शेष-अशेष

यह ब्लाग उन स्नेही वरिष्ठ जनों को सप्रेम समर्पित है जिन्होंने मुझे ब्लाग पत्रकार बनने प्रेरित किया, यहां आप पढ़ सकते हैं खबरें, आलोचनाएं, प्रशंसा, समसामयिकी, कविताएं भी, टोटली जो अखबार या कहीं और नहीं लिख सकता सारी भड़ास यहीं निकलेगी, आपका स्वागत है।

बुधवार, अक्टूबर 29, 2008

तस्वीरे

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आज अचानक नज़र गई कुछ तस्वीरो पर मेरी ही थी पर शायद अरसे पहले की तस्वीरे थी पर न जाने क्या बोल गई थी तस्वीरो की बात समझ में तब आई जब तस्वीरो क...
मंगलवार, अक्टूबर 28, 2008

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जशने दिवाली है मनाये जूनून से पर भूले न उसे भी जो कहीं सोता हो सुकून से उन पर भी हो नजर जो दिन भर फांकों से भी लड़े उन पर भी जिनके बच्चे अब ...
बुधवार, अक्टूबर 22, 2008

चुनाव

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चुने उनको जिन पर न हो अफ़सोस बाद में चुने उनको जो बाद में हर वक्त साथ दे मुनासिब है की आप व्यस्त हो मतदान के दिन भी निकाले वक्त लेकिन किसी तर...
1 टिप्पणी:

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चलो हम भी कुछ लिख कर देखते है चलो फिर आसमा छु कर देखते है दर्द कब तक हम सिर्फ़ देखेंगे चलो महसूस कर के देखते है .........................
4 टिप्‍पणियां:
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