विधानसभा चुनाव में इस बार पूर्व विधान सभा को छोड़कर बाकि छेत्रो में अप्रत्याशित परिणाम तो देखने नही मिले लेकिन जिस दिन मत गड़ना चल रही थी उस दिन जीत के प्रति आश्वस्त उम्मीद वारो के चेहरों की उड़ती हवाईया बता रही थी की ये पब्लिक न कुछ भी कर सकती है ।
चाहे किसी उम्मीद वार के विरुध कितने ही आपराधिक प्रकरण क्यो न हो ,
चाहे जितनी ही नेगेटिव पब्लिसिटी क्यों न करली जाए,
आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन क्यों न हो,
पब्लिक को इन सब से कोई सरो कर नही
पब्लिक को हैप्पी एंडिंग पसंद आती है
बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो है
अपने पश्चिम के विधायक को ही ले लीजिये
अब जो है पूर्ण पारदर्शिता का डोर है जस्ट लायिक सरकारी नौकरी यू नो
सिपाही से लेकर अधिकारी तक बता देता है की साब में बिना लिए दिए तो यहाँ तक पंहुचा नही हूँ तो .........फिर आप स्वयं समझदार है
पब्लिक की समझा में अब करुप्शन की थेओरी भी चेंज हुई है
अब जो पैसे लेकर भी काम न कर वो होता है करप्ट
तो ठीक भी वोटर तो वोही है न जो अक्सर परदे के कुछ ही दूर राखी कुर्सियों पर बैठ कर फ़िल्म देखता है
एसी वाले यू नो टाइम नही निकल पाते इलेक्सन ,लाइन,वोटिंग,मार्क ओन् फिनगर बोरिंग न
तो ठीक है जो चुन रहे है सही चुन रहे
उन्हें अधिकार है और वो इसका उपयौग करना जानते है
मत गड़ना में आपकी सांसे क्यों न थमी हो पर अब स्वीकार करे की जनता ने आपको पुनः अवसर दिया है
और अब जीत ही गए है तो जिम्मेदारी समझें......................
यही व्यंग्य है और सच भी यही है !
जवाब देंहटाएंswaagat hai aapakaa likhte rahen
जवाब देंहटाएंkya baat hai bahut acche samjhainge.....
जवाब देंहटाएंjaroor samjhainge aakhir jitaya bhi humne hi hai agle chunaav se phele samajh jayenge
अपने प्रयास को आगे बदाये .. आप अकेले नही है
जवाब देंहटाएंबहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.ucohindi.co.nr )
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr