शेष-अशेष

यह ब्लाग उन स्नेही वरिष्ठ जनों को सप्रेम समर्पित है जिन्होंने मुझे ब्लाग पत्रकार बनने प्रेरित किया, यहां आप पढ़ सकते हैं खबरें, आलोचनाएं, प्रशंसा, समसामयिकी, कविताएं भी, टोटली जो अखबार या कहीं और नहीं लिख सकता सारी भड़ास यहीं निकलेगी, आपका स्वागत है।

Parul Khakkar लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Parul Khakkar लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मंगलवार, मई 25, 2021

पारुल बेन जिंदाबाद

›
  उस दौर में जब अच्छा लिखने वाले बोलने वाले 'रंगा- बिल्ला' और उनके कुत्तों की दहशत में या तो राग दरबारी गा रहे हैं या फिर चारणभाट बन...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.