गुरुवार, अक्टूबर 31, 2013

निजी पे्रक्टिस पर नहीं लग पा रहा अंकुश


निजी हॉस्पिट्ल्स में सेवाएं दे रहे चिकित्सक, प्रबंधको के झूठ की वजह से नहीं हो पा रही कार्रवाई

शहर के एल्गिन अस्पताल में सेवाएं दे रहे अधिकांश नियमित और संविदा आधार पर शासन से मोटी तनख्वाह ले रहे चिकित्सक और अन्य कर्मचारी शासन द्वारा जारी आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ये चिकित्सक और कर्मचारी न सिर्फ शासन को चूना लगा रहे है बल्कि निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं देकर उनसे भी मोटी तनख्वाह वसूल रहे हैं। शासकीय सेवा में होने के बाद नियम विरुद्ध निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने का सामर्थ्य न तो संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जुटा पा रहीं हैं न ही जिला प्रशासन। शासन ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई ढ़ील न दी जाए। इसके बावजूद कोई कार्रवाई न हो पाने से अधिकारियों की कार्यशैली पर आम नागरिकों में संशय की स्थिति निर्मित हो रही है।
ये हैं नियम
ंसंचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. के.के. ठस्सू द्वारा 14 जुलाई 2013 को सभी जिला कलेक्टरों को अपने आदेश में निजी प्रेक्टिस के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के अनुसार पूर्व में निजी प्रैक्टिस पर लगाई गए प्रतिबंध को हटाते हुए कहा गया था कि चिकित्सक केवल शासकीय संस्थान जिसमें सेवारत हैं उसके अलावा सिर्फ अपने निवास पर ही कर्त्वय अवधि के बाहर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी नर्सिंग होम या चिकित्सालय के प्रायवेट क्लीनिक में जाकर प्रेक्टिस की अनुमति प्रदान नहीं की गई। अर्थात वे सिर्फ अपने निवास पर ही प्रेक्टिस कर सकते हैं। आदेश में यह भी कहा गया  कि जिले में कार्यरत चिकित्सक जो नियमित, संविदा या बांड सेवा में हों इस नियम का पालन करें।
क्या हैं हालात
इन नियमों का मखौल तो कई चिकित्सक उड़ा रहे हैं। चिकित्सा सूत्रों से मिली जानकारी पर जब एल्गिन में पदस्थ दो चिकित्सकों के खिलाफ मिली शिकायत में पता चला कि एल्गिन में चिकित्सक के पद पर पदस्थ डा. नीता पाराशर ने अपनी निजी क्लीनिक निवास के बजाए गुप्तेश्वर रोड पर खोल रखी है जो नियमित रूप से वहां सेवाएं ही नहीं देती बल्कि परामर्श भी देती हैं। इसके साथ ही वे रामपुर स्थित डा. सुले नर्सिंग होम में सेवाएं भी दे रही हैं। इसी तरह एल्गिन में निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर संविदा आधार पर कार्यरत डा. संगीता खुराना ने भी अपने निवास के बजाए गोरखपुर गुरद्वारे के पास निजी क्लीनिक खोल रखा है जहां वे नियमित रूप से बैठती हैं। यही नहीं डॉ. खुराना रामपुर स्थित सुले नर्सिंग होम सहित अन्य अस्पतालों में भी नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहीं हैं।

इनका कहना है
मेरी डिस्पेंसरी रहती है बंद
मैं तो एल्गिन हॉस्पिटल में संविदा आधार पर निश्चेतना विशेषज्ञ के पद पर हूं। मैं वहां की परमानेंट नहीं हूं। मेरा क्लीनिक भी हमेशा बंद रहता है मैं किसी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती हूं। मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं सिर्फ निश्चेतना विशेषज्ञ हूं।
डॉ. संगीता खुराना, संविदा निश्चेतना विशेषज्ञ, एल्गिन अस्पताल
दूसरों पर क्यों नहीं उठीं अंगुलियां
मेरा कहीं भी कोई क्लीनिक नहीं है और मैं निजी अस्पताल में सेवाएं भी नहीं दे रही हूं। सुले नर्सिंग होम में मेरा नाम भी नहीं लिखा हुआ है आप जाकर देख लीजिए वहां एल्गिन के कितने लोग काम करते मिलते हैं। मैं किसी निजी अस्पताल में सेवाएं नहीं देती।
डॉ. नीता पाराशर, चिकित्सक, एल्गिन अस्पताल
निजी अस्पताल नहीं देते जवाब
निजी अस्पतालों में नियम विरुद्ध सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के खिलाफ जब भी कार्रवाई की जाती है निजी अस्पताल प्रबंधक झूठ बोल देते हैं कि उनके यहां चिकित्सक कार्य ही नहीं करते इसी वजह से अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई। नियमों को तोड़ने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
डॉ. रंजना गुप्ता
संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं

