छोटी सी घटना है लेकिन असर गहरा कर गई
दरअसल रोज की तरह में जब ऑफिस जा रहा था तो अपने तीन पत्ति फुहारे पर कुछ देर को ट्राफिक जाम से दो चार होना पड़ा। सामने से एक सूमो के आगे एक कार फँस गई । सूमो में एक पार्टी के झंडे लगे थे और कुछ अति उत्साही कार्यकर्ता (यू नो ग्रास रूट लेवल टाइप ) बैठे थे जबकि कार में एक सामान्य परिवार नजर आया। संभवतः इसी धनतेरस को गाड़ी ली थी। अब सूमो के सामने बेचार कार चालक को टर्न करने में देर क्या हो गई सूमो चालक ने फब्ती कस ही दी की
"चलानी नही आती तो क्यो चला रहे हैं ....."
परिवार के साथ बैठा कार चालक कुछ देर तो कुछ सोच कर शांत रहा लेकिन सूमो निकलते ही कुछ यूँ बोला की मुझे सुनाई दे ही गया
उसने बस इतना कहा की "ये भी तो ढंग से नही चला पाते अब देखते है न !"
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