"पत्थर उबालती रही एक माँ तमाम रात
बच्चे फरेब खा के चटाई पे सो गए"
बहुत पहले सुनी थी ये शायरी लेकिन जब हकीकत देखी तो सच बताऊ रोंगटे खड़े हो गए। जबलपुर के खमरिया के मतामर गांव में २ नवम्बर को एक महिला के साथ हुई एक घटना ने उसके पुरे परिवार को झकझोर दिया।फोटोग्राफर गगन के इस फोटो में दिखाई दे रहा चूल्हा दरअसल फिछले
पांच दिनों से नही जला था। कारन यह था की जिस महिला के साथ घटना हुई उस पर ही पुरे परिवार की जम्मेदारी थी। पांच दिनों से न वह मजदूरी करने गई न घर का चूल्हा जला था । थैंक्स तो जबलपुर कलेक्टर हरिरंजन राव जिन्होंने घटना की जानकारी मिलते ही न केवल उस महिला को हॉस्पिटल पहुचवाया बल्कि परिवार को शाशन से आर्थिक मदद भी दिलाई। यहाँ ये बताना जरुरी है की महिला पर उसके पांच बच्चो के साथ वृद्ध ससुर की भी जिम्मेदारी है और एक दरिन्दे ने उसे २ नवम्बर को अपनी हवस का शिकार बना लिया था.
बहुत दुखद घटना है. कलेक्टर साहब को नमन!!
जवाब देंहटाएंदुखद घटना | कलेक्टर साहब को बहुत बहुत धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)
ऐसे दरिंदों को गोली मार देन चाहिए।
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है
लिखते रहिए लिखने वाले की मंज़िल यही है }
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