मंगलवार, अक्टूबर 29, 2013

उर्जा संरक्षण के प्रति विद्यार्थियों में दिखा उत्साह



26 वाँ पश्चिम भारत राज्य स्तरीय विज्ञान मेला


किसी ने बायोगैस संयंत्र बनाया तो किसी ने समुद्र की लहरों से उर्जा उत्पादन का प्रोजेक्ट तैयार किया। कोई चलती हुई ट्रेन से उर्जा उत्पादन करने प्रोजेक्ट तैयार कर के आया तो किसी ने फ्यूज सीएफएल को मोबाईल की बैटरी से रोशन कर दिया। मौका था 26 वें पश्चिम भारत राज्य विज्ञान मेले का। इस स्पर्धा में प्रदेश के शहर सहित 7 जिलों से आए एक सैकड़ा से अधिक विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ शिरकत की। विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए मॉडल्स इतने बेहतरीन थे कि निर्णायक भी हैरत में पड़ गए कि किसे चयनित किया जाए। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में मंगलवार को दो दिवसिय विज्ञान मेले का शुभारंभ किया गया। संस्थान संचालक दिनेश अवस्थी ने बताया कि इस मेले में प्रदेश के उभरते हुए कक्षा 8 से 12 वीं तक के भावि वैज्ञानिकों शिरकत की।
7 जिलों से आए प्रतिभागी
इस राज्य स्तरीय मेले में शहर के साथ भोपाल, छतरपुर, देवास, ग्वालियर, खंडवा, रीवा और उज्जैन से आए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। अनेक जिलों से आए प्रतिभागियों में भोपाल से 24 , छतरपुर से 24, देवास से 15, ग्वालियर से 13, खंडवा से 18, रीवा से 6, उज्जैन से 20 और शहर से 18 प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए। इन प्रोजेक्टस में व्यक्तिगत प्रोजेक्ट, टीम प्रोजेक्ट, टीचर प्रोजेक्ट और मार्गदर्शक शिक्षकों के प्रोजेक्ट शामिल थे।
उर्जा में दिखाई दी ज्यादा रूचि
मेला प्रभारी सुसम्मा जोसम्मा ने बताया कि मेले में इस बार पिछले मेले के अपेक्षा प्रतिभागियों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ। उन्होंने बताया कि इन दिनों न्यूज चैनल्स, अखबारों के माध्यम से नई पीढ़ी के इन वैज्ञानिकों को भी लगातार उर्जा संकट की जानकारी मिल रही है। मेले में इस बार देखने में आया कि नई पीढ़ी भी उर्जा संकट को लेकर चिंतित है इस बार मॉडल्स में अधिकांश ऐसे मॉडल्स देखने मिले जिनमें विद्यार्थियों ने परंपरागत उर्जा स्त्रोतों के बजाए वैकल्पिक स्त्रोतों से उर्जा उत्पादन के विषय में अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। इनमें सौर उर्जा, समुद्री लहरों से उर्जा, पवन उर्जा, बायोगैस जैसे संयंत्र विशेष रूप से सराहनीय रहे। उन्होंने बताया कि बच्चों ने बताया कि उनके दिमाग में उर्जा संकट से देश को उबारने का विचार आया और इस विषय में प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए उन्होंने अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लिया।
हैरत में पड़े निर्णायक गण
