निजी हॉस्पिट्ल्स में सेवाएं दे रहे चिकित्सक, प्रबंधको के झूठ की वजह से नहीं हो पा रही कार्रवाई
शहर के एल्गिन अस्पताल में सेवाएं दे रहे अधिकांश नियमित और संविदा आधार पर शासन से मोटी तनख्वाह ले रहे चिकित्सक और अन्य कर्मचारी शासन द्वारा जारी आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ये चिकित्सक और कर्मचारी न सिर्फ शासन को चूना लगा रहे है बल्कि निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं देकर उनसे भी मोटी तनख्वाह वसूल रहे हैं। शासकीय सेवा में होने के बाद नियम विरुद्ध निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने का सामर्थ्य न तो संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जुटा पा रहीं हैं न ही जिला प्रशासन। शासन ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई ढ़ील न दी जाए। इसके बावजूद कोई कार्रवाई न हो पाने से अधिकारियों की कार्यशैली पर आम नागरिकों में संशय की स्थिति निर्मित हो रही है।
ये हैं नियम
ंसंचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. के.के. ठस्सू द्वारा 14 जुलाई 2013 को सभी जिला कलेक्टरों को अपने आदेश में निजी प्रेक्टिस के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के अनुसार पूर्व में निजी प्रैक्टिस पर लगाई गए प्रतिबंध को हटाते हुए कहा गया था कि चिकित्सक केवल शासकीय संस्थान जिसमें सेवारत हैं उसके अलावा सिर्फ अपने निवास पर ही कर्त्वय अवधि के बाहर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी नर्सिंग होम या चिकित्सालय के प्रायवेट क्लीनिक में जाकर प्रेक्टिस की अनुमति प्रदान नहीं की गई। अर्थात वे सिर्फ अपने निवास पर ही प्रेक्टिस कर सकते हैं। आदेश में यह भी कहा गया कि जिले में कार्यरत चिकित्सक जो नियमित, संविदा या बांड सेवा में हों इस नियम का पालन करें।
क्या हैं हालात
इन नियमों का मखौल तो कई चिकित्सक उड़ा रहे हैं। चिकित्सा सूत्रों से मिली जानकारी पर जब एल्गिन में पदस्थ दो चिकित्सकों के खिलाफ मिली शिकायत में पता चला कि एल्गिन में चिकित्सक के पद पर पदस्थ डा. नीता पाराशर ने अपनी निजी क्लीनिक निवास के बजाए गुप्तेश्वर रोड पर खोल रखी है जो नियमित रूप से वहां सेवाएं ही नहीं देती बल्कि परामर्श भी देती हैं। इसके साथ ही वे रामपुर स्थित डा. सुले नर्सिंग होम में सेवाएं भी दे रही हैं। इसी तरह एल्गिन में निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर संविदा आधार पर कार्यरत डा. संगीता खुराना ने भी अपने निवास के बजाए गोरखपुर गुरद्वारे के पास निजी क्लीनिक खोल रखा है जहां वे नियमित रूप से बैठती हैं। यही नहीं डॉ. खुराना रामपुर स्थित सुले नर्सिंग होम सहित अन्य अस्पतालों में भी नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहीं हैं।
इनका कहना है
मेरी डिस्पेंसरी रहती है बंद
मैं तो एल्गिन हॉस्पिटल में संविदा आधार पर निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर हूं। मैं वहां की परमानेंट नहीं हूं। मेरा क्लीनिक भी हमेशा बंद रहता है मैं किसी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती हूं। मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं सिर्फ निश्चेतना विशेषज्ञ हूं।
डॉ. संगीता खुराना, संविदा निश्चेतना विशेषज्ञ, एल्गिन अस्पताल
दूसरों पर क्यों नहीं उठीं अंगुलियां
मेरा कहीं भी कोई क्लीनिक नहीं है और मैं निजी अस्पताल में सेवाएं भी नहीं दे रही हूं। सुले नर्सिंग होम में मेरा नाम भी नहीं लिखा हुआ है आप जाकर देख लीजिए वहां एल्गिन के कितने लोग काम करते मिलते हैं। मैं किसी निजी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती।
डॉ. नीता पाराशर, चिकित्सक, एल्गिन अस्पताल
निजी अस्पताल नहीं देते जवाब
निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ जब भी कार्रवाई की जाती है निजी अस्पताल प्रबंधक झूठ बोल देते हैं कि उनके यहां चिकित्सक कार्य ही नहीं करते इसी वजह से अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई। नियमों को तोड़ने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
डॉ. रंजना गुप्ता
संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं
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