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मंगलवार, जून 01, 2021

अस्पतालों के स्टोर में बंद वैंटीलेटर बचा सकते थे सैकड़ों की जान...

मप्र उच्च न्यायालय में राज्य सरकार ने सोमवार को अपना हलफनामा पेश किया जिसमें कहा गया कि प्रदेश के 52 में से सिर्फ 14 जिलों के अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन हैं जबकि प्रदेश में 95 वेन्टीलेटर्स अस्पतालों के स्टोर रूम में बन्द पड़े हैं। इस पर कोर्ट मित्र नमन नागरथ ने दलील दी कि समय रहते इन वैंटीलेटर्स को इंस्टॉल कर दिया जाता तो वेन्टीलेटर्स की कमी की वजह से गई सैकड़ों जानें बचाई जा सकती थीं।

 मप्र उच्च न्यायालय ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें निर्धारित कर दी हैं। ये दरें मंगलवार 1 जून से प्रभावी होंगी। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि आदेश की अवहेलना पर कार्यवाही की जाएगी।  निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के उपचार के नाम पर अब शहर के साथ ही समूचे प्रदेश का कोई भी निजी अस्पताल मरीज को लूट नहीं सकेगा। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा निर्धारित निजी अस्पतालों की इलाज की दरों को न केवल हरी झंडी दी है बल्कि इस आदेश 1 जून से तत्काल लागू करने का भी निर्णय लिया है। कमेटी ने पेश की रिपोर्ट कोरोना आपदा को लेकर मध्य प्रदेश न्यायालय में दर्ज की गई स्वत: संज्ञान याचिका पर सोमवार को दिन भर सुनवाई चली। इस बीच पिछली सुनवाई में पेश किए गए एक अंतरिम आवेदन में निजी अस्पतालों की मनमानी वसूली का मुद्दा उठाया गया। 24 मई को हुई सुनवाई में न्यायालय ने सरकार को 1 सप्ताह के भीतर निजी अस्पतालों की इलाज की दरों को निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे। जिस के परिपालन में प्रदेश सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी ने निजी अस्पतालों में इलाज की दरों संबंधी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की।

 सरकार 10 जून से लागू करना चाहती थी दरें  

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इलाज की दरों पर तो सहमति जताई लेकिन इसे लागू करने की तारीख पर कई आपत्तियां सामने आई। प्रदेश सरकार इसे 10 जून से लागू करना चाहती थी जिस पर अदालत मित्र समेत अन्य हस्तक्षेप कर्ताओ ने विरोध दर्ज कराया। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार आदेश को 1 जून से ही लागू करेगी।

 न्यायालय के आदेश के मुताबिक 

 नई दरों के मुताबिक अब कोविड-19 के लिए जनरल वार्ड में अधिकतम दर 5000 रुपए होगी। वही आईसीयू में 10 हजार रुपए प्रतिदिन की दर से अधिक वसूली अस्पताल नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही वेंटिलेटर युक्त आईसीयू के लिए 17 हजार रुपये प्रतिदिन की सीमा तय की गई है। इन तय की गई दरों में नर्सिंग चार्ज डॉक्टर फीस, डाइट और पीपीई किट का खर्च भी शामिल होगा। निजी अस्पतालों के लिए तय की गई दरों के अलावा सिर्फ दवाएं और जांच का ही पैसा निजी अस्पताल ले सकेंगे।