वो जिन्होंने बच्चो को काबिल बनाने जिंदगी सौंप दी
वो जिनके कंधे बच्चों को उठाने में
कभी न झुके
अब जिनके बच्चे उन्हें बोझ समझते हैं
वो लोग जो न जाने क्यों ओल्ड एज
होम्स में रहते हैं
इस दिवाली उन्हें खुश करें न।
वो जिन्हें दो वक्त की रोटी नहीं
मिलती
वो जिनके सरों पर छत भी नहीं है
वो जिनके पास तन ढ़कने कपड़े नहीं
वो जो न जाने दिन भर कचरे में क्या
तलाशते हैं
वो जो न जाने क्यों मुस्कुराते नहीं
इस दिवाली इन्हें खुश करें न.
वो जिनकी अंगुली हम पकड़ कर चले
वो जिनके चेहरे पर पड़ी झुर्रियां
वो जो देर तक करते थे इंतजार
वो जिनकी बात कभी टाली नहीं गई
अब न जाने क्यों उनकी बात कोई मानता नहीं
इस दिवाली उन्हें खुश करें न
वो जिन्होंने आश्रमों में होश संभाला
वो जिनके नामों में वल्दियत नहीं
वो जो हैं मां-बाप से महरूम
वो न जाने क्यों हमेशा रहते हैं उदास
इस दिवाली उन्हें खुश करें न।
it's a super super
जवाब देंहटाएंmera sadhuvad sweekaren
भाइसाब सब् आप के उत्साह वर्धन से संभव हो पाया अन्यथा मे अकेला इस ब्लोग को पुनर्जीवित न कर पाता। अतः आप दीपावली की शुभ काम्नाओ के साथ् मेरा साधुवाद स्वीकार् करे
जवाब देंहटाएंआपका
नितिन