इस मेले में प्रोजेक्ट्स को देख कर कुछ देर के लिए उत्कृष्ठ प्रोजेक्ट का निर्धारण करने आए 9 निर्णायक भी हैरत में पड़ गए। इस स्पर्धा में निर्णय करने के लिए सार्इंस कॉलेज के डॉ. अरुण शुक्ला, पूर्व प्राचार्य डाइट डॉ. टी.पी. सहाय, पूर्व प्राचार्य सार्इंस कॉलेज प्रोफेसर प्रभात मिश्रा, प्रोफेसर के.के. दुबे, सहायक शिक्षक जी.आर. साहू, डॉ. पवन शंकर तिवारी, डॉ संध्या अग्नि होत्री, डॉ. आर. ग्रोवर, डॉ. आर साहू, डॉ. आलोक शुक्ला एवं जेईसी के डा. एन.एस. टिटारे ने निर्णायक की अहम भूमिका निभाई। निर्णायकों ने बताया कि इस बार के कुछ प्रोजेक्ट्स देख वे मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि देश के भावि वैज्ञानिकों में भी देश को संकट से उबारने के लिए विचारधारा है।
संरक्षित करें जल
मैंने देखा कि बारिश के जल को संरक्षण करने के प्रति किसी का भी ध्यान नहीं है इसी बात को लेकर मैंने यह प्रोजेक्ट तैयार किया इस में रैन वॉटर हार्वेस्टिंग के विषय में बताया गया। मेरा सपना आइएएस अधिकारी बनने का का है।
सलोनी आर्य, लोकमान्य तिलक स्कूल, उज्जैन
समुद्री लहरों से बनाएं उर्जा
मैंने अपने प्रोजेक्ट में बताया है कि किस तरह सागर की लहरों से उर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। उर्जा के परंंपरागत स्त्रोतों के बजाय यदि इस दिशा में कार्य होता है तो हमें उर्जा संकट से काफी हद तक निजात मिल सकती है। देश में उड़ीसा, मुंबई, हैदराबाद, गुजरात सहित कई प्रदेशों के बंदरगाहों में यह परियोजना बनाई जा सकती है। मैं बड़ी होकर आइएएस अधिकारी बनना चाहती हूं।
राशिका जैन, शासकीय स्कूल निवास
गांवों का किया सर्वे
मैंने अपने प्रोजेक्ट बनाने से पहले मंडला जिले के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण भी किया और पाया कि किसी का भी ध्यान बायोगैस प्लांट से उर्जा उत्पादन की दिशा में नहीं है। अपने प्रोजेक्ट में मैंने बताया है कि किस तरह सोयाबीन और अन्य अनुपयोगी पदार्थों से किस तरह उर्जा उत्पादन किया जा सकता है। बड़ी होकर मैं इंजीनियर बनना चाहता हूं।
निरुपमा विश्वकर्मा,  शासकीय कन्या शाला, मंडला
नहीं गंदा होगा रेलवे ट्रैक
मैंने अपने प्रोजेक्ट में चलती हुई ट्रेनों से विद्युत उत्पादन कर टेÑनों में विद्युत आपूर्ति देने का प्रोजेक्ट बनाया है इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण अंग है टेÑनों के शौचालय जिन्हें बार-बार उद्घोषणा के बाद भी प्लेटफार्म पर प्रयोग किया जाता है। इस प्रोजेक्ट से मामूली से खर्च से गंदगी को रोका जा सकता है।  बड़ी होकर मैं इंजीनियर बनना चाहता हूं।
रिजा खान, शासकीय कन्या शाला, मंडला

मध्यान्ह भोजन में फिर मिली इल्लिया






भोजन निर्माता नंदी फाउंडेशन की रसाई में खाद्य   विभाग का छापा, सामग्री के लिए गए सैंपल

