बुधवार, अक्तूबर 29, 2008

तस्वीरे

आज अचानक नज़र गई कुछ तस्वीरो पर
मेरी ही थी
पर शायद अरसे पहले की
तस्वीरे थी पर न जाने क्या बोल गई थी
तस्वीरो की बात समझ में तब आई जब
तस्वीरो के बाद सामने आइना था
सच है अब शायद में बदल गया हूँ

मंगलवार, अक्तूबर 28, 2008

जशने दिवाली है मनाये जूनून से
पर भूले न उसे भी जो कहीं सोता हो सुकून से
उन पर भी हो नजर
जो दिन भर फांकों से भी लड़े
उन पर भी जिनके बच्चे
अब भी भूके हैं खड़े
मैंने तो सोच रखा है दिवाली मनाऊ उनके भी साथ मे
छोटा सा एक दिया भी जिनको महताब सा लगे

बुधवार, अक्तूबर 22, 2008

चुनाव

चुने उनको जिन पर न हो अफ़सोस बाद में
चुने उनको जो बाद में हर वक्त साथ दे
मुनासिब है की आप व्यस्त हो मतदान के दिन भी
निकाले वक्त लेकिन किसी तरह वतन के वास्ते
चलो हम भी कुछ लिख कर देखते है
चलो फिर आसमा छु कर देखते है
दर्द कब तक हम सिर्फ़ देखेंगे
चलो महसूस कर के देखते है .........................