मंगलवार, नवंबर 20, 2012

संविदा अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल


                                                                                                                                                        पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा मनरेगा के संविदा अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल
मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन मध्यप्रदेश द्वारा प्रदेश में 19 नवम्बर से असहयोग अंादोलन प्रारंभ किया है जिला संघ द्वारा मांगों को
लेकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तथा अपर कलेक्टर कटनी को ज्ञापन
सौंपा है तथा कलेक्ट्रेट परिसर के सामाने टेन्ट लगाकर शांति पूर्ण धरना
प्रदर्शन किया जा रहा है । मनरेगा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अनुराग सिंह, जिला
अध्यक्ष श्री आशुतोष खरे एवं महासचिव डॉ0 संतोष बाल्मिकी ने बताया कि यह
आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन 19.11.2012 से 29.11.2012 तक जारी रहेगा।
आंदोलन पर अधिकारियों व कर्मचारियों के जाने से जिले, जनपद व ग्राम
पंचायतों में मनरेगा व ग्रामीण विकास विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे
हैं, उन्होने बताया कि मनरेगा अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन मध्यप्रदेश द्वारा
अपनी मांगें रखी गई है जिसमें समय समय पर शासन से पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग तथा मनरेगा योजनांतर्गत कार्यरत समस्त संविदा अमले की समस्याओ के
निराकरण तथा नियमितीकरण, महंगाई भत्ता दिये जाने आदि अनुरोध किये गये
है किंतु शासन द्वारा इस ओर आज तक कोई गंभीर निर्णय नही लिया जाकर दिन
प्रतिदिन नई नई समस्याएं संविदाकर्मियो के सामने खड़ी की है। म.प्र. जन
अभियान परिषद के संविदाकर्मियोे के नियमितीकरण की घोषणा कर अन्य
संविदाकर्मियोे के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करना। म.प्र. राज्य रोजगार
गारंटी परिषद की सशक्त समिती की बैठको मे जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अध्
ि
ाकारी, प्रबंधक, एपीओ, सीनियर डाटा मैनेजर, जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन अध्
ि
ाकारी आदि पदो उन्नत वेतनमान एवं प्रबंधक का पदनाम परिवर्तित कर एपीओ
करने के निर्णय को 02 वर्ष बाद भी लागू नही किया जाना। छटवे वेतनमान
का लाभ ग्राम रोजगार सहायको, तकनीकी सहायको,प्रयोगशाला तकनीशियन,
प्रयोगशाला सहायको को नही दिया जाना। छटवे वेतनमान के समकक्ष पारिश्रमिक
के आदेश जारी करने के उपरांत विसंगती पूर्ण गणना करना। संपूर्ण ग्रामीण
विकास विभाग के अमले को छठवे वेतनमान का लाभ दिया जाकर डीआरडीए
प्रशासन मे संविदा पर नियुक्त अधिकारियो/कर्मचारियो को आज तक छटवे
वेतनमान का लाभ नही दिये जाना । मनरेगा योजनांतर्गत पदस्थ
संविदाकर्मियोे का महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता जो कि तत्कालीन अपर
मुख्य सचिव माननीय श्री आर परशुरामजी के द्वारा दिया गया था, को बंद करना।
सहायक यंत्रियो के टीएस करने, पर्यवेक्षण करने आदि अधिकार समाप्त करना।
उपयंत्रियो के खिलाफ बिना किसी उचित जांच के एफआईआर दर्ज करवाना। अन्य
कर्मचारियो को 72 प्रतिशत महंगाई भत्ता देकर संविदा कर्मचारियो को आज

तक केवल 45 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रदान कर भेदभाव पूर्ण व्यवहार करना।
इस प्रकार अन्य कई प्रकार के भेदभाव शासन द्वारा संविदा
कर्मचारियो के साथ किये जाते रहे है संविदाकर्मी पूर्ण समर्पण भाव कई
वर्षो से अपना दायित्व निर्वहन कर रहे है एवं अपने कार्य तथा दायित्वो एवं
मध्यप्रदेश शासन के प्रति पूर्ण समर्पित है तथा अपनी योजना के साथ ही अन्य
समस्त योजनाओ अथवा सौंपे गये प्रभारो का दायित्व निर्वहन भी बहुत ही
अच्छे तरीके से कर रहे है। यहां यह कहना भी अतिश्योक्ती नही होगी कि
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संविदाकर्मी अन्य कर्मचारियो की अपेक्षा
कही ज्यादा कार्य करते है लेकिन फिर भी उन्हे कार्य के समान वेतन
भत्ते एवं अन्य सुविधाएं नही मिल पाते है संघ ने शासन से केवल एक ही मांग
की है नियमितीकरण अथवा नियमितीकरण हेतु निती निर्धारित करना।
इस हेतु संघ द्वारा पूर्व मे कई प्रकार की सकारात्मक प्रक्रियाओ को
भी अपनाने का प्रयास किया गया है परंतु इस हेतु कतिपय उच्चस्तरीय अधिकारियो
की उदासीनता के चलते संभव नही हो पाया है साथ ही 31 अक्टूबर को
संपूर्ण मध्यप्रदेश मे एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन एवं माननीय मुख्यमंत्री
महोदय को संबोधित ज्ञापन दिये जाने के उपरांत आज तक शासन द्वारा कोई
निर्णय नही लिये जाने के परिपेक्ष्य मे मनरेगा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग अंतर्गत पदस्थ संविदाकर्मियोे द्वारा दिनांक 19 नवंबर से
अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन किया जा रहा है । इस आंदोलन मे जिले के
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व मनरेगा के संविदा कर्मी शामिल है ।

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