मध्यान्ह भोजन में शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर में आज फिर एक स्कूल में वितरित किए गए मध्यान्ह भोजन में न सिर्फ दुर्गंध आ रही थी बल्कि उसमें इल्लियां भी मिली। शासकीय कन्या शाला, ब्यौहारबाग स्कूल के बच्चों को परासे गए भोजन में इल्लियां मिलने की खबर से पहले स्कूल प्रबंधन सकते में आया इसके बाद उनके अभिभावक और क्षेत्रीय नेताओं ने भी चिंता जाहिर की। इस सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे जिला खाद्य नियंत्रक एवं जिला खाद्य एवं औषधि विभाग की टीमों ने पहले स्कूल और इसके बाद नांदी फाउंडेशन में छापा मार कर वहां हर प्रकार की तैयार खाद्य सामग्री के साथ कच्ची सामग्री के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए भेजा। पूरी कार्रवाई के दौरान स्कूल एवं नंदी फाउंडेशन की रसोई में गहमा-गहमी का माहौल रहा।
स्कूल में मचा हंगामा
हर रोज की तरह सोमवार को भी स्कूल में दोपहर में नंदी फाउंडेशन का वाहन आकर मध्यान्ह भोजन रखकर गया। भोजन स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को वितरित हो पाता इससे पहले ही इससे पहले ही स्कूल के स्टाफ की कंटेनर में पड़ी इल्लियों पर नजर पड़ गई। स्कूल के शिक्षकों के मुताबिक कंटेनरों से दुर्गंध आ रही थी जब उन्होंने कंटेनरों को खोलकर देखा तो बदबू के साथ उसमें इल्लियां भी उतराती मिली जिसके चलते उन्होंने प्रबंधन को सूचना दी।
पहुंचे स्थानीय जन, नेता
स्कूल में मध्यान्ह भोजन में इल्लियां मिलने की खबर क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैली थोड़ी ही देर में स्कूल में कांग्रेस नेता विनय सक्सेना और स्थानीय लोग भी पहुंचे। उन्होंने इस बात से तत्काल जिला आपूर्ति नियंत्रक आर.एस. ठाकुर को अवगत कराया। श्री ठाकुर खाद्य विभाग के सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, फुड इंस्पेक्टर सारिका कुंभारे, संजीव अग्रवाल के साथ जिला खाद्य एवं औषधि प्रबंधन विभाग के शैलेंद्र मेश्राम एवं सारिका दीक्षित की टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
नांदी फाउंडेशन में लगी भीड़
स्कूल से सेंपल लेने के बाद जब जिला आपूर्ति नियंत्रक आर.एस. ठाकुर विभाग एवं जिला खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम के साथ नंदी फाउंडेशन पहुंचे तो वहां हड़कंप का माहौल निर्मित हो गया। यहां स्थानीय जनों का भी जमघट लग गया। इस टीम ने खाना पकाने, रखने, और निर्माण सामग्री का जायजा लेने के साथ ही खाद्य पदार्थों के सैंपल भी लिए। श्री ठाकुर ने बताया कि सभी सेंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया।
क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
 स्कूल में बच्चों के परिजनों के साथ वहां पहुंचे स्थानीय लोग और कांग्रेस नेता विनय सक्सेना ने भोजन निर्माण में गुणवत्ता का खयाल न रखने वाली नंदी फाउंडेशन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लोगों ने कहा कि यदि भोजन बच्चे खा लेते तो अनहोनि घट सकती थी। स्थानीय जनों ने कहा कि नंदी फाउंडेशन का यह पहला मामला नहीं है इस तरह के अनेक मामले सामने आ चुके हैं इसके बावजूद अब तक भोजन निर्माण का जिम्मा नंदी फांउंडेशन से छीना नहीं गया। स्थानीय जनों ने मांग की कि इन अनियमितताओं को देखते हुए नंदी फाउंडेशन का दिया गया भोजन निर्माण का ठेका तत्काल निरस्त किया जाए।

