यह ब्लाग उन स्नेही वरिष्ठ जनों को सप्रेम समर्पित है जिन्होंने मुझे ब्लाग पत्रकार बनने प्रेरित किया, यहां आप पढ़ सकते हैं खबरें, आलोचनाएं, प्रशंसा, समसामयिकी, कविताएं भी, टोटली जो अखबार या कहीं और नहीं लिख सकता सारी भड़ास यहीं निकलेगी, आपका स्वागत है।
उस तरफ तेज हवायें है कोई कहता था वहां से लौट न पाओगे कोई कहता था आज जाना वो यकीनन सच कहता था..... एक ही बात कोई शख्स बार बार कहे ठहर के सुन लेने मैं कोई हर्ज नही होता है