में आ गए,
भी श्रोताओं ने काफी पसंद किया...
राणा  ने मुहाजिरनामा के शेर सुनाकर दर्शकों की आंखे नम कर दी जिसमें उन्होंने कहा कि
 मां को छोड़ आए महलिया साथ लाए हैं कि सोना छोड़ आए हम पीतल लेके आए हैं। 
 अपनी खुदगर्जी पर अब भी रंज है हमको बेटा साथ ले आए भतीजा छोड़ आए हैं।
 स्वास्थ्य की वजह से जल्द मंच से रवाना हुए मुनव्वर ने पूरी महफिल का आकर्षण रहे। शेरों शायरी का दौर देर रात तक जलता रहा। लेकिन सभी के दिलों में राणा गहरी छाप छोड़ गए। मुनव्वर राणा के बाद मुल्क के नामवर शायर राहत इंदौरी ने देर रात मंच संभाला। उनके शेर
 ये सहारा जो नहीं हो तो परेशां हो जाएं
 मुश्किले जान ही ले लें अगर आसां हो जाएं।

 ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं
 मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएं तो इसां हो जाएं 

मैं वो दरिया हूं हर बूंद भंवर है जिसकी 
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा कर के।

 
मुंतजिर हूं कि सितारों की जरा आंख लगे 
चांद को छत पर बुला लूगा इशारा करके।
 कम समय तक मंच पर रहे राहत के हर एक शेर पर तालियां और वाह-वाह का शोर गूंज रहा था। इस दौरान जौहर कानपुरी, रईस अंसारी, मंजर भोपाली, अतुल अजनबी, तनवीर गाजी, डा अंजुम बाराबंकी,अतुल अदनवी, ग्वालियर, असर सिद्दीकी, डा. नसीम निखत, शबाना शबनम, शबीना अदील सहित कई शायरों ने भी अपने कलाम पेश किए।
 इन शेरों की भी सराहना
 तुम्हारा चेहरा चरागों में कौन रखता है 
मेरी तरह तुम्हें आंखों में कौन रखता है।
 शबीना अदीब कानपुरी।
खुदाए बरतर नए बरस में बस एक काम कर दे 
तू अपनी दुनिया से जालिमों का हर एक किस्सा तमाम कर दे।
नसीम निखत
 जुल्म के सारे चिरागों को बुझाकर देखो
अपनी किस्मत से बहुत दूर अंधेरा होगा। 
 जबलपुर के अनवर निजामी
कि कोई भी रोक न पाता गुजर गया होता
मेरा नसीब मोहब्बत में संवर गया होता
न आई होती गर बेगम मेरी अदावत को,
मैं अस्पताल की नर्सों पर मर गया होता।
पप्पू लखनवी