यह ब्लाग उन स्नेही वरिष्ठ जनों को सप्रेम समर्पित है जिन्होंने मुझे ब्लाग पत्रकार बनने प्रेरित किया, यहां आप पढ़ सकते हैं खबरें, आलोचनाएं, प्रशंसा, समसामयिकी, कविताएं भी, टोटली जो अखबार या कहीं और नहीं लिख सकता सारी भड़ास यहीं निकलेगी, आपका स्वागत है।
बुधवार, अक्टूबर 22, 2008
चलो हम भी कुछ लिख कर देखते है चलो फिर आसमा छु कर देखते है दर्द कब तक हम सिर्फ़ देखेंगे चलो महसूस कर के देखते है .........................
bahut shandar sir
जवाब देंहटाएंVery good. Keep blogging
जवाब देंहटाएंKya bat hai kuchh naya nahi likha.
जवाब देंहटाएंकभी कभी मुझे लगता है की यदि फोटोग्राफी न होती तो मै क्या करता ?
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