बात उन दिनों की है जब मई महाराष्ट्र स्कूल में क्लास ९ मैं पढता था
स्कूल की गैलरी में चीप लगी हुई थी दोपहर की रीसेस हुई थी में अपने दोस्तों के साथ वहीं खेल रहा था
अचानक मेरा हाथ एक सीनियर को लग गया
अब धोके से ही लगा था। मुझसे हाईट में कुछ ज्यादा उस सीनीअर ने मेरे गले में चपत लगानी शुरू कर दी
थोडी देर तो मैंने बर्दाश्त किया लेकिन फिर हिम्मत बाँध कर उसे एक जमके रहपट लगाया और भगा
मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था क्या करू
और में भाग कर सीधे प्रिंसिपल रूम में चला गया और उनसे पूरी बात बता दी
प्रिंसिपल ने उसी लड़के को बुलाकर फटकार लगाई और मेरी जान में जान आई ...........
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