रविवार, अक्टूबर 27, 2013

दरिंदगी का शिकार बनी मासूम

माढ़ोताल के सूखा की घटना, चार युवकों ने किया गैंगरेप
माढ़ोताल थानांतर्गत सूखा में एक 14 साल की बालिका को गांव के चार युवकों ने अपनी हैवानियत का शिकार बना दिया। पुलिस के अनुसार गांव के चार दरिंदों ने मिलकर एक मासूम की अस्मत लूट ली। सामूहिक बलात्कार की इस घटना से पूरे गांव में सनसनी का माहौल है। आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म के साथ एससीएसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। पीड़ित बालिका ने पहले माढ़ोताल थाना और इसके बाद घटना की शिकायत एससीएसटी थाने में दर्ज कर कराई।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई। गाँव की 14 वर्षीय बालिका के माता, पिता एवं भाई मजदूरी के लिए गए थे और वह अपने बुआ के घर में थी।  करीब तीन बजे वह बुआ के कहने पर दुरमुट लाने के लिए गई इसी दौरान उसे सूखा निवासी राजन अहिरवार उर्फ बिल्लू रास्ते में किला। बिल्लू ने बालिका से कहा कि उसका भाई उसे बुला रहा है।
 है। बिल्लू की बात सुनकर बालिका उसके साथ चली गई। बालिका के साथ उसकी मौसी का 3 वर्षीय बेटा भी था। पुलिस के मुताबिक बिल्लू बालिका के साथ बेड़ी अहिरवार के घर के पास पहुंचा ही था कि वहां इसी गांव के रहने वाले शशिकांत विश्वकर्मा, अज्जू कोल और चंदन दाहिया भी मिल गए। बिल्लू के इशारे पर सभी ने बालिका को पकड़ लिया और उसे जबरदस्ती गंगूबाई के घर में कैद कर दिया गया। बाहर से शटर बंद कर चारों आरोपी कुछ देर पश्चात पीछे के रास्ते से वहां पहुंचे जहां बालिका को कैद किया गया था। बिल्लू ने बालिका से कहा कि वह आज रात यहीं चंदन के साथ रुक जाए। बालिका नहीं मानी तो वहां फिर से शशिकांत व अज्जू भी पहुंच गए। तीनों ने बालिका के हाथ-पैर पकड़ लिए और शशिकांत ने बेखौफ होकर उसकी आबरू लूट ली। पुलिस का कहना है कि इस मामले में शशिकांत और अज्जू को गिरतार कर लिया है तथा चंदन व बिल्लू की तलाश की जा रही है।

बबलू, प्रदीप और राजकुमार ने जीते पुरस्कार





महेन्द्र चौधरी स्मृति चित्रांजलि स्पर्धा की प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध

रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला दीर्घा में रविवार को शहर के छायाकारों का कुंभ लगा रहा। मौका था स्व. महेंद्र चौधरी स्मृति चिंत्रांजली स्पर्धा का। स्पर्धा में इस बार प्रथम पुरस्कार प्रदीप कुमार ने जीता जबकि दूसरे स्थान पर बबलू रजक एवं तीसरे पुरस्कार छायाकार राजकुमार गोंटिया ने हासिल किया।
स्पर्धा का सादे किंतु गरिमामय समारोह में शुभारंभ भारत के पूर्व सॉलिसिटर रोटेरियन जनरल विवेक कृष्ण तन्खा ने किया। कार्यक्रम में महापौर प्रभात साहू एवं नेता प्रतिपक्ष विनय सक्सेना, पश्चिम मध्य रेल के पीआरओ पीयूष माथुर एवं गारमेंट क्लस्टर के एमडी श्रेयांस जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा ही देर शाम पुरस्कार वितरण किया गया। चित्रांजली के संयोजक अरुणकांत अग्रवाल ने एवं अध्यक्ष पीयूष जैन ने बताया कि शहर के छायाकारों द्वारा दी गई करीब 400 फोटो में उत्कृष्ठ फोटो को चयन करना एक दुष्कर कार्य है। इसे वरिष्ठ छायाकार सुगन जाट, राजेश मालवीय, वाइल्ड लाईफ फोटोग्राफर आदित्य शुक्ला ने निभाया। वीडियो जज की भूमिका प्रदीप परिहार, सोनू सचदेवा एवं सचिन उपाध्याय ने निभाई। इस दौरान चित्रांजली समिति के धीरज पटैल, राम सचदेवा एवं मनोज श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।

परिजनों के मोह में डूब न जाए भाजपा की नैया



विधान सभा चुनाव को ज्यादा समय नहीं रह गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का परिजनों से मोह और घरों से निकल कर अब सड़कों और थानो तक पहुंच चुका है। कही विधायक पुत्र ने पूरी विधानसभा में आतंक के पर्याय बने हैं तो कहीं प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के भाई थाने में पुलिस के नुमांइंदों के गिरेबान में हाथ डालने से भी नहीं चूक रहे। आलम ये है कि अब भाजपा के मंडल अध्यक्ष जैसे पदों पर बैठे नेताओं के परिजन दूसरों के घरों में घुस कर उनकी बहु-बेटियों की अस्मत से खेल रहे हैं। इन सब के बीच ‘वफादार’ और ‘आज्ञाकारी’ की तरह खड़ी पुलिस का ‘मौन’ आम नागरिकों के गले नहीं उतर रहा है। पुलिस या तो इन अत्याचारियों के खिलाफ प्रकरण नहीं दर्ज कर रही है और किसी तरह दबाव में यदि प्रकरण दर्ज भी कर ले तो गिरफ्तारी करने से परहेज कर रही है।
केस 1
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष ने मचाया आतंक
 बेलखेड़ा थानांतर्गत पावला निवासी एक राजनैतिक दल के मंडल अध्यक्ष के भतीजों ने लोगों की नाक में दम कर दी है। कुछ माह पूर्व मंडल अध्यक्ष का एक भतीजा बुरी नीयत से महिला के घर में घुस गया था। 25 अटूबर की रात फिर उसके दूसरे भतीजे ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में घुसकर गड़बड़ी की कोशिश की। मामला बुरी नीयत का है या फिर कुछ और लेकिन पुलिस ने अभी चोरी की नीयत से घर में प्रवेश करने का मामला दर्ज किया है। बेलखेड़ा पुलिस के मुताबिक पावला गांव निवासी विश्वनाथ गुमाश्ता एक
राजनैतिक दल से जुड़े मंडल अध्यक्ष का भतीजा है। विश्वनाथ 25 अक्टूबर की रात गांव में ही रहने वाली एक महिला के घर में कूद-फांदकर घुस गया। उस वत 32 वर्षीय महिला घर में अकेली सो रही थी और परिवार के सभी सदस्य रिश्तेदार के घर गये हुए थे। बताया जाता है कि महिला ने जब शोर मचाया तो गांव के लोग वहां इकट्ठा हो गए और विश्वनाथ गुमाश्ता निकलकर भागने में कामयाब रहा। पुलिस ने चोरी के प्रयास का अपराध पंजीबद्घ कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
Ñकेस 2
मंडल अध्यक्ष के भतीजों के आतंक से गांव त्रस्त
ओमती थाना पुलिस के अनुसार हालहीं में भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष आजाद अली ने अपने भाई आजम उस्मानी के लिए थाने में जमकर हंगामा मचाया। पुलिस के अनुसार आजम ने रात जमकर मारपीट की। घायल जब रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे तो थाने में पहले से ही आजम के पक्ष के आधा सैकड़ा से अधिक लोग मौजूद थे। पुलिस के अनुसार हंगामा करने वाले आरोपी का भाई भाजपा नेता व उसके समर्थकों ने न सिर्फ थाने में हंगामा मचाया बल्कि वर्दीधारियों से भी जमकर गाली-गलौज की। पुलिस के अनुसार घंटाघर के पास रहने वाले शाहिद कमर अली अपने घर के बाहर खड़ा था तभी आजम उस्मानी अपने एक साथी के साथ कार से वहां पहुंचा और गाली-गलौज करने लगा। शाहिद के मना करने पर आजम ने उस पर रॉड से हमला कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर आजम के भाई भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष आजाद अली अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचा और पुलिस कर्मियों के साथ जमकर गाली गलौज की। टीआई इंद्रमणि पटेल ने बताया ने बताया कि प्रकरण तो दर्ज हुआ लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।


केस 2
जिंदा जलाने की धमकी दे रहा विधायक पुत्र
बरगी विधायक के पुत्र के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक बार फिर शिकायत की गई। शिकायत करने वाले कोई और नहीं बल्कि वे हैं जिनके द्वारा पूर्व में भी शिकायत की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बरगी विधायक के पुत्र द्वारा अब उसे केस वापस लेने धमकाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहारीपुर निवासी लक्ष्मण सिंह के पुत्र साहब सिंह ने हस्ताक्षरित शिकायत एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को सौंप कर मांग की है कि उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। पीड़ित साहब सिंह ने शिकायत में कहा है कि उसके द्वारा 10 मई को विधायक पुत्र ने उसका अपहरण कर बुरी तरह मारपीट की। जिस पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद बेलखेड़ा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। शिकायत में कहा गया है कि राजनीतिक दबाव के चलते विधायक प्रतिभा सिंह के पुत्र की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई। जिसके चलते अब भी वह खुलेआम घूम रहा है। यही नहीं आरोपियों द्वारा उसे केस वापस लेने के लिए लगातार धमकाया जा रहा है। पीड़ित ने शिकायत में कहा है कि विधायक पुत्र चुनाव के पहले मामला वापस लेने उस पर दबाव बना रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि विधायक पुत्र अपने 5 साथियों के साथ 22 अक्टूबर को उसे मिला और गाली-गलौज कर परिवार सहित जिंदा जलाने की धमकी दी। वह इसकी शिकायत करने थाने पहुंचा लेकिन वहां से भी उसे भगा दिया गया।

"जात ही पूछो साधू की "


विवेचना का राष्ट्रीय नाट्य समारोह संपन्न


जातिवाद पर प्रहार करते नाटक ‘जात ही पूछा साधु की ’ के साथ विवेचना का 20 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह संपन्न हुआ। तरंग आॅडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे समारोह के अंतिम दिन रविवार को अंक मुंबई के कलाकारों द्वारा स्व. विजय तेंदुलकर के इस नाटक का मंचन किया गया। नाटक के निर्देशक स्व. दिनेश ठाकुर थे। उनके निदेर्शन में इस नाटक के हिन्दी और मराठी के संस्करण को काफी सराहना मिल चुकी है। इस नाटक ने दर्शकों को हंसाते हंसाते जातिवाद पर प्रहार कर ही दिया।
नाटक पिछड़ी जाति के बेरोजगार युवक महीपत बाभ्ररूवाहन के इर्द गिर्द घूमती है। जो थर्ड डिवीजन से हिन्दी एवं साहित्य में एमए किसी तरह पास कर लेता है हिन्दी लेक्चरार के पद के लिए अनेक जगह आवेदन करने के बाद भी उसे इंटरव्यू के लिए बुलाव इसलिए आता है कि अपनी जाति में सिर्फ वही एमए पास है। इसी बीच उसे एक ग्रामीण कॉलेज में नौकरी मिल जाती है क्योंकि उस पद के लिए वह अकेला उम्मीदवार था। कॉलेज की चेयरमैन की मूर्ख भांजी को भी कुछ दिन बाद हिन्दी लैकचरार के रूप में नियुक्त कर लिया जाता है। इसी के साथ महीपत के खिलाफ घटनाओं का दौर शुरु हो जाता है और पूरे समय वह अपनी नौकरी बचाने जुगाड़ में लगा रहता है। महीपत चेयरमैन की भांजी नलिनि से इश्क लड़ाने और विवाह की योजना भी बनाता है। अंतत: वह सफल नहीं हो पाता और उसे नौकरी से निकाले जाने के बाद फिर से वह शिक्षित बेरोजगार हो जाता है।
इस नाटक में अमन गुप्ता, एससी माखीजा, बिन्नी मरीवाला, रोहित चौधरी, प्रवाल मजूमदार, कुमकुम मजूमदार, प्रशांत, संदीप जय, सुमित की आदकारी ने संभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
नाटक के अंत में अंक प्रभारी प्रीता माथुर का हरि भटनागर की पेंटिंग स्मृति चिन्ह के रूप में प्रदान की गई। मुंबई के कलाकारों का स्वागत मनु तिवारी, गोपाली चंद्रमोहन, राजकुमार शुक्ला, अर्पिता मालपाणी एवं अंजली दुबे ने किया। इस दौरान विवेचना के हिमांशू राय, बांके बिहारी ब्यौहार, बसंत काशीकर, तपन बैनर्